Last Updated:June 16, 2025, 15:55 ISTइजराइल और ईरान के बीच तनाव चरम पर है. इजराइल ने 2024 में 46.5 अरब डॉलर का रक्षा खर्च किया, जबकि ईरान ने 7.9 अरब डॉलर. इजराइल की सैन्य ताकत अमेरिकी सहायता से मजबूत है.हाइलाइट्सइजराइल ने 2024 में 46.5 अरब डॉलर का रक्षा खर्च किया.ईरान ने 2024 में 7.9 अरब डॉलर का रक्षा खर्च किया.इजराइल की सैन्य ताकत अमेरिकी सहायता से मजबूत है.नई दिल्ली. इजराइल और ईरान के बीच का तनाव अभी अपने चरम पर है. पिछले साल ही दोनों देशों के बीच छुटपुट सैन्य कार्रवाइयां हो रही थीं. लेकिन 2025 में दोनों देश खुलकर एक दूसरे के सामने आ गए और एकदूसरे पर मिसाइल दागने लगे. इजरायल ने ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला किया जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में ईरान ने इजरायल पर दनादन मिसाइलें दागी. अब निकट भविष्य में यह स्थिति सुधरती दिख भी नहीं रही है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प हो जाता है कि कौन सा देश सैन्य रूप से ज्यादा सशक्त है. कौन सा देश अपनी रक्षा पर ज्यादा खर्च करता है. Stockholm International Peace Research Institute (SIPRI) और अन्य वैश्विक आर्थिक संस्थाओं के आंकड़े दिखाते हैं कि दोनों देशों की रणनीति और संसाधनों में गहरा अंतर है.इजराइल ने साल 2024 में करीब 46.5 अरब डॉलर का रक्षा खर्च किया, जो उसकी कुल GDP का लगभग 8.8 फीसदी है. यह आंकड़ा दुनिया में यूक्रेन के बाद सबसे ज्यादा है. इजराइल की अर्थव्यवस्था भले ही मजबूत है, लेकिन गज़ा और लेबनान में जारी संघर्षों ने उसके सैन्य खर्च को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है. आधुनिक हथियार प्रणालियों, साइबर सुरक्षा और हवाई सुरक्षा (जैसे आयरन डोम) में भारी निवेश के साथ-साथ अमेरिका से मिलने वाली 3.8 अरब डॉलर की सालाना सैन्य सहायता ने इजराइल की सैन्य ताकत को लगातार मजबूत किया है. अमेरिका की यह सहायता उसके कुल रक्षा खर्च का लगभग 8 से 10 फीसदी हिस्सा है, जिससे घरेलू आर्थिक बोझ थोड़ा कम होता है.
ईरान की रणनीति: सीमित बजट, व्यापक प्रभाव
दूसरी ओर, ईरान ने 2024 में करीब 7.9 अरब डॉलर का रक्षा खर्च किया, जो उसकी GDP का केवल 2.2 फीसदी है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि ईरान की सैन्य शक्ति कमजोर है. अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों और आर्थिक संकटों के बीच भी ईरान अपनी रणनीति के तहत एसिमेट्रिक युद्ध शैली पर भरोसा करता है. यमन में हूती विद्रोहियों से लेकर इराक और सीरिया की मिलिशिया तक, ईरान अपनी पकड़ इन प्रॉक्सी समूहों के माध्यम से बनाए रखता है. ईरान का बजट मिसाइल, ड्रोन और परमाणु कार्यक्रमों जैसी तकनीकों पर केंद्रित होता है, जो लागत के लिहाज से सस्ते लेकिन प्रभावी माने जाते हैं.
GDP अनुपात में साफ अंतर, लेकिन रणनीति में स्मार्टनेस
जब GDP के अनुपात में रक्षा खर्च की बात आती है, तो इजराइल का 8.8% दुनिया के औसत 2.2% से कई गुना अधिक है, जबकि ईरान इस वैश्विक औसत के आसपास है. हालांकि कुल खर्च के मामले में इजराइल, ईरान से लगभग 6 गुना अधिक खर्च करता है, लेकिन ईरान की घरेलू उत्पादन लागत और खरीद शक्ति उसे कुछ हद तक संतुलन देने में मदद करती है.
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सैन्य खर्च की दिशा में दो अलग रास्ते
विशेषज्ञ मानते हैं कि इजराइल की रणनीति मुख्य रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा और प्रतिरोधक क्षमता (deterrence) पर केंद्रित है, जबकि ईरान क्षेत्रीय प्रभाव और राजनीतिक नियंत्रण की दिशा में आगे बढ़ता है. जहां इजराइल के लिए अमेरिकी सहायता उसकी ताकत को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है, वहीं ईरान की आर्थिक तंगी और प्रतिबंध उसे खुले तौर पर सैन्य खर्च बढ़ाने से रोकते हैं.Jai Thakurजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे…और पढ़ेंजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे… और पढ़ेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessडिफेंस पर कितना खर्च करते हैं इजरायल और ईरान, किसकी सेना की ताकत है ज्यादा?
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