Last Updated:April 01, 2025, 15:07 ISTG-20 vs India : दुनिया की शीर्ष 20 अर्थव्यवस्थाओं वाले समूह जी-20 में शामिल भारत की विकास दर अन्य किसी भी देश के मुकाबले सबसे ज्यादा रहने वाली है. यह दावा किया है ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने. उसका कहना ह…और पढ़ेंमूडीज ने बताया 2025 में कितनी होगी भारत की विकास दर. हाइलाइट्सभारत की विकास दर जी-20 देशों में सबसे तेज होगी.मूडीज ने भारत की वृद्धि दर 2025-26 में 6.5% रहने का अनुमान लगाया.भारत पूंजी आकर्षित करना जारी रखेगा और विदेशी निकासी को झेल सकेगा.नई दिल्ली. दुनिया के 20 सबसे शक्तिशाली देशों के समूह जी-20 में शामिल भारत अन्य सभी देशों के मुकाबले कहीं तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. यह दावा ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने किया है. मूडीज ने मंगलवार को जारी अपनी रिपोर्ट में बताया कि जी-20 देशों में शामिल किसी भी अर्थव्यवस्था के मुकाबले भारत की जीडीपी की विकास दर कहीं तेज रहेगी और ग्लोबल मार्केट की तमाम चुनौतियों के बावजूद भारत के विकास की रफ्तार बाकी देशों से कहीं ज्यादा होगी.
मूडीज की रिपोर्ट के अनुमसार, भारत की वृद्धि दर टैक्स उपायों व निरंतर मौद्रिक सहजता के दम पर चालू वित्त वर्ष 2025-26 में 6.5 फीसदी रहेगी जो जी-20 देशों में शामिल सभी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक होगी. साथ ही यह देश पूंजी आकर्षित करना जारी रखेगा और किसी भी विदेशी निकासी को झेल सकेगा. मूडीज रेटिंग्स ने उभरते बाजारों पर जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि अमेरिकी नीतियों के मंथन और वैश्विक पूंजी प्रवाह, आपूर्ति श्रृंखलाओं, व्यापार व भू-राजनीति को नया आकार देने की क्षमता के कारण अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं.
ग्लोबल संकटों का दिखेगा असररिपोर्ट में कहा गया कि सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक गतिविधि उच्च स्तरों से थोड़ी धीमी हो जाएगी, लेकिन इस साल और अगले साल भी इसकी विकास दर मजबूत रहेगी. चीन में, बुनियादी ढांचे और प्राथमिकता वाले उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में निर्यात तथा निवेश वृद्धि के मुख्य चालक बने हुए हैं, जबकि घरेलू खपत कमजोर बनी हुई है. दूसरी ओर, टैक्स उपायों और निरंतर (मौद्रिक) सहजता से समर्थित भारत की वृद्धि उन्नत और उभरते जी-20 देशों में सबसे अधिक रहेगी.
विकास दर पर कितना असररेटिंग एजेंसी ने साथ ही भारत में वित्तवर्ष 2025-26 के लिए 6.5 फीसदी की वृद्धि का अनुमान लगाया है, जो 2024-25 में 6.7 फीसदी से कम है. उसने मुद्रास्फीति के औसतन 4.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया, जो गत वित्त वर्ष में 4.9 फीसदी थी. मूडीज ने साथ ही कहा कि अमेरिकी नीतियों में अनिश्चितता से पूंजी निकासी का जोखिम बढ़ेगा, लेकिन भारत तथा ब्राजील जैसे बड़े उभरते बाजार अपनी बड़ी और घरेलू रूप से उन्मुख अर्थव्यवस्थाओं, बड़े घरेलू पूंजी बाजारों व पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार के दम पर ऐसी परिस्थितियों में भी बेहतर स्थिति में हैं.
एशिया-प्रशांत में सबसे तेज विकास दररिपोर्ट में कहा गया कि उभरते बाजारों की वृद्धि 2025-26 में कुल मिलाकर धीमी लेकिन दृढ़ रहेगी. इसमें प्रत्येक देश की स्थिति के अनुरूप व्यापक अंतर होगा. कुल मिलाकर देखा जाए तो एशिया-प्रशांत में वृद्धि सबसे अधिक रहेगी, लेकिन वैश्विक व्यापार में इस क्षेत्र के एकीकरण का मतलब है कि यह अमेरिकी शुल्क और वृद्धि को धीमा करने की उनकी क्षमता के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील है. जाहिर है कि अमेरिका के टैरिफ वॉर के बावजूद एशिया-प्रशांत के देश अपनी मजबूत विकास दर को बनाए रखने में कामयाब होंगे.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :April 01, 2025, 15:07 ISThomebusinessजी-20 में जमी भारत की धाक, मूडीज ने कहा- इसके आगे फेल है अमेरिका का दांव
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