ललित मोदी बने जिस देश के नागरिक वो बेचता है अपनी सिटीजनशिप

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Last Updated:March 08, 2025, 08:49 IST Lalit Modi Vanuatu Citizenship- वानुअतु दक्षिण प्रशांत महासागर का एक छोटा सा आइलैंड देश है. एक टैक्‍स हेवन देश होने की वजह से पिछले कुछ समय से इस द्वीपीय देश की नागरिकता लेने का चलन बढ रहा है.वानुअतु अपनी फास्‍ट ट्रैक सिटीजनशिप प्रोसेस के लिए जाना जाता है. हाइलाइट्सललित मोदी ने वानुअतु की नागरिकता हासिल की.वानुअतु में आयकर नहीं देना होता.वानुअतु की नागरिकता के लिए रहना जरूरी नहीं.नई दिल्‍ली. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष और आईपीएल के संस्थापक ललित मोदी ने वानुअतु की नागरिकता हासिल कर ली है. मोदी ने भारतीय पासपोर्ट जमा करने के लिए लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में आवेदन किया है. विदेश मंत्रालय ने भी इस भगोड़े ललित मोदी की वानुअतु की नागरिकता प्राप्त करने की पुष्‍टी की है. मोदी के कानूनी सलाहकार मेहबूब अबदी ने कहा कि भारतीय पासपोर्ट को निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार सरेंडर करने के सभी आवश्यक कदम उठाए हैं. वानुअतु दक्षिण प्रशांत महासागर का एक छोटा सा आइलैंड देश है. ललित मोदी के वानुअतु का नागरिक बनने के बाद सरकार के लिए उनको भारत वापस लाने में मुश्किलें और बढ़ेंगी. वानुअतु इनवेस्‍टमेंट प्रोग्राम के तहत अपनी नागरिकता बेचता है. एक टैक्‍स हेवन देश होने की वजह से पिछले कुछ समय से इस द्वीपीय देश की नागरिकता लेने का चलन बढ रहा है.

आप करीब एक करोड़ रुपये खर्च कर वानुअतु के नागरिक बन सकते हो. 1.5 करोड़ रुपये में सपरिवार आप वानुअतु के सिटीजन बन सकते हो. यह देश अपनी फास्‍ट ट्रैक सिटीजनशिप प्रोसेस के लिए जाना जाता है. निवेश प्रोग्राम के तहत पैसा जमा करने के सात सप्‍ताह के भीतर ही यह नागरिकता प्रदान कर देता है. वानुअतु के पासपोर्ट पर 55 देश वीसा फ्री एक्‍सेस देते हैं तो 34 देश वीसा ऑन अराइल की सुविधा प्रदान करते हैं. अगर कोई शख्स वानुअतु में 10 साल तक लगातार रह चुका है तो वो शख्स वहां की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है. वानुअतु के लड़के या लड़की से कानूनी रूप से शादी कर चुका है या फिर पिछले 2 साल से साथ रह रहा है तो वह भी नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है. लेकिन, ‘सिटीजनशिप बाय इनवेस्‍टमें’ वानुअतु का नागरिक बनने का सबसे आसान तरीका है.

रहना जरूरी नहीं वानुअतु की नागरिकता हासिल करने के लिए इस देश में रहना आवश्‍यक नहीं है. वानुअतु में आवेदकों को नागरिकता प्राप्त करने से पहले, उसके दौरान या उसके बाद देश में रहने की आवश्यकता नहीं होती है. यह लचीलापन विशेष रूप से वैश्विक नागरिकों के लिए फायदेमंद है जो किसी अन्य देश में अपना प्राथमिक निवास बनाए रखना पसंद करते हैं. साथ ही वानुअतु दोहरी नागरिकता की सुविधा भी देता है. यानी अगर एक भारतीय वानुअतु की नागरिकता चाहता है तो उसे भारतीय नागरिकता छोड़ने की आवश्‍यकता नहीं है.

नहीं देना होता आयकर वानुअतु अपने नागरिकों पर कोई व्यक्तिगत आयकर नहीं लगाता है. इसका मतलब यह है कि यहां का नागरिक कोई भी आय, चाहे स्थानीय हो या अंतरराष्ट्रीय, पर कर देने के लिए बाध्‍य नहीं है. इसके अलावा यह देश पूंजीगत लाभ पर भी कर नहीं वसूलता. यानी स्टॉक, रियल एस्टेट या अन्य परिसंपत्तियों के बेचने से हुए लाभ का भी सौ फीसदी यहां का नागरिक अपने जेब में रख सकता है. इसके अलावा वानुअतु विरासत या संपत्ति कर नहीं वसूलता.

टैक्‍स हेवन देश वानुअतु की पहचान एक टैक्‍स हेवन देश की है. साल 2008 तक तो यह अपने नागरिकों की वित्‍तीय जानकारियां दूसरे देशों के साथ बिल्‍कुल भी सांझा नहीं करता था. बाद में अंतरराष्‍ट्रीय दबाव में यह जानकारियां सांझा करने को राजी हुआ. लेकिन, टैक्‍स फ्री देश होने की वजह से इसके नागरिकों से जुड़ी वित्‍तीय जानकारियां हासिल करना आज भी एक चुनौती है.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :March 08, 2025, 08:49 ISThomebusinessललित मोदी बने जिस देश के नागरिक वो बेचता है अपनी सिटीजनशिप

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