नई दिल्ली. देश में बुनियादी ढांचे (infrastructure) के तेज विकास की जnitin रूरत को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को एक बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि भारत को एक मज़बूत आर्थिक ताकत (economic power) बनाने के लिए सड़कों और हाइवे का विस्तार बेहद जरूरी है. इसी दिशा में अब सरकार ने फैसला लिया है कि 25,000 से 30,000 किलोमीटर तक की दो लेन वाली सड़कों को चार लेन में बदला जाएगा. इस परियोजना पर 8 से 10 लाख करोड़ रुपये तक का खर्च आएगा.
दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने कहा कि उनकी कोशिश है कि हर साल करीब 5 से 6 लाख करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं को पूरा किया जाए. उन्होंने बताया कि अब सड़क निर्माण के लिए सरकार Infrastructure Investment Trust (InvIT) मॉडल को प्रोत्साहित करेगी, जिससे घरेलू निवेशकों से पैसा जुटाकर सड़क निर्माण की गति को तेज किया जा सके.
क्या है InvIT मॉडल और क्यों जरूरी है?इनविट मॉडल को म्यूचुअल फंड की तरह समझा जा सकता है, जिसमें आम लोग या निवेशक अपनी पूंजी लगाते हैं और यह पैसा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में लगाया जाता है. इससे सरकार को बैंकों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता और निवेशक को भी रिटर्न मिलता है. इस मॉडल से हाईवे प्रोजेक्ट्स में स्थिरता आती है और लंबे समय के लिए फंडिंग सुनिश्चित होती है.
BOT मॉडल में बदलाव, अब सरकार वसूलेगी टोलगडकरी ने बताया कि सरकार अब BOT (Build-Operate-Transfer) मॉडल को नए रूप में लागू करेगी. पहले इस मॉडल में सड़क बनाने वाली कंपनी टोल वसूलती थी, लेकिन अब सरकार खुद 15 साल तक टोल वसूलेगी और सड़क निर्माण करने वाले ठेकेदारों को एन्युटी के रूप में भुगतान किया जाएगा. इतना ही नहीं, इन सड़कों का रखरखाव भी अगले 15 साल तक ठेकेदार के ज़िम्मे होगा, जिससे क्वालिटी पर ध्यान रहेगा.
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि EPC मॉडल से बनी सड़कों की गुणवत्ता BOT मॉडल से पीछे रह जाती है, इसलिए सरकार अब क्वालिटी के लिए BOT मॉडल को प्राथमिकता दे रही है.
टोल दरों में भी नया नियममंत्री ने यह भी कहा कि अगर किसी सड़क पर टोल दरें 10% से ज़्यादा बढ़ती हैं, तो उस अतिरिक्त टोल का 50% हिस्सा सरकार को दिया जाएगा. इससे जनता पर बोझ ज्यादा नहीं बढ़ेगा और सरकार की आमदनी भी सुनिश्चित होगी.
देश में सड़क निर्माण की ये रफ्तार क्यों है अहम?गडकरी का मानना है कि अच्छी सड़कें न सिर्फ माल ढुलाई और यात्रा को आसान बनाती हैं, बल्कि इनसे औद्योगिक विकास, पर्यटन, रोजगार और निवेश को भी बढ़ावा मिलता है. यही वजह है कि अब सरकार ने सड़क निर्माण को राष्ट्र निर्माण से जोड़ दिया है.
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