नई दिल्ली. फूड डिलीवरी ऐप स्विगी का 6 नवंबर को आईपीओ लॉन्च हो जाएगा. कंपनी की आईपीओ के जरिए 11,327.43 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है. स्विगी के आईपीओ में 11.54 करोड़ नए शेयर जारी किए जाएंगे. इनकी वैल्यू करीब 4,499 करोड़ रुपये होगी. इसके अलावा 6,828 करोड़ रुपये के शेयर ऑफर फोर सेल के जरिए पेश होंगे.
कंपनी ने आईपीओ के लिए ₹371 से ₹390 का प्राइस बैंड तय किया है. स्विगी का वैल्यूएशन अभी 11.3 अरब डॉलर का है. जबकि इसके प्रतिद्वंदी जोमैटो का जब आईपीओ आया था तब उसका मार्केट कैप 13 अरब डॉलर था. तब से लेकर अब तक जोमैटो का मार्केट कैप लगभग डबल 25 अरब डॉलर हो चुका है. अब मार्केट के जानकार इन दोनों कंपनियों के बीच तुलना कर रहे हैं. सवाल उठ रहे हैं कि क्या लोगों को स्विगी के आईपीओ में निवेश करना चाहिए या फिर जोमैटो के शेयर खरीदने चाहिए.
निवेश के लिए कौन बेहतर?मिंट पर छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, विशेषज्ञों का मानना है कि जोमैटो इस दौड़ में आगे है. StoxBox की रिसर्च एनालिस्ट आकृति मेहरोत्रा ने कहा है कि जोमैटो को अपने बड़े आकार, मुनाफे और बेहतर ग्रोथ इंडिकेटर्स के चलते बढ़त हासिल है. मेहरोत्रा ने बताया कि जोमैटो की ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू (GOV) की सालाना वृद्धि दर (CAGR) 23% है, जो स्विगी के 15.5% की तुलना में काफी अधिक है. जोमैटो का औसत ऑर्डर मूल्य भी स्विगी से बेहतर है, जो इसके ऑपरेशनल प्रभाव को दर्शाता है.
आने वाले स्विगी IPO को लेकर मेहरोत्रा का मानना है कि इससे कंपनी को विस्तार का मौका मिलेगा, लेकिन यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कंपनी जोमैटो से मुकाबले के लिए अपने संसाधनों का उपयोग कैसे करती है. IPO की सफलता के लिए स्विगी की त्वरित वाणिज्य (quick commerce) क्षेत्र में अपने ‘डार्क स्टोर्स’ का विस्तार और बास्केट आकार बढ़ाने की क्षमता महत्वपूर्ण होगी, जो इसके बाजार हिस्सेदारी और लाभप्रदता पर असर डाल सकती है.
स्विगी IPO में निवेश से सावधानी बरतने की सलाहLakshmisgree Investment and Securities के हेड ऑफ रिसर्च अंशुल जैन के अनुसार, स्विगी IPO के बजाय जोमैटो के शेयरों में निवेश बेहतर विकल्प हो सकता है. जैन का कहना है कि स्विगी IPO में ऑफर फॉर सेल (OFS) के माध्यम से आईपीओ से पहले वाले निवेशकों के लिए बाहर निकलने के अवसर जैसा है. उनका कहना है कि स्विगी वर्तमान में नुकसान झेल रही है और उसके लाभ को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है. दूसरी ओर, जोमैटो एक स्थिर और लाभदायक कंपनी है, जो लगभग समान राजस्व पर मुनाफा कमा रही है जबकि स्विगी घाटे में है. जैन ने जोमैटो के लिए दो साल में ₹550 प्रति शेयर का टारगेट रखा है, जो इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बनाता है.
स्विगी के सामने चुनौतीपूर्ण स्थितिChoice Broking के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट, जतिन कैथवलाप्पिल के अनुसार, स्विगी का IPO उचित मूल्यांकन पर है, लेकिन कंपनी नुकसान झेल रही है और इसके नकदी प्रवाह में कमी है. कैथवलाप्पिल ने बताया कि स्विगी का फूड डिलीवरी में करीब 45% बाजार हिस्सेदारी है, लेकिन त्वरित वाणिज्य में यह 25% के आस-पास है. इसके विपरीत, जोमैटो अपने अधिक स्थिर और लाभदायक मॉडल के साथ बेहतर प्रदर्शन कर रही है. उन्होंने सलाह दी कि निवेशक स्विगी में सावधानी से निवेश करें और जोमैटो में अधिक निवेश पर ध्यान दें.
जोमैटो का प्रदर्शनजोमैटो के शेयरों पर हाल ही में दबाव बना हुआ है, लेकिन सूचीबद्ध होने के बाद से इसने निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है. एक महीने में इसके शेयरों में 11% की गिरावट आई है, जबकि पिछले छह महीनों में यह 23% तक चढ़ चुके हैं. जोमैटो ने वर्ष 2024 में अब तक 95% से अधिक की वृद्धि दर्ज की है और पिछले एक साल में 109% से ज्यादा का रिटर्न दिया है.
(Disclaimer: यहां बताए गया स्टॉक्स सिर्फ जानकारी देने के उद्देश्य से हैं. यदि आप इनमें से किसी में भी पैसा लगाना चाहते हैं तो पहले सर्टिफाइड इनवेस्टमेंट एडवायजर से परामर्श कर लें. आपके किसी भी तरह की लाभ या हानि के लिए लिए News18 जिम्मेदार नहीं होगा.)
Tags: Business news, IPOFIRST PUBLISHED : November 5, 2024, 16:05 IST
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