Last Updated:May 12, 2025, 17:31 ISTPakistan vs India : भारत ने पाकिस्तान पर सीजफायर का फैसला करके एक बार फिर बड़ा दिल दिखाया है, लेकिन यह पहली बार नहीं है. नवंबर, 2008 में पाकिस्तान की ओर से किए गए अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले के बाद 2010 में…और पढ़ेंपाकिस्तान में 2010 में आई बाढ़ में भारत ने बड़ी मदद की थी.हाइलाइट्सभारत ने 2010 में पाकिस्तान को 215 करोड़ रुपये की मदद दी थी.मुंबई हमले के बाद भी भारत ने पाकिस्तान को अनाज और धनराशि भेजी.मनमोहन सरकार ने पाकिस्तान की बाढ़ के दौरान मदद की थी.नई दिल्ली. भारत के खिलाफ हमेशा साजिश रचने वाले पाकिस्तान पर सीजफायर रोककर पहली बार हमने बड़ा दिल नहीं दिखाया है. इससे पहले भी कई बार पाकिस्तान के जहर उगलने के बावजूद भारत ने क्षमादान दिया. यहां तक कि मुंबई में किए गए इतिहास के सबसे बड़े आतंकी हमले के बाद भी जब पाकिस्तान कुदरत का कहर टूटा तो भारत ने एक मददगार की भूमिका निभाई और सैकड़ों करोड़ रुपये व अनाज की मदद पहुंचाकर उसे उबरने में मदद की.
यह वाक्या है साल 2010 तक, तब केंद्र में स्वर्गीय मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली यूपीए सरकार थी. इससे पहले 26 नवंबर, 2008 को ही पाकिस्तान के एक दर्जन से ज्यादा आतंकियों ने पूरे मुंबई शहर में कहर बरसाया था और 150 से ज्यादा निर्दोषों को मौत के घाट उतार दिया था. पूरे तीन दिनों तक मुंबई शहर जलता रहा और सुरक्षाबलों ने सभी आतंकियों को मार गिया, जबकि कसाब को गिरफ्तार कर फांसी की सजा सुनाई गई. इतने दुर्दांत हमने के बाद भी भारत ने पाकिस्तान पर मुसीबत आने पर मददगार की भूमिका निभाई.
पाकिस्तान पर टूटा था कहरयह बात है सितंबर, 2010 की जब पाकिस्तान के कई इलाके भयंकर बाढ़ से जूझ रहे थे. तब यूपीए यानी मनमोहन सिंह सरकार ने 70 लाख डॉलर (करीब 600 करोड़ रुपये) की मदद पाकिस्तान को भेजी थी. तब तत्कालीन विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने संसद को बताया था कि भारत ने 50 लाख डॉलर की मदद संयुक्त राष्ट्र के जरिये भेजी थी, जबकि 20 लाख डॉलर सीधे तौर पर पाकिस्तान को पहुंचाया था. विदेश मंत्री ने बताया था कि पाकिस्तान को कुल 2.5 करोड़ डॉलर करीब 215 करोड़ रुपये) की मदद पहुंचाई गई है. इसमें से 2 करोड़ डॉलर सीधे तौर पर और 50 लाख डॉलर संयुक्त राष्ट्र के जरिये पहुंचाए गए थे.
पाकिस्तान को कितना नुकसानतत्कालीन भारतीय विदेश मंत्री ने संसद को बताया था कि पाकिस्तान को 8 दशक की सबसे गंभीर बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है. इस बाढ़ से 1.72 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि मृतकों की संख्या भी 1,600 से ज्यादा रही है. 12 लाख घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जबकि कई फसलों और पशुधन को भी नुकसान हुआ है.
पाकिस्तान की हालत देख रो पड़ी थी कांग्रेस सरकार!पाकिस्तान के आतंकियों ने भले ही भारत को लहूलुहान कर दिया था, लेकिन 2 साल के भीतर ही जब पाकिस्तान पर संकट आया तो तत्कालीन यूपीए सरकार रो पड़ी थी. विदेशी मंत्री एसएम कृष्णा ने संसद को बताया था कि पड़ोसी पर गंभीर मानवीय संकट है और हम इससे अनभिज्ञ नहीं रह सकते हैं. उन्होंने पाकिस्तान के विदेश मंत्री को फोन करके जनता और सरकार के प्रति गहरी संवेदना भी व्यक्त की थी. उन्होंने साफ कहा था कि भारत इस मुश्किल घड़ी में पाकिस्तान के साथ खड़ा है.
हजारों टन अनाज भी दियातत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी संसद को बताया था कि ऐसे गंभीर हालात में पूरे दक्षिण एशिया को पाकिस्तान की मदद के लिए खड़े होना चाहिए. सरकार ने सदन को बताया था कि 2.5 करोड़ डॉलर में से 2 करोड़ डॉलर की मदद सीधे तौर पर पाकिस्तान को दी गई है, जबकि 50 लाख डॉलर से अनाज खरीदकर पीडि़तों को पहुंचाया गया. पहले सरकार ने 50 लाख डॉलर की मदद करने का ही प्रस्ताव था, लेकिन बाद में इस मदद को बढ़ाकर 2.5 करोड़ डॉलर कर दिया गया है.
Pramod Kumar Tiwariप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि…और पढ़ेंप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि… और पढ़ेंभारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessमुंबई हमले के बाद भी मनमोहन सरकार ने की थी पाकिस्तान की मदद, दिए थे 215 करोड़
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