Last Updated:June 18, 2025, 20:41 ISTभारत ने तेल आपूर्ति के स्रोतों में विविधता लाकर पश्चिम एशिया के तनाव के बावजूद पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर रखी हैं. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं.भारत में नहीं बढ़े पेट्रोल-डीजल के रेट.हाइलाइट्सभारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर रहेंगी.भारत ने तेल आपूर्ति के स्रोतों में विविधता लाई है.केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं.नई दिल्ली. पश्चिम एशिया में ईरान और इज़रायल के बीच बढ़ते संघर्ष को लेकर दुनियाभर में ऊर्जा आपूर्ति को लेकर चिंता बढ़ गई है, लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि यहां पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर रहेंगी और देश में किसी तरह का संकट नहीं आने वाला. सरकार के शीर्ष सूत्रों और मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि भले ही मिडल ईस्ट में हालात तनावपूर्ण हैं, लेकिन भारत में तेल सप्लाई पर इसका कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा.केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी खुद इस स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और हर शाम मंत्रालय के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे हैं. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय स्थिति की लगातार निगरानी कर रहा है ताकि किसी भी आपात हालात में त्वरित कार्रवाई की जा सके.
क्यों नहीं है भारत को चिंता?
भारत ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी तेल आपूर्ति के स्रोतों में व्यापक विविधता लाई है. पहले भारत 27 देशों से कच्चा तेल खरीदता था, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 40 हो चुकी है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि अगर एक इलाके से सप्लाई बाधित भी होती है, तो दूसरे स्रोतों से तेल मंगाया जा सकता है. वर्तमान में भारत अपनी जरूरत का 38 प्रतिशत कच्चा तेल रूस से खरीद रहा है, जो न केवल सस्ता पड़ रहा है बल्कि लंबी अवधि के लिए भरोसेमंद सप्लायर भी साबित हुआ है. इसके अलावा, सऊदी अरब, इराक, यूएई, अमेरिका और अफ्रीका के कई देशों से भी भारत तेल मंगा रहा है.
भारत की प्रतिदिन खपत लगभग 5.5 मिलियन बैरल है, जिसमें से सिर्फ 1.5-2 मिलियन बैरल की सप्लाई स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज़ (Strait of Hormuz) के जरिए होती है. यही वो समुद्री रास्ता है जिस पर ईरान और इज़रायल तनाव का असर पड़ सकता है. लेकिन अधिकारियों का कहना है कि अगर यह रास्ता अस्थायी रूप से बाधित भी होता है, तब भी अन्य देशों और मार्गों से सप्लाई सुनिश्चित की जा सकती है.
भंडार भी है मजबूत
भारत के पास पर्याप्त तेल भंडार मौजूद है जो आपातकालीन स्थिति में काम आ सकता है. मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल किसी प्रकार की कीमत वृद्धि की कोई संभावना नहीं है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी तेल की कीमतों में बड़ी उछाल नहीं आई है. एलपीजी गैस को लेकर भी सरकार आश्वस्त है. भारत अपनी कुल एलपीजी जरूरत का करीब 50 प्रतिशत घरेलू उत्पादन से ही पूरा कर रहा है. इससे भी बाहरी झटकों से सुरक्षा मिलती है.
नतीजा क्या निकला?
साफ है कि भारत सरकार ने ईंधन सुरक्षा को लेकर बीते वर्षों में कई मजबूत कदम उठाए हैं, जिसका नतीजा यह है कि अंतरराष्ट्रीय संकट के बावजूद भारत में सप्लाई, कीमतें और उपलब्धता – तीनों स्थिर बनी हुई हैं. फिलहाल आम उपभोक्ताओं को डरने की जरूरत नहीं है.Jai Thakurजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे…और पढ़ेंजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे… और पढ़ेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessईरान युद्ध से क्या भारत में महंगा हो जाएगा पेट्रोल डीजल? जेब पर कितना होगा असर
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