जिसका था डर वही हुआ, ट्रंप ने कर दी भारतीय कंपनियों पर गहरी चोट

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Last Updated:May 12, 2025, 20:52 ISTडोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अब यूएस को दवाएं मनमर्जी के दामों पर नहीं बेची जा सकेंगी. इससे भारतीय फार्मा कंपनियों जैसे सन फार्मा, डॉ. रेड्डीज, ऑरबिंदो फार्मा पर असर पड़ेगा.डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले से दवा की कीमतें यूएस में काफी हद तक नीचे आ जाएंगी. हाइलाइट्सट्रंप के फैसले से भारतीय फार्मा कंपनियों पर असर पड़ेगा.यूएस में भारतीय दवाओं की कीमतें घटेंगी.कल भारतीय फार्मा कंपनियों के शेयरों पर नजर रखें.नई दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज मीडिया से बातचीत के दौरान जो एक बात कही वह भारत की फार्मा कंपनियों को बिलकुल पसंद नहीं आएगी. सब जानते हैं कि अमेरिका से दुनियाभर की कंपनियों को अच्छी कमाई होती है. यूएस एक रईस देश है और वहां कंपनियां उसी अनुपात में अपने उत्पादों की कीमतें तय करती हैं. भारत की फार्मा कंपनियां भी इनमें से एक है. भारत को दवा निर्यात के लिए जाना जाता है. वैक्सीन से लेकर जेनरिक दवाओं तक में भारतीय कंपनियों का दबदबा है. यूएस इन भारतीय कंपनियों के लिए एक बड़ा और कमाऊ मार्केट है. लेकिन अब राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका से ज्यादा की संभावनाओं को बहुत कम कर दिया है.

उन्होंने कहा कि अब कोई देश यूएस को मनमर्जी के दामों पर दवाएं नहीं बेच पाएगा. ट्रंप एक एग्जिक्यूटिव ऑर्डर साइन करेंगे जिससे यूएस खुद को ही मोस्ट फेवर्ड नेशन बना देगा. ट्रंप ने बताया कि अब इन दवा कंपनियों को यूएस से वही कीमत लेनी होगी जो कीमत यह किसी और ऐसे देश से ले रहे हैं जहां उन्हें कमाई बहुत कम हो रही है. आपके मन में सवाल होगा कि इसका मतलब क्या है?

सबसे सस्ती दवा

ट्रंप ने मोस्ट फेवर्ड नेशन का मतलब भी समझाया. ट्रंप के अनुसार, यूएस किसी दवा के लिए वही कीमत देगा जो किसी और देश द्वारा दी जा रही है और वह अन्य सभी देशों द्वारा दी जा रही कीमत से कम है. अगर अमेरिका एक दवा के लिए 50 डॉलर दे रहा है लेकिन अन्य देश 10, 20 और 30 डॉलर दे रहे हैं तो अब से यूएस भी 10 डॉलर ही देगा. यानी उस दवा की सबसे कीमत कीमत. ट्रंप का कहना है कि इस फैसले से दवाओं की कीमत 60-90 फीसदी तक नीचे आ जाएंगी. साथ ही यूएस दवाओं की कीमतें तय करने में बिचौलियों की भूमिका खत्म कर देगा.

भारतीय कंपनियों पर असर

जैसा कि हमने बताया, भारत की फार्मा कंपनियां दुनियाभर में निर्यात के लिए जानी जाती हैं. यही कारण है कि आज बाजार में तेजी के बावजूद फार्मा इंडेक्स लगभग सपाट ही बंद हुआ. इतना ही नहीं निफ्टी पर 50 में से केवल 2 ही स्टॉक लाल निशान में थे. जिसमें से एक सन फार्मा का शेयर था. यूएस में दवा निर्यात करने वाली भारतीय कंपनियों के नाम इस प्रकार हैं- ऑरबिंदो फार्मा, सन फार्मा, डॉ. रेड्डीज, जायडस कैडिला, ल्यूपिन और ग्लैंड फार्मा. यह सभी कंपनियां स्टॉक मार्केट में लिस्टेड हैं और इनके शेयरों में कल गिरावट देखने को मिल सकती है. मौजूद जानकारी के अनुसार, ऑरबिंदो फार्मा का 48 फीसदी रेवेन्यू यूएस से आता है. सन फार्मा का 32 फीसदी, डॉ. रेड्डीद का भी करीब 45 फीसदी और जायडस का 38-45 फीसदी रेवेन्यू यूएस की मार्केट से आता है.
Jai Thakurजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे…और पढ़ेंजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे… और पढ़ेंभारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessजिसका था डर वही हुआ, ट्रंप ने कर दी भारतीय कंपनियों पर गहरी चोट

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