Last Updated:March 01, 2025, 20:21 ISTकेंद्र सरकार की ओर से जारी दूसरे एडवांस अनुमान के अनुसार, देश की अर्थव्यवस्था 2024-25 के दौरान 6.5 फीसदी की दर से बढ़ सकती है. वहीं, इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने भी वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की विकास दर …और पढ़ेंभारत FY26 में सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगाहाइलाइट्सभारत की जीडीपी 2025-26 में 6.5% बढ़ने का अनुमान.आईएमएफ ने भारत की आर्थिक स्टेबलिटी की सराहना की.प्राइवेट इन्वेस्टमेंट और स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स पर जोर.नई दिल्ली. मल्टीलेटरल फाइनेंसिंग एजेंसी इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने कहा है कि भारत मजबूत प्राइवेट इन्वेस्टमेंट और मैक्रोइकोनॉमिक स्टेबलिटी के दम पर 2025-26 में 6.5 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ दर्ज करके सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी पॉजिशन बनाए रखेगा. आईएमएफ ने कहा कि भारत का मजबूत आर्थिक परफॉर्मेंस स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है, जो देश को 2047 तक एडवांस अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को साकार करने के लिए अहम है.
आईएमएफ ने भारत के साथ कंसल्टेशन के बाद कहा, “वित्त वर्ष 2024-25 और 2025-26 में रियल जीडीपी 6.5 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है, जिसे निरंतर मैक्रोइकोनॉमिक और फाइनेंशियल स्टेबलिटी के आधार पर प्राइवेट खपत में मजबूत ग्रोथ का सपोर्ट हासिल होगा.”
भारत सरकार द्वारा जारी दूसरे एडवांस अनुमान के अनुसार, देश की अर्थव्यवस्था 2024-25 के दौरान 6.5 फीसदी की दर से बढ़ सकती है. आईएमएफ ने कहा कि फूड इन्फ्लेशन कम होने के साथ ही मुख्य इन्फ्लेशन लक्ष्य के करीब पहुंचने की उम्मीद है. आईएमएफ के वक्तव्य में प्राइवेट इनेवेस्टमेंट और रोजगार को बढ़ावा देने और ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स के इम्प्लीमेंटेशन की जरूरत पर भी जोर दिया गया.
आईएमएफ ने कहा, “…हाई क्वालिटी वाली नौकरियां जनरेट करने, निवेश को बढ़ावा देने और हाई ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए व्यापक स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स अगम हैं. प्रयासों को लेबर मार्केट रिफॉर्म्स को लागू करने, ह्यूमन कैपिटल को मजबूत करने और लेबर फोर्स में महिलाओं की ज्यादा भागीदारी का सपोर्ट करने पर फोकस करना चाहिए.”
आईएमएफ के बयान में कहा गया है कि प्राइवेट इन्वेस्टमेंट और एफडीआई को बढ़ावा देना अहम है और इसके लिए स्टेबल पॉलिसी फ्रेमवर्क, बिजनेस करने में ज्यादा आसानी, गवर्नमेंट रिफॉर्म्स और ट्रेड इंटीग्रेशन में बढ़ोतरी की जरूरत होगी. इनमें टैरिफ और नॉन-टैरिफ कटौती, दोनों उपाय शामिल होंगे.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :March 01, 2025, 20:18 ISThomebusinessIMF ने माना भारतीय इकोनॉमी का लोहा, जताया 6.5 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान
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