Last Updated:June 30, 2025, 19:27 ISTअमेरिका में एक नया बिल पेश किया गया है, जिसके तहत रूस से तेल या अन्य सामान खरीदने वाले देशों पर 500% तक आयात शुल्क लगाने का प्रस्ताव है. पहले भी अमेरिकी नेता इस तरह का बयान दे चुके हैंहाइलाइट्सअमेरिका रूस से तेल लेने वालों पर 500% टैक्स लगाने का प्रस्ताव ला रहा है.भारत रूस से अपनी 40% तेल जरूरत पूरी करता है.बिल से भारत की ऊर्जा लागत और नीति पर असर पड़ सकता है.नई दिल्ली. भारत और चीन को रूस से तेल खरीदने की वजह से जल्द ही भारी आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने धमकी दी है कि एक नए कानून के तहत रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर 500% आयात शुल्क लगाया जा सकता है, खासकर उन देशों पर जो यूक्रेन का समर्थन नहीं कर रहे. एबीसी न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में ग्राहम ने कहा, “यह एक बड़ा कदम है. अगर आप रूस से तेल या अन्य सामान खरीद रहे हैं और यूक्रेन की मदद नहीं कर रहे, तो आपके सामान पर अमेरिका में 500% शुल्क लगेगा. भारत और चीन, रूस के 70% तेल खरीदते हैं, जिससे रूस की युद्ध मशीन को बल मिलता है.”ग्राहम ने बताया कि इस कानून को व्यापक समर्थन है और इसमें एक विशेष प्रावधान है, जिसके तहत राष्ट्रपति को यह तय करने की छूट होगी कि इसे लागू करना है या नहीं. उन्होंने कहा, “मेरे बिल को 84 सीनेटरों का समर्थन है. यह राष्ट्रपति को भारत, चीन और अन्य देशों पर शुल्क लगाने की शक्ति देगा ताकि वे रूस के युद्ध को समर्थन देना बंद करें और बातचीत की मेज पर आएं.”
डोनाल्ड ट्रंप से हुई बात
उन्होंने आगे कहा, “कल पहली बार राष्ट्रपति (डोनाल्ड ट्रंप) ने मुझसे कहा कि इस बिल को आगे बढ़ाने का समय आ गया है. बिल में छूट का प्रावधान है, यानी राष्ट्रपति तय करेंगे कि इसे कैसे लागू करना है. हम राष्ट्रपति ट्रंप को एक ऐसा उपकरण दे रहे हैं, जो उनके पास अभी नहीं है. जुलाई की छुट्टियों के बाद हम इस बिल को पास करने की स्थिति में हैं.”
एक और ने कही थी ऐसी बात
यह प्रस्ताव सीनेटर रिचर्ड ब्लूमेंथल के हाल के बयानों से मिलता-जुलता है. इस महीने की शुरुआत में यूक्रेन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ब्लूमेंथल ने कहा, “रूस और उसके व्यापारिक साझेदारों के खिलाफ सख्त आर्थिक कदम उठाने की जरूरत है. इसका मतलब है भारत और चीन पर 500% शुल्क, जो रूस के 70% सामान खरीदते हैं.” उन्होंने कहा कि अगर रूस शांति वार्ता में शामिल होने से इनकार करता है या यूक्रेन के साथ किसी भविष्य के समझौते का उल्लंघन करता है, तो ये आर्थिक प्रावधान लागू होगा. यह द्विपक्षीय बिल उन देशों को निशाना बनाएगा जो रूस से तेल, गैसोलीन, पेट्रोकेमिकल, गैस, यूरेनियम और अन्य सामान खरीद रहे हैं.
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भारत के लिए चुनौती
भारत अपनी 40% तेल जरूरतें रूस से पूरी करता है. ऐसे में यह टैरिफ देश के लिए बड़ा झटका हो सकता है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल से नवंबर 2024 तक भारत ने अपनी 88% तेल जरूरत आयात से पूरी की. केपलर के डेटा के अनुसार, अमेरिका द्वारा हाल ही में प्रतिबंधित 183 तेल टैंकरों में से 75 ने भारत को रूसी तेल पहुंचाया था. रैपिडन एनर्जी ग्रुप के अध्यक्ष बॉब मैकनली ने सीएनबीसी को बताया कि भारत पर इसका असर चीन से ज्यादा हो सकता है. उन्होंने कहा, “भारत, चीन की तुलना में रूस से ज्यादा तेल आयात करता है, इसलिए भारत पर प्रतिबंधों का प्रभाव अधिक होगा.”Jai Thakurजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे…और पढ़ेंजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे… और पढ़ेंLocation :New Delhi,Delhihomebusiness’रूस से तेल खरीदा तो…’ अमेरिकी नेता की भारत को टीवी पर खुली धमकी
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