Last Updated:May 02, 2025, 13:02 ISTManufacturing PMI : एचएसबीसी इंडिया ने अप्रैल, 2025 के लिए जारी मैन्युफक्चरिंग पीएमआई में तेज ग्रोथ देखी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने 10 महीने में सबसे तेज ग्रोथ हासिल …और पढ़ेंमैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने अप्रैल में 10 महीने की सबसे तेज ग्रोथ हासिल की है. हाइलाइट्सभारत का विनिर्माण क्षेत्र 10 महीनों में सबसे तेज बढ़ा.अप्रैल में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 58.2 पर पहुंचा.अफ्रीका, एशिया, यूरोप से बंपर ऑर्डर मिले.नई दिल्ली. टैरिफ वॉर के बीच भारत का विनिर्माण क्षेत्र मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है. अमेरिकी बाजार में भले ही भारतीय उत्पादों पर ज्यादा टैक्स की वजह से डिमांड कम होने की आशंका है, लेकिन दुनिया के अन्य बाजारों ने इसकी भरपाई कर दी है और भारत को बंपर ऑर्डर दिया है. एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) के आंकड़े देखें तो पता चलता है कि भारतीय विनिर्माण क्षेत्र में अप्रैल में वृद्धि की गति में सुधार हुआ है. अप्रैल का उत्पादन जून 2024 के बाद सबसे तेज गति से बढ़ा और इसका कारण ऑर्डर बुक्स में तेजी से और मजबूत ग्रोथ रहा है.
एचएसबीसी इंडिया ने अपने मासिक सर्वेक्षण में बताया कि भारत का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई मार्च के 58.1 से बढ़कर अप्रैल में 58.2 हो गया है. यह 10 महीनों में इस क्षेत्र में सबसे मजबूत सुधार को दर्शाता है. PMI की भाषा में 50 से ऊपर का जाना विस्तार यानी ग्रोथ को दिखाता है, जबकि 50 से नीचे का स्कोर संकुचन को दर्शाता है. उत्पादन वृद्धि में यह सुधार इसलिए भी तेजी से दिख रहा है, क्योंकि इस दौरान नए व्यवसाय में तेज वृद्धि हुई है. विनिर्माण क्षेत्र को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मांग से समर्थन मिला है, जिससे इतनी तेज ग्रोथ दिखी है.
ग्लोबल मार्केट से बंपर ऑर्डसर्वेक्षण के अनुसार, कुल बिक्री को अंतरराष्ट्रीय ऑर्डरों में तेज वृद्धि से समर्थन मिला है. विदेश से नया व्यवसाय 2025-26 के वित्तीय वर्ष की शुरुआत में 14 वर्षों में सबसे अधिक बढ़ा. सबसे ज्यादा डिमांड अफ्रीका, एशिया, यूरोप, मध्य पूर्व और अमेरिका से आई है. भले ही अमेरिका ने टैरिफ लगाकर कुछ समस्या खड़ी की है, लेकिन टैरिफ लागू होने से पहले ही अमेरिका से यह सारे ऑर्डर मिल चुके हैं.
भारत आ सकती हैं दिग्गज कंपनियांएचएसबीसी के मुख्य अर्थशास्त्री (भारत ) प्रांजुल भंडारी का कहना है कि अप्रैल में नए निर्यात ऑर्डर में आई वृद्धि इस बात का संकेत हो सकती है कि आने वाले समय में कई दिग्गज कंपनियां भारत में आएंगी. कई कंपनियां टैरिफ वॉर और बदलते परिदृश्य की वजह से भारत आ सकती हैं. इस सकारात्मक सोच की वजह से ही रोजगार और खरीदारी गतिविधि में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि विनिर्माताओं ने बढ़ती उत्पादन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अप्रैल में अपने स्टाफिंग स्तरों को बढ़ाना जारी रखा.
लागत से ज्यादा बढ़ा मुनाफाभंडारी ने बताया कि कारोबार में तेजी के साथ खरीदारी और इनपुट यानी लागत भी बढ़ी है. लागत बढ़ने के बावजूद कंपनियों का मुनाफा ज्यादा बढ़ गया. इसकी वजह आउटपुट यानी बिक्री की कीमतों में आई तेज वृद्धि है. यही कारण है कि कंपनियों का मार्जिन अक्टूबर, 2013 के बाद सबसे ज्यादा पहुंच गया है. एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल द्वारा लगभग 400 निर्माताओं के एक पैनल में खरीद प्रबंधकों को भेजे गए प्रश्नावली के आधार पर तैयार किया गया है.
Location :New Delhi,Delhihomebusinessटैरिफ वॉर के बीच देश का उत्पादन 10 महीने में सबसे ज्यादा, कहां से आया ऑर्डर
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