Last Updated:February 27, 2025, 15:48 ISTभारतीय शेयर बाजार में भारी बिकवाली से निवेशकों में चिंता बढ़ी है. एफआईआई ने 2025 में 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा निकाले हैं. विशेषज्ञ इसे निवेश का मौका मानते हैं. जिम रॉजर्स का मानना है कि बाजार की मौजूदा कमजोर…और पढ़ेंएफआईआई ने इस साल अब तक 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के शेयर बेच दिए हैं. हाइलाइट्सभारतीय शेयर बाजार में भारी बिकवाली से निवेशकों में चिंता बढ़ी.एफआईआई ने 2025 में 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा निकाले.विशेषज्ञ इसे निवेश का बेहतरीन अवसर मानते हैं.नई दिल्ली. भारतीय शेयर बाजार इस समय भारी बिकवाली के दौर से गुजर रहा है, जिससे निवेशकों में चिंता बढ़ गई है. खासतौर पर विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की लगातार निकासी ने बाजार में गिरावट को और तेज कर दिया है. साल 2025 में अब तक एफआईआई भारतीय बाजार से 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा निकाल चुके हैं. इस बिकवाली का असर प्रमुख इंडेक्स पर साफ नजर आ रहा है—निफ्टी 50 इस साल अब तक 4% गिर चुका है और 27 सितंबर 2024 के अपने रिकॉर्ड हाई से करीब 14% नीचे आ गया है.
बाजार की इस कमजोरी के बीच जानकार अलग-अलग राय दे रहे हैं. कुछ विशेषज्ञ इसे सतर्कता बरतने का समय मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे खरीदारी का मौका भी कह रहे हैं. आइए जानते हैं कि मौजूदा हालात में निवेशकों को क्या करना चाहिए.
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क्या यह गिरावट निवेश के नए मौके ला रही है?ईटी की एक खबर के अनुसार, मशहूर कमोडिटी और निवेश विशेषज्ञ जिम रॉजर्स का मानना है कि भारतीय बाजार की मौजूदा कमजोरी लंबी अवधि के निवेशकों के लिए एक बेहतरीन अवसर हो सकती है. उन्होंने कहा,”अगर आप वाकई एक सफल निवेशक बनना चाहते हैं, तो भीड़ के खिलाफ सोचना सीखिए. जब बाजार कमजोर हो, तब निवेश करने का सबसे अच्छा समय होता है.” रॉजर्स के मुताबिक, इतिहास बताता है कि गिरावट के दौर में जिन्होंने धैर्य दिखाया, वे बाद में बड़े मुनाफे के हकदार बने. आपको बता दें कि जिम रॉजर्स ने जॉर्ज सोरोस के साथ मिलकर सोरोस फंड मैनेजमेंट की स्थापना की थी. जॉर्ज सोरोस वही हैं जिन पर भारत विरोधी गतिविधियां चलाने का आरोप लगता है.
एफआईआई की बिकवाली से बाजार दबाव में, आगे क्या?डीआर चोकसी फिनसर्व के मैनेजिंग डायरेक्टर देवेंद्र चोकसी ने बताया कि इस समय कई बड़े निवेशक और फंड मैनेजर महंगे स्टॉक्स से निकलकर वैल्यू स्टॉक्स की ओर शिफ्ट हो रहे हैं. उन्होंने बाजार की स्थिति को लेकर कहा, “मौजूदा गिरावट बाजार में बड़े बदलाव का संकेत दे रही है. एफआईआई की बिकवाली से मिड और स्मॉल-कैप स्टॉक्स पर दबाव बना हुआ है, लेकिन यह दौर ज्यादा लंबा नहीं चलेगा. जैसे ही स्थिरता आएगी, क्वालिटी स्टॉक्स में दोबारा खरीदारी शुरू होगी.”
क्या करें निवेशक?निवेशकों को घबराने के बजाय रणनीतिक तरीके से निवेश करना चाहिए. इस समय लार्ज-कैप कंपनियों पर फोकस करें, क्योंकि ये बाजार की अस्थिरता को बेहतर तरीके से झेल सकती हैं, जबकि मिड और स्मॉल-कैप स्टॉक्स में फिलहाल सावधानी बरतना जरूरी है, क्योंकि इन पर सबसे ज्यादा दबाव है. बाजार की गिरावट के दौरान अच्छी क्वालिटी वाले स्टॉक्स चुनें, क्योंकि लॉन्ग-टर्म में यही बेहतरीन रिटर्न देते हैं. साथ ही, ग्लोबल ट्रेंड्स पर नजर रखें, क्योंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों और वैश्विक बाजारों की स्थिति का असर भारतीय बाजार पर पड़ता है. निवेश में लॉन्ग-टर्म अप्रोच अपनाएं और छोटी गिरावटों से परेशान न हों. पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखें, ताकि जोखिम कम किया जा सके, और कमजोर कंपनियों में पैसा लगाने से बचें, क्योंकि बाजार में गिरावट के बाद मजबूत कंपनियां ही वापसी कर पाती हैं. अनुभवी निवेशकों की राय पर ध्यान दें, जैसे जिम रोजर्स और अन्य बाजार विशेषज्ञों की सलाह. अंत में, हर गिरावट को एक मौके के रूप में देखें, क्योंकि इतिहास गवाह है कि बाजार लंबे समय में हमेशा ऊपर जाता है.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :February 27, 2025, 15:48 ISThomebusinessयही है इंडिया पर दांव लगाने का सही समय, सोरोस के साथी ने क्यों कहा ऐसा?
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