नई दिल्ली. कभी पिछड़े और बीमारू राज्य की श्रेणी में रहने वाले बिहार में आज विकास की बहार है. सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए राज्य के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि प्रदेश में बुनियादी ढांचे के विकास पर काफी काम हुआ है. सड़क, रेल से लेकर आम आमदी की सुविधा वाली चीजों को भी लगातार विस्तार दिया जा रहा है. राज्य के सभी 38 जिलों में गैस पाइपलाइन की सुविधा का विस्तार हो चुका है, जो सरकार के बुनियादी ढांचे पर किए गए काम को दर्शाता है.
बिहार के मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में पिछले पांच वर्षों में डेटा खपत में 15 गुना वृद्धि हुई है. बिहार ने बुनियादी ढांचे के विकास में अभूतपूर्व वृद्धि दिखाई है. राज्य का सड़क घनत्व देश में तीसरे स्थान पर आता है जो व्यापार तथा परिवहन को सुविधाजनक बनाता है. इसका बिजली उत्पादन 700 मेगावाट से बढ़कर 7,000 मेगावाट हो गया है. राज्य में आईटी पार्क बनाए गए हैं और डेटा सेंटर भी बनाए जा रहे हैं, जो इसके रोजगार की तरफ बढ़ते कदमों को दिखाता है.
1.2 लाख किलोमीटर तक सड़कउन्होंने कहा कि अगर मैं सड़क क्षेत्र की बात करूं तो हमारे पास 1.2 लाख किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का नेटवर्क है. इसे पिछले 20 वर्षों में बनाया गया है. हमारे पास राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य राजमार्गों और प्रमुख जिला सड़कों का एक बहुत मजबूत नेटवर्क है. मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि पिछले 10 वर्षों में राजमार्ग नेटवर्क, राष्ट्रीय तथा राज्य राजमार्ग दोनों में जबरदस्त वृद्धि हुई है. राज्य सरकार ने पिछले वर्ष के बजट में सिलीगड़ी से गोरखपुर, रक्सौल से हल्दिया, पटना-पूर्णिया तथा आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे से राजगीर, बोधगया और दरभंगा तक चार एक्सप्रेस राजमार्ग की घोषणा की थी. इसके अलावा वाराणसी-कोलकाता परियोजना भी जारी है, जिसका 153 किलोमीटर हिस्सा बिहार के चार जिलों से होकर गुजरता है.
गैस पाइपलाइन का लंबा विस्तारउन्होंने बताया कि गैस के मामले में बिहार में 1,700 किलोमीटर से अधिक लंबी गैस पाइपलाइन है. अब सभी 38 जिले शहरी गैस वितरण के दायरे में हैं. अब सभी उद्योग गैस आधारित उद्योग लगाने की योजना बना सकते हैं. इसके अलावा दूरसंचार की बात करूं तो 2019 में करीब छह करोड़ मोबाइल उपयोगकर्ता थे. अब करीब 7.25 करोड़ हैं. 2019 में प्रति माह औसतन 1.67 गीगाबाइट डेटा का इस्तेमाल होता था, जो अब 27 गीगाबाइट है. इसी बिहार में 45,000 से अधिक मोबाइल टॉवर हैं.
गांव-गांव में ऑप्टिकल फाइबरबिहार के मुख्य सचिव ने कहा कि सभी पंचायतें अब ऑप्टिकल फाइबर केबल से जुड़ चुकी हैं. दूरदराज के इलाकों सहित सभी गांव जुड़ चुके हैं. 2005 में बिजली की खपत केवल 700-800 मेगावाट थी, इस साल राज्य में बिजली की खपत 8,000 मेगावाट तक पहुंच गई है. वित्त पोषण पर उन्होंने कहा कि 2015 में वाणिज्यिक बैंकों से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को सालाना 8,000 करोड़ रुपये का ऋण मिलता था, जो 2023-24 में वाणिज्यिक बैंकों से एमएसएमई को 77,000 करोड़ रुपये का ऋण मिला है.
Tags: Apna bihar, Business news, Internet DataFIRST PUBLISHED : December 18, 2024, 12:30 IST
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