पाकिस्तान की गंगा है सिंधु नदी, पानी रुका तो लाहौर से कराची तक तबाही पक्की है

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Indus River Importance for Pakistan: बिना हथियार उठाए भारत की पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक…जी, यह बिल्कुल सही है. दुश्मन को हराने के लिए और घुटनों पर लाने के लिए जरूरी नहीं है कि हमेशा जंग लड़ी जाए..अगर दाना-पानी बंद कर दोगे तो वह तड़प-तड़पकर ऐसे ही मर जाएगा. ऐसा ही कुछ भारत सरकार ने किया है. दरअसल, पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पूरे देश में जनआक्रोश है और मोदी सरकार पर पब्लिक प्रेशर है. उरी और पुलवामा के बाद अब फिर से एक और सर्जिकल स्ट्राइक की मांग होने लगी है. हथियारों से पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब कब दिया जाएगा ये तो वक्त ही बताएगा. लेकिन, सिंधु नदी का पानी रोककर भारत ने आर्थिक रूप से पाकिस्तान की कमर तोड़ दी है.

दरअसल, सिंधु नदी पाकिस्तान की जीवन रेखा है, इसके बिना पड़ोसी मुल्क में अनाज और अर्थव्यवस्था दोनों की कल्पना नहीं की जा सकती है. आइये आपको बताते हैं सिंधु नदी का पानी पाकिस्तान के लिए कितना मायने रखता है.

क्या है सिंधु नदी नेटवर्क

सिंधु नदी नेटवर्क, जिसमें झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलुज नदियाँ शामिल हैं, पाकिस्तान का प्रमुख जल संसाधन है, जो करोड़ों की आबादी का भरण-पोषण करता है. इंडस वाटर ट्रीटी के अनुसार, पश्चिमी नदियाँ (सिंधु, झेलम, चिनाब) पाकिस्तान को आवंटित की गई हैं और पूर्वी नदियाँ (रावी, ब्यास, सतलुज) भारत को दी गई हैं. साथ ही, संधि प्रत्येक देश को दूसरे को आवंटित नदियों पर कुछ उपयोग की अनुमति देती है

सिंधु नदी के भरोसे पूरा पाकिस्तान

सिंधु नदी का पानी पाकिस्तान के लिए कितना मायने रखता है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पड़ोसी मुल्क की 80% कृषि भूमि (लगभग 16 लाख हेक्टेयर) सिंधु रिवर सिस्टम के पानी पर निर्भर है.

-सिंधु नदी से मिलने वाले पानी से पाकिस्तान के 93% हिस्से की सिंचाई होती है. ऐसे में यह नदी, पाकिस्तान की कृषि की रीढ़ की हड्डी है.

-सिंधु नदी सिस्टम, पाकिस्तान की 23 करोड़ से ज्यादा आबादी का पालन-पोषण करती है. पाकिस्तान की 61% आबादी सीधे के सिंधु बेसिन से जुड़ी है.

-पाकिस्तान के प्रमुख शहर कराची, लाहौर, मुल्तान को सिंधु रिवर सिस्टम से पानी मिलता है.

-इसके अलावा, पाकिस्तान के तरबेला और मंगला जैसे जल विद्युत संयंत्र भी इस रिवर सिस्टम के बहाव पर निर्भर हैं.

-सिंधु रिवर सिस्टम, पाकिस्तान की जीडीपी में लगभग 25% का योगदान देती है. इस मुल्क में उगने होने गेहूं, चावल, गन्ना और कपास जैसी फसलों में सिंधु नदी के पानी का बड़ा योगदान है.

भारत के फैसले होगा बड़ा नुकसान

पाकिस्तान पहले से ही दुनिया के सबसे अधिक जल-तनाव वाले देशों की लिस्ट में शुमार है और अब भारत सिंधु, झेलम और चिनाब से प्रवाह को काट देता है या काफी कम कर देता है, तो इसका पाकिस्तान की पब्लिक से लेकर इकोनॉमी पर बहुत बुरा असर पड़ेगा.

-पाकिस्तान के खाद्य उत्पादन में गिरावट आ सकती है, जिससे लाखों लोगों की खाद्य सुरक्षा को खतरा हो सकता है.

-शहरी जल आपूर्ति सूख जाएगी, जिससे शहरों में पानी की किल्लत के चलते अशांति फैल जाएगी.

-चूंकि, पाकिस्तान के बड़े विद्युत संयंत्र सिंधु नदी पर निर्भर हैं इसलिए पानी की कमी से बिजली उत्पादन ठप हो जाएगा, और उद्योग धंधों पर इसका गहरा असर देखने को मिलेगा.

पाकिस्तान पहले से नकदी संकट और महंगाई से जूझ रहा है, और सिंधु नदी से जुड़ा यह संकट पड़ोसी मुल्क में महंगाई, बेरोजगारी व पलायन और बढ़ा सकता है.

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