ीन से हम ही नहीं, हमारा दोस्त भी परेशान, डिफेंस पर खर्च करेगा ₹4.63 लाख करोड़

Must Read

नई दिल्‍ली. चीन की विस्‍तारवादी नीतियों से उसके सब पड़ोसी परेशान हैं. भारत के साथ उसका सीमा विवाद दशकों से चला आ रहा है तो ताईवान पर वह अपना हक जताता है. अब तो भारत का मित्र जापान भी चीन को उत्‍तर कोरिया से बड़ा दुश्‍मन मानने लगा है. पहले जापान उत्‍तर कोरिया को खुद के लिए बड़ा खतरा मानता था. चीन की ओर से बढते खतरे को देखते हुए जापान ने अब अपने रक्षा बजट में भारी बढोतरी की है. जापान का रक्षा मंत्रालय कह चुका है कि जापान द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से “सबसे गंभीर और जटिल” सुरक्षा माहौल का सामना कर रहा है. यही वजह है कि जापान ने अप्रैल 2025 से शुरू होने वाले वर्ष के लिए कुल 730 बिलियन डॉलर के बजट में से 55 बिलियन डॉलर से अधिक रक्षा खर्च के लिए आवंटित किए गए हैं.

यह बढ़ा हुआ बजट प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा के उस दावे के अनुरूप है, जिसमें उन्होंने कहा था कि पड़ोसी क्षेत्रों में नए खतरों से निपटने के लिए रक्षा पर अधिक खर्च करना आवश्यक है. गौरतलब है कि जापान अपने युद्धोत्तर शांतिवादी संविधान से बंधा हुआ है, जो इसे बड़े रक्षा उपायों को अपनाने की क्षमता को सीमित करता है. हालांकि, टोक्यो ने 2022 में अपनी रक्षा नीति में बदलाव किया था. अब चीन से बढ़ते सुरक्षा खतरों की पृष्ठभूमि में रक्षा बजट में इजाफा किया गया है. जापान ने साल 2022 में निर्णय लिया था कि 2027 तक वह अपने रक्षा खर्च को जीडीपी के 2 फीसदी तक कर लेगा, जो नाटो देशों के मानक के अनुरूप होगा.

यहां लगाएगा बड़ा पैसा सरकार ने कहा कि जापान बढ़े हुए रक्षा फंड का उपयोग अपनी आत्म-रक्षा बलों (SDF) को मजबूत करने और अमेरिका जैसे सहयोगियों के साथ संबंध सुधारने के लिए करेगा. जापान उत्तर कोरिया से मिसाइल खतरों की निगरानी करने और उनसे निपटने के लिए सैटेलाइट डेटा ट्रैक करने की प्रणाली विकसित करने पर भी विचार कर रहा है.

जापान अपने सैनिकों की संख्‍या को बढाने के लिए भी पैसे खर्च करेगा. जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने कहा, “चाहे हमारे सैन्य टैंक या वाहन कितने भी महान क्यों न हों, अगर उन्हें चलाने के लिए पर्याप्त लोग नहीं हैं तो वे बेकार हैं.” उन्होंने नए सैनिकों की कमी को दूर करने का संकल्प लिया है.

घटती जन्म दर पर ध्यानबजट में जापान की गिरती जन्म दर को काबू में करने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है. जापान दुनिया के सबसे वृद्ध समाजों में से एक है, जहां 29.3 प्रतिशत जनसंख्या 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र की है. सरकार अब सामाजिक कल्याण खर्च और आर्थिक योजना पर अधिक खर्च करेगी.
Tags: Business news, China, Japan NewsFIRST PUBLISHED : December 27, 2024, 18:31 IST

stock market, share market, market update, trading news, trade news, nifty update,bank nifty, oxbig news, oxbig news network, hindi news, hindi news, business news, oxbig hindi news

English News

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest Article

- Advertisement -