Last Updated:February 03, 2025, 14:00 ISTएशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट, जेवर एयरपोर्ट, अप्रैल 2024 से उड़ानें शुरू करेगा. यह जानकारी नागर विमानन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू ने राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में दी. बता दें कि यह एयरपोर्ट दिल्ली …और पढ़ेंहाइलाइट्सजेवर एयरपोर्ट से अप्रैल 2024 से उड़ानें शुरू होंगी.एयरपोर्ट से 1 लाख रोजगार अवसर पैदा होंगे.जेवर एयरपोर्ट एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा.Jewar airport start date: दिल्ली से लगभग 70 किलोमीटर दूर गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) जिले में स्थित जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट भारत के विमानन इतिहास में एक नए युग की शुरुआत करने वाला है. यह एयरपोर्ट न केवल दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बढ़ते दबाव को कम करेगा, बल्कि यह एशिया का सबसे बड़ा और दुनिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट्स में से एक होगा. राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद सुरेंद्र सिंह नागर ने आज इस एयरपोर्ट के शुरुआत और दिल्ली की भीड़ कम करने के उपायों पर सवाल उठाया था. इसके जवाब में नागर विमानन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू ने बताया कि जेवर एयरपोर्ट से अप्रैल 2024 से नियमित उड़ानें शुरू हो जाएंगी. यह घोषणा लाखों यात्रियों और विमानन उद्योग के लिए एक बड़ी राहत की खबर है. बता दें कि पहले यहां से दिसंबर 2024 में उड़ान शुरू होनी थी.
बता दें कि जेवर एयरपोर्ट का निर्माण लगभग 30,000 करोड़ रुपये (3.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर) की लागत से किया गया है. यह परियोजना भारत सरकार की महत्वाकांक्षी “उड़ान योजना” का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य देश के छोटे और मध्यम शहरों को बेहतर हवाई कनेक्टिविटी प्रदान करना है. एयरपोर्ट के पहले चरण में दो रनवे और एक टर्मिनल बिल्डिंग शामिल है, जो सालाना 12 मिलियन यात्रियों को संभालने की क्षमता रखता है. पूर्ण विकसित होने पर, यह एयरपोर्ट प्रति वर्ष 70 मिलियन यात्रियों को सेवा देने में सक्षम होगा. यह न केवल दिल्ली के मौजूदा हवाई अड्डे पर भीड़ को कम करेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा. अनुमान है कि इससे लगभग 1 लाख लोगों को सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा.
कई शहरों को जोड़ेंगी इंडिगो और एयर इंडियानागर विमानन मंत्री ने यह भी बताया कि इंडिगो और एयर इंडिया जैसी प्रमुख एयरलाइंस जेवर एयरपोर्ट से भारत के विभिन्न शहरों को जोड़ने की योजना बना रही हैं. यह कदम देश के आंतरिक और अंतर्राष्ट्रीय हवाई यातायात को बढ़ावा देगा. इसके अलावा, एयरपोर्ट की रोड कनेक्टिविटी को लेकर भी चर्चा हुई. हालांकि यह मुद्दा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधीन आता है, लेकिन नायडू ने आश्वासन दिया कि एयरपोर्ट को बेहतर सड़क नेटवर्क से जोड़ने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा. इस संदर्भ में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने भी अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा कि वे खुद उस क्षेत्र दौरा कर चुके हैं और देखा कि रोड कनेक्टिविटी काफी व्यापक होगी. यह एयरपोर्ट न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि यह कार्गो और लॉजिस्टिक्स के लिए भी एक प्रमुख केंद्र बनेगा.
भारत की महत्वाकांक्षाओं का एयरपोर्टजेवर एयरपोर्ट का महत्व केवल विमानन क्षेत्र तक सीमित नहीं है. यह परियोजना भारत की आर्थिक और सामरिक महत्वाकांक्षाओं को भी पूरा करती है. एयरपोर्ट के आसपास के क्षेत्रों में विकास की नई संभावनाएं पैदा होंगी. यह क्षेत्र अब इंडस्ट्रियल और कमर्शियल गतिविधियों का केंद्र बन सकता है. इसके अलावा, यह एयरपोर्ट भारत को वैश्विक विमानन मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान दिलाने में मदद करेगा.
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से भी जुड़ेगा यह एयरपोर्टजेवर एयरपोर्ट की सफलता के लिए सबसे बड़ी चुनौती इसे देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाले बुनियादी ढांचे का विकास है. हालांकि, सरकार ने इस दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. एयरपोर्ट को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ने की योजना है. इसके अलावा, मेट्रो और रेलवे लिंक के माध्यम से भी इसे बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान किए जाने की योजना है. यह कदम न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद साबित होगा. बेहतर सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं के कारण कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :February 03, 2025, 13:51 ISThomebusinessकब से शुरू होगा जेवर एयरपोर्ट? कनेक्टिविटी कैसी? सरकार का राज्यसभा में बताया
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