नई दिल्ली. दिल्ली-नोएडा सहित देश के कई शहरों में इन्फ्रा प्रोजेक्ट बनाने वाले जेपी ग्रुप को आखिरकार दिवालिया प्रक्रिया में भेज ही दिया गया. जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) ने हाल में बताया है कि उसे दिवाला प्रक्रिया के माध्यम से कंपनी के अधिग्रहण के लिए बयाना राशि के साथ पांच बोलियां मिली हैं. इसका मतलब है कि कंपनी के दिवालिया होने के बावजूद कई कंपनियां इसमें पैसे लगाने के लिए तैयार हैं. खास बात ये है कि कंपनी का मार्केट अब 800 करोड़ से भी कम हो गया है, जबकि इस पर 57 हजार करोड़ से भी ज्यादा की देनदारी दिख रही है.जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि उसे दिवालिया प्रक्रिया के दौरान पांच समाधान योजनाएं मिली हैं. जेएएल ने कहा, ‘जेएएल की कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया में जारी समाधान योजना की अपील के जवाब में समाधान पेशेवर को प्रस्तुत करने की तिथि तक बयाना राशि के साथ पांच समाधान योजनाएं मिली हैं’. हालांकि, जेएएल ने उन कंपनियों के नाम नहीं बताए जिन्होंने समाधान योजना पेश की है.
किन कंपनियों ने दिखाई रुचिसूत्रों के अनुसार, जेपी एसोसिएट्स को खरीदने में जिन 5 कंपनियों ने रुचि दिखाई है, उनमें अडानी समूह की कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज, खनन दिग्गज अनिल अग्रवाल की वेदांता, डालमिया भारत सीमेंट, जिंदल पावर और पीएनसी इन्फ्राटेक शामिल हैं. सूत्रों ने बताया कि जेपी इन्फ्राटेक की समाधान योजना को कुछ मानदंडों को पूरा न करने के कारण खारिज कर दिया गया है. जेपी इन्फ्राटेक का पहले सुरक्षा समूह ने अधिग्रहण किया था.
पहले 25 कंपनियों ने दिखाई थी रुचि
जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) के ऋणदाताओं ने इच्छुक पक्षों द्वारा पेश बोलियों को खोलने के लिए बुधवार को बैठक की. इससे पहले अप्रैल में 25 कंपनियों ने जेएएल का अधिग्रहण करने में रुचि दिखाई थी. रियल एस्टेट, सीमेंट विनिर्माण, होटल और इंजीनियरिंग और निर्माण में फैले जेएएल के व्यापारिक हित हैं, जिन्हें तीन जून, 2024 के राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की इलाहाबाद पीठ के आदेश के माध्यम से कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) में स्वीकृत किया गया था.
कंपनी पर कितने रुपये का बकायाजेपी समूह द्वारा ऋण भुगतान में चूक के बाद जेएएल को दिवाला कार्यवाही में ले जाया गया. फिलहाल लेनदार 57,185 करोड़ रुपये का भारी भरकम दावा कर रहे हैं. हालांकि, 25 जून तक कंपनी का मार्केट कैप महज 785 करोड़ रुपये था. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई वाले ऋणदाताओं के गठजोड़ से संकटग्रस्त जेएएल ऋण खरीदने के बाद नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (एनएआरसीएल) दावेदारों की सूची में सबसे आगे है.
किन प्रोजेक्ट पर काम कर रही कंपनीजेएएल के पास प्रमुख रियल एस्टेट परियोजनाएं हैं. इनमें ग्रेटर नोएडा में जेपी ग्रीन्स, नोएडा में जेपी ग्रीन्स विशटाउन का एक हिस्सा (दोनों राष्ट्रीय राजधानी के बाहरी इलाके में) और जेपी इंटरनेशनल स्पोर्ट्स सिटी, जो आगामी जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट स्थित है, शामिल हैं. इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर में इसके तीन वाणिज्यिक/औद्योगिक कार्यालय भी हैं, जबकि इसके होटल खंड की दिल्ली-एनसीआर, मसूरी और आगरा में पांच संपत्तियां हैं. इसके अलावा जेएएल के पास मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में चार सीमेंट कारखाने हैं और मध्यप्रदेश में कुछ पट्टे पर ली गई चूना पत्थर की खदानें हैं. हालांकि, सीमेंट कारखाने बंद हो चुके हैं.
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