Last Updated:May 09, 2025, 14:16 ISTभारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने पर कराची बंदरगाह पर हमले की खबरें आईं, लेकिन कराची पोर्ट ट्रस्ट ने कहा है कि बंदरगाह सुरक्षित है. कराची बंदरगाह पाकिस्तान के लिए आर्थिक और रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है…और पढ़ेंकराची बंदरगाह पाकिस्तान के लिए आर्थिक और रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है. (File Photo)हाइलाइट्सकराची पोर्ट पाकिस्तान का सबसे बड़ा और व्यस्ततम बंदरगाह है.कराची पोर्ट पाकिस्तान के 60% से अधिक समुद्री व्यापार को संभालता है.1971 में भारतीय नौसेना ने कराची पोर्ट को भारी नुकसान पहुंचाया था.नई दिल्ली. पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच ऐसी खबरें आ रही हैं कि भारत ने कराची बंदरगाह पर बड़ा हमला बोला है. हालांकि, भारत की ओर से आधिकारिक रूप से अभी कराची बंदरगाह पर हमले के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है. लेकिन, शुक्रवार को कराची पोर्ट ट्रस्ट के ऑफिशियल ‘X’ हेंडिल से किए गए दो ट्विट्स से अंदाजा लगाया जा रहा है कि कराची पोर्ट पर हमला हुआ है. कराची पोर्ट ट्रस्ट ने भारतीय समयानुसार शुक्रवार को 11:43 पर एक पोस्ट कर जानकारी दी की भारतीय हमले में पोर्ट को भारी नुकसान पहुंचा है. इस ट्वीट के घंटेभर बाद ही कराची पोर्ट ट्रस्ट ने बंदरगाह पर भारतीय हमले को नकारते हुए कहा कि उसका एक्स अकाउंट हैक हो गया था और पोर्ट पूरी तरह सुरक्षित है. कराची पोर्ट पाकिस्तान का सबसे बड़ा और व्यस्ततम बंदरगाह है. 1971 की जंग में भारतीय नौसेना ने कराची पोर्ट को भारी नुकसान पहुंचाया था.
कराची बंदरगाह पाकिस्तान के लिए आर्थिक और रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है. अगर यह तबाह हो जाए तो पाकिस्तान आर्थिक और रणनीतिक रूप से पंगु हो जाए. इसे पाकिस्तान की जीवनरेखा माना जाता है. इसके महत्व का अंदाजा आप इस बाद से ही लगा सकते हैं कि यह पाकिस्तान के 60% से अधिक समुद्री व्यापार को संभालता है. कराची बंदरगाह दक्षिण एशिया के सबसे बड़े और व्यस्ततम गहरे पानी के पोर्ट्स में से एक है. रणनीतिक रूप से भी यह बंदरगाह एक अहम स्थान पर स्थित है. यह होर्मुज जलडमरूमध्य जैसे प्रमुख शिपिंग मार्गों के काफी करीब है और मध्य एशियाई गणराज्यों के लिए समुद्री व्यापार के लिए प्रवेश द्वार का काम करता है. करीब 11.5 किलोमीटर लंबे नेविगेशनल चैनल और 12.2 मीटर गहराई वाले इस पोर्ट पर हर साल करीब 1600 जहाज आते.
आर्थिक महत्वकराची बंदरगाह सीमा शुल्क, टैरिफ और अन्य शुल्कों के माध्यम से पाकिस्तान सरकार के लिए खूब राजस्व पैदा करता है. यह लाखों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां जैसे डॉक वर्कर, लॉजिस्टिक्स, शिपिंग भी देता है. पाकिस्तान अपनी ऊर्जा जरूरतों खासकर तेल और एलएनजी का आयात ज्यादातर कराची पोर्ट के माध्यम से ही होता है. अगर कराची पोर्ट तबाह हो जाए तो पाकिस्तान में ऊर्जा संकट पैदा हो सकता है.
कराची पोर्ट, ग्वादर के साथ चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे यानी CPEC का एक प्रमुख हिस्सा है. यह चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत मध्य एशिया और यूरोप को जोड़ने की महत्वाकांक्षा का भी प्रमुख केंद्र है. कराची बंदरगाह क्षेत्रीय व्यापार के लिए एक गेटवे के रूप में कार्य करता है, जो पाकिस्तान को भू-रणनीतिक लाभ प्रदान करता है.
रणनीतिक और सैन्य महत्वकराची बंदरगाह पाकिस्तान नौसेना का भी एक प्रमुख केंद्र है और यहां से नौसैनिक गतिविधियां संचालित होती हैं. यह भारत के साथ समुद्री सीमा पर निगरानी और रक्षा में अहम भूमिका निभाता है. ऐसे में अगर इस बंदरगाह पर हमला होता है या इसकी गतिविधियां बाधित होती हैं तो पाकिस्तान को दोहरे नुकसान का सामना करना पड़ सकता है एक तरफ व्यापार को झटका और दूसरी ओर सुरक्षा पर खतरा.
1971 में भारत ने कर दिया था तबाह1971 की भारत-पाकिस्तान जंग में भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन ट्राइडेंट (4 दिसंबर 1971) में इसे कराची बंदरगाह को तबाह कर दिया था. नौसेना ने मिसाइल बोट्स (INS निपट, INS वीर, और INS निर्घात) का इस्तेमाल करके कराची पोर्ट जोरदार हमला बोला. हमले में पाकिस्तानी नौसेना के जहाज पीएनएस खैबर और पीएनस मुहाफिज समुद्र में समा गए. कराची पोर्ट के तेल टैंकों में आग लग गई. यह एक हफ्ते तक जलती रही. इससे कराची का आसमान काले धुएं से भर गया. इस हमले की वजह से कराची पोर्ट कई महीने तक निष्क्रिय रहा था.
Location :New Delhi,New Delhi,Delhihomebusinessपाकिस्तान के लिए कितना जरूरी है कराची पोर्ट? सच में तबाह हो जाए तो क्या हो?
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