600 करोड़ का एक और घपला? खत्म नहीं हो रहीं Indusind Bank की मुसीबतें

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Last Updated:May 15, 2025, 23:43 ISTइंडसइंड बैंक की इंटरनल ऑडिट में ₹674 करोड़ की चूक का पता चला है, जिससे बैंक की छवि पर सवाल उठे हैं. EY को जांच में शामिल किया गया और बैंक के एमडी ने इस्तीफा दे दिया है.इंडसइंड बैंक की इंटरनल जांच में सामने आई ये बात.हाइलाइट्सइंडसइंड बैंक में ₹674 करोड़ की चूक का खुलासा.बैंक के एमडी ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया.EY को जांच में शामिल किया गया.नई दिल्ली. इंडसइंड बैंक की इंटरनल ऑडिट में एक गंभीर चूक का पता चला है, जिससे बैंक की छवि और कॉर्पोरेट गवर्नेंस पर सवाल उठने लगे हैं. बैंक ने गुरुवार को स्टॉक एक्सचेंज को सूचित किया कि वित्त वर्ष 2024-25 की तीन तिमाहियों में ₹674 करोड़ की राशि को गलत तरीके से ब्याज आय (interest income) के रूप में दर्ज किया गया था. यह पूरी राशि 10 जनवरी 2025 को रिवर्स कर दी गई है, लेकिन इससे पहले वह बैलेंस शीट का हिस्सा बन चुकी थी.

इस चूक का पता तब चला जब बैंक के ऑडिट कमेटी को एक व्हिसलब्लोअर की शिकायत मिली, जिसमें माइक्रोफाइनेंस पोर्टफोलियो से जुड़ी अनियमितताओं की ओर इशारा किया गया था. इसके बाद इंडसइंड बैंक की ऑडिट टीम ने “other assets” और “other liabilities” खातों की समीक्षा की, जिसमें और भी चौंकाने वाली बातें सामने आईं.

595 करोड़ की राशि अनवेरिफाइड

बैंक की 8 मई की रिपोर्ट के अनुसार, ₹595 करोड़ की ऐसी राशि ‘अनवेरिफाइड’ निकली, जिसे बाद में दोनों पक्षों में बैलेंस करते हुए जनवरी 2025 में समायोजित (किसी चीज को संतुलित करना या एडजस्ट करना) कर दिया गया. इसका मतलब है कि बैंक की बैलेंस शीट में यह राशि सालों तक बिना वैध पुष्टि के दर्ज रही. बैंक ने कहा कि संबंधित कर्मचारियों की भूमिका की समीक्षा की जा रही है और जिनकी लापरवाही सामने आएगी, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा, आंतरिक नियंत्रण प्रणाली (internal controls) को मजबूत बनाने की दिशा में भी कदम उठाए जा रहे हैं. इस पूरे मामले ने तब और तूल पकड़ा जब यह जानकारी बाहर आई कि EY (Ernst & Young) को भी इस जांच में शामिल किया गया था. EY को इसलिए जोड़ा गया क्योंकि बैंक के माइक्रोफाइनेंस पोर्टफोलियो में लगभग ₹600 करोड़ की गड़बड़ी की आशंका जताई गई थी. दिसंबर 2024 तिमाही तक, बैंक का MFI पोर्टफोलियो ₹32,564 करोड़ था, जो कुल लोन बुक का 9% हिस्सा है.

कंपनी के एमडी का हो चुका है इस्तीफा

इससे पहले भी बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में करीब ₹2,000 करोड़ का नुकसान सामने आने के बाद बैंक के एमडी और डिप्टी सीईओ ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था. अब रिज़र्व बैंक ने अंतरिम तौर पर एक “एक्जीक्यूटिव कमेटी” के गठन की अनुमति दी है, जो नए सीईओ की नियुक्ति तक बैंक के संचालन की ज़िम्मेदारी संभालेगी. यह मामला न सिर्फ इंडसइंड बैंक बल्कि पूरे बैंकिंग सेक्टर के लिए एक चेतावनी है कि पारदर्शिता और जवाबदेही के बिना भरोसेमंद संचालन संभव नहीं है.
Jai Thakurजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे…और पढ़ेंजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे… और पढ़ेंभारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखेंLocation :New Delhi,Delhihomebusiness600 करोड़ का एक और घपला? खत्म नहीं हो रहीं Indusind Bank की मुसीबतें

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