हर दिन 100% देना ज़रूरी नहीं… मामाअर्थ की ग़ज़ल अलघ ने क्‍यों दी यह सलाह

Must Read

Last Updated:March 19, 2025, 08:13 ISTमामाअर्थ की को-फाउंडर ग़ज़ल अलघ ने उद्यमियों को ‘85% रूल’ अपनाने की सलाह दी है, जिससे हर दिन 100% देने की बजाय फोकस्ड और स्ट्रेटेजिक प्रयास किए जा सकें.गजल अलघ का कहना है कि हर दिन 100% देने की कोशिश करना लॉन्ग टर्म में टिकाऊ नहीं होता. हाइलाइट्सग़ज़ल अलघ ने 85% रूल अपनाने की सलाह दी.हर दिन 100% देने की बजाय फोकस्ड और स्ट्रेटेजिक प्रयास करें.ग़ज़ल का 85% रूल बिज़नेस लीडर्स को पसंद आया.नई दिल्ली. बिज़नेस की दुनिया में सफलता पाने के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत करना बहुत आमतौर पर जरूरी माना जाता है. लेकिन मामाअर्थ (Mamaearth) की को-फाउंडर ग़ज़ल अलघ (Ghazal Alagh) इससे अलग राय रखती हैं. उनका कहना है कि किसी व्‍यक्ति के लिए हर दिन अपनी 100 फीसदी ताकत ही झोंक देनी जरूरी नहीं है. ऐसा करने से फायदे की जगह नुकसान हो सकता है. LinkedIn और X पर पोस्ट एक पोस्‍ट में उन्‍होंने उद्यमियों को सफल होने के लिए ‘85% रूल’ अपनाने की सलाह दी है.

गौरतलब है कि मामाअर्थ (Mamaearth) की स्‍थापना ग़ज़ल अलघ ने वरूण अलघ के साथ मिलकर साल 2016 में की थी. यह एक भारतीय स्किनकेयर और बेबी केयर ब्रांड है और अपने प्राकृतिक, सुरक्षित और टॉक्सिन-मुक्त उत्पादों के लिए जाना जाता है. यह होनासा कंज्यूमर प्राइवेट लिमिटेड के तहत संचालित होता है. कंपनी ने तेजी से तरक्की की और चार साल में 100 करोड़ रुपये का कारोबार हासिल किया. 2021 में इसकी वैल्यूएशन 1 बिलियन डॉलर को पार कर गई जिससे यह एक यूनिकॉर्न बन गया.

फॉलो करें 85 रूलग़ज़ल अलग ने अपनी पोस्ट में लिखा, “सालों तक लगातार काम करने के बाद मैंने महसूस किया कि हर दिन 100% देने की कोशिश करना कई बार नुकसानदायक साबित हो सकता है. इसके बजाय, हमें अपने प्रयासों को फोकस्ड और स्ट्रेटेजिक बनाना चाहिए. मैं इसे ‘85% रूल’ कहती हूं.” उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “अगर आप किसी भी बड़े एथलीट को देखें, तो वे कड़ी मेहनत जरूर करते हैं, लेकिन उन्हें पता होता है कि कब रेस्ट लेना है. यह ब्रेक उतना ही ज़रूरी है, जितना परफॉर्मेंस के लिए ट्रेनिंग.”

हर दिन ओवरवर्क करना सही नहींग़ज़ल के अनुसार, बिज़नेस चलाना एक लंबी यात्रा है, कोई स्प्रिंट नहीं. उन्होंने कहा कि हर दिन 100% देने की कोशिश करना लॉन्ग टर्म में टिकाऊ नहीं होता. उन्‍होंने लिख,”अगर हम हर दिन 80-85% प्रयास करें, तो हम ज़रूरी चीज़ों पर फोकस कर सकते हैं, छोटी लेकिन अहम बातों को समझ सकते हैं और बिना थके ज्यादा प्रोडक्टिव बन सकते हैं.”

पसंद आई गजल की सलाहग़ज़ल अलघ का 85 रूल कई बिज़नेस लीडर्स को पसंद आया है. धनवेस्‍टर (Dhanvesttor) की को-फाउंडर और सीईओ, अनुश्का सोहम बाथवाल ने इस विचार को “रिफ्रेशिंग टेक” बताते हुए लिखा, “हर दिन 100% देना न सिर्फ़ थकाने वाला बल्कि गैर-उत्पादक भी हो सकता है. 85% रूल वाकई समझदारी भरा है – स्मार्ट वर्क करो, कंसिस्टेंट रहो और जब ज़रूरत हो, तब अपनी पूरी ताकत लगाओ.”

मीडिया और ग्रोथ सॉल्यूशंस कंपनी 6मंथ्‍स के को-फाउंडर पुलकित जैन ने इसे “80-20 रूल” से जोड़ा और कहा, “कर्मचारियों और सहयोगियों के लिए भी यह नियम अपनाना ज़रूरी है ताकि उनकी क्रिएटिविटी अपने उच्चतम स्तर पर बनी रहे.”
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :March 19, 2025, 08:13 ISThomebusinessहर दिन 100% देना ज़रूरी नहीं… मामाअर्थ की ग़ज़ल अलघ ने क्‍यों दी यह सलाह

stock market, share market, market update, trading news, trade news, nifty update,bank nifty, oxbig news, oxbig news network, hindi news, hindi news, business news, oxbig hindi news

English News

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest Article

- Advertisement -