Last Updated:June 22, 2025, 10:22 ISTCrude Oil Import- भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है. भारत औसतन 5.1 मिलियन बैरल क्रूड ऑयल का इंपोर्ट करता है. यूक्रेन युद्ध के बाद भारत रूस से सस्ता तेल खरीद रहा है.यूक्रेन युद्ध के बाद भारत रूस से सस्ता तेल खरीद रहा है और पश्चिम एशिया से आयात कम किया है. हाइलाइट्सभारत में नहीं होगी पेट्रोल-डीजल की किल्लत.भारत ने रूस और अमेरिका से कच्चे तेल का आयात बढ़ाया.भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है.नई दिल्ली. इजरायल के ईरान पर हमले करने औ अब अमेरिका के भी इस जंग में कूदन से दुनिया चिंता में पड़ गई हैं. इजरायल-ईरान युद्ध से कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया है. युद्ध के लंबा खिंचने पर तेल की कीमतों में भारी इजाफा होने की आशंका है. होरमुज़ जलडमरूमध्य की सुरक्षा को लेकर भी वैश्विक चिंताएं बढ़ गई हैं. यहीं से सऊदी अरब, ईरान, इराक, कुवैत और यूएई जैसे देशों से तेल और एलएनजी के निर्यात होता है. भारत ने इजरायल-ईरान संकट को पहले ही भांप लिया था और देश में कच्चे तेल की कमी न हो, इसका इंतजाम कर लिया. जून में रूस और अमेरिका से कच्चे तेल का आयात तेज़ कर दिया.अस्थिरता के बीच भारत ने सऊदी अरब, इराक, यूएई और कुवैत जैसे अपने अपने पारंपरिक तेल आपूर्तिकर्ताओं की तुलना में रूस से ज़्यादा तेल खरीदा. ग्लोबल ट्रेड एनालिटिक्स फर्म कैपलर के आंकड़ों से पता चलता है कि इंडिया ने चालू माह में रूस से हर दिन 20 से 22 लाख बैरल कच्चा तेल खरीदा. यह आंकड़ा पिछले दो वर्षों के सर्वोत्म स्तर पर है. मई में भारत ने रूस से 19.6 लाख बैरल कच्चा तेल प्रतिदिन खरीदा था. जून में अमेरिका से भी भारत को कच्चा तेल आया 4.39 लाख बैरल प्रतिदिन पहुचं गया, जो मई में 2.80 लाख बैरल प्रतिदिन था.
दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है भारत
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है. भारत औसतन 5.1 मिलियन बैरल क्रूड ऑयल का इंपोर्ट करता है. यूक्रेन युद्ध के बाद भारत रूस से सस्ता तेल खरीद रहा है और पश्चिम एशिया से आयात कम किया है. इसी का परिणाम है कि रूस से भारत का तेल आयात कुल इंपोर्ट का 1% से बढ़कर 40% हो गया है.
होरमुज़ जलडमरूमध्य पर बढा जोखिम
इज़राइल-ईरान संघर्ष के बीच होरमुज़ जलडमरूमध्य की सुरक्षा को लेकर भी वैश्विक चिंताएं बढ़ गई हैं. यह जलमार्ग सऊदी अरब, ईरान, इराक, कुवैत और यूएई जैसे देशों से तेल और LNG के निर्यात का मुख्य रास्ता है. भारत लगभग 40% कच्चा तेल और 50% गैस इसी रास्ते से आयात करता है.
कैपलर के सुमित रितोलिया का कहना है कि होरमुज जलडमरूमध्य को पूरी तरह बंद करना संभव नहीं है. चीन, जो ईरान का सबसे बड़ा तेल खरीदार है और वह खाड़ी क्षेत्र से 47% तेल आयात करता है. ईरान का 96% तेल निर्यात खार्ग द्वीप से होता है, जो होरमुज़ पर ही निर्भर है. ऐसे में ईरान इस मार्ग को बंद कर अपने पैर पर कुल्हाड़ी नहीं मार सकता.Location :New Delhi,New Delhi,Delhihomebusinessभारत में नहीं होगी पेट्रोल-डीजल की किल्लत, सरकार ने किया तगड़ा जुगाड़
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