नई दिल्ली. भारतीय लोग ही नहीं भारत की कंपनियां भी अमेरिका में अपना डंका बजवा रही हैं. अमेरिका की ओर से जारी किया जाने वाला एच1बी वीजा हासिल करने में भारतीय कंपनियों ने भी जमकर बाजी मारी. कुल एच1बी वीजा में से 20 फीसदी भारतीय कंपनियों ने ही हासिल किया है. अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवाओं की ओर से इसका डाटा जारी किया गया है.
इन आंकड़ों में बताया गया है कि भारतीय मूल की प्रौद्योगिकी कंपनियों ने अमेरिका की ओर से जारी कुल एच1बी वीजा में से 20 फीसदी हासिल कर लिया है. एच1बी वीजा हासिल करने में इन्फोसिस और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) सबसे आगे रही हैं. अमेरिकी आव्रजन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-सितंबर, 2024 की अवधि में विभिन्न नियोक्ताओं को जारी किए गए कुल 1.3 लाख एच1बी वीजा में से लगभग 24,766 वीजा भारतीय मूल की कंपनियों को जारी किए गए. इनमें से इन्फोसिस ने 8,140 लाभार्थियों के साथ पहला स्थान हासिल किया. उसके बाद टीसीएस (5,274) और एचसीएल अमेरिका (2,953) का स्थान रहा.
सबसे ज्यादा किस कंपनी को मिलाअमेरिका का सबसे ज्यादा वीजा अमेरिकी कंपनी अमेजन कॉम सर्विसेज एलएलसी ने हासिल किया है, जिसे 9,265 एच1बी वीजा मिले हैं. दूसरे नंबर पर भारतीय कंपनी इन्फोसिस आती है. कॉग्निजेंट इस सूची में 6,321 वीजा के साथ तीसरे स्थान पर रही. कॉग्निजेंट की स्थापना चेन्नई में हुई थी, लेकिन अब इसका मुख्यालय न्यूजर्सी, अमेरिका में है.
भारतीय कंपनियों को मिलता है फायदाएच1बी वीजा कार्यक्रम कंपनियों को विशेषज्ञता वाले पदों पर अस्थायी रूप से विदेशी पेशेवरों की नियुक्ति की अनुमति देता है. इसका फायदा भारत की प्रौद्योगिकी कंपनियों को खासतौर से मिला है. टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इन्फोसिस, विप्रो और एचसीएल टेक्नोलॉजीज जैसी प्रमुख भारतीय आईटी सेवा कंपनियां लगातार एच1बी वीजाधारकों के लिए शीर्ष नियोक्ताओं में शुमार रही हैं. इस बार विप्रो 1,634 वीजा के साथ निचले स्थान पर रही है, जबकि टेक महिंद्रा ने भी इस दौरान 1,199 एच1बी वीजा हासिल किए.
एलन मस्क ने की है वीजा की सराहनाउद्योगपति एलन मस्क की टेस्ला एच1बी वीजा कार्यक्रम की लाभार्थी रही है. उन्होंने इस वीजा कार्यक्रम की सराहना भी की है. मस्क सार्वजनिक रूप से प्रौद्योगिकी उद्योग की विदेशी पेशेवरों पर निर्भरता का समर्थन कर चुके हैं. उन्होंने ऐसे सभी पृष्ठभूमि के लोगों का स्वागत करने की जरूरत बताई थी, जो अपनी मेहनत से अमेरिका में योगदान दे सकते हैं. अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी मस्क का समर्थन किया है, जिससे भविष्यम में इस वीजा में और विस्तार होने की संभावना है.
Tags: America News, Business news, Ratan tata, US VisaFIRST PUBLISHED : January 6, 2025, 09:29 IST
stock market, share market, market update, trading news, trade news, nifty update,bank nifty, oxbig news, oxbig news network, hindi news, hindi news, business news, oxbig hindi news
English News