Last Updated:April 30, 2025, 16:09 ISTभारत-अमेरिका व्यापार समझौते में कृषि उत्पादों पर टैरिफ घटाने पर सहमति नहीं बन पाई है. भारत टेक्सटाइल और फार्मा में बेहतर एक्सेस चाहता है. मिशन 500 के तहत 2030 तक व्यापार 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है, ल…और पढ़ेंकिसानों के मुद्दे पर फंस रहा है टैरिफ डील का मामला.हाइलाइट्सभारत-अमेरिका व्यापार समझौता अधर में लटका.कृषि उत्पादों पर टैरिफ घटाने पर सहमति नहीं.भारत टेक्सटाइल और फार्मा में बेहतर एक्सेस चाहता है.नई दिल्ली. भारत और अमेरिका के बीच लंबे वक्त से चल रही द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) की बातचीत अब धीरे-धीरे मुश्किल मोड़ पर पहुंचती दिख रही है. भले ही दोनों देश इस साल के अंत तक पहले चरण के समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिश में जुटे हों, लेकिन हकीकत ये है कि जमीनी स्तर पर कई अहम मुद्दों पर अब भी सहमति नहीं बन पाई है.
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका लगातार भारत से कृषि उत्पादों पर टैरिफ घटाने की मांग कर रहा है. खासतौर पर अमेरिकी बादाम, पिस्ता और दूसरे हाई-वैल्यू फार्म प्रोडक्ट्स को सस्ता एक्सेस देने की कोशिश हो रही है. लेकिन भारत के लिए ये सेक्टर हमेशा से संवेदनशील रहा है—किसानों की सुरक्षा और घरेलू उत्पादकों के हितों को देखते हुए सरकार बेहद सतर्क रुख अपना रही है.
कहीं कम न पड़ जाएं 90 दिनअमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में देश-विशेष टैरिफ को 90 दिनों के लिए होल्ड पर रखा है, ताकि कुछ देशों के साथ सौदेबाजी पूरी की जा सके. भारत इस मौके को भुनाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अंदरूनी बातचीत की रफ्तार इतनी तेज नहीं कि तय वक्त में डील लॉक हो जाए. माना जा रहा है कि समझौते की पहली किस्त को फाइनल करने में कम से कम छह महीने का वक्त और लग सकता है.
टेक्सटाइल और फार्मा पर भारत की नजरभारत जहां टेक्सटाइल और फार्मास्यूटिकल्स सेक्टर में बेहतर एक्सेस चाहता है, वहीं अमेरिका की दिलचस्पी उन प्रोडक्ट्स में है जिन्हें भारत अब तक ऊंचे टैरिफ से बचाकर रखता आया है. यही वजह है कि बातचीत अब सेक्टर-टू-सेक्टर डिटेलिंग पर आकर अटक गई है. दोनों देशों के अधिकारी फिलहाल एक फ्रेमवर्क पर सहमत हुए हैं, लेकिन असली बातचीत अब शुरू होनी है.
Mission 500 का सपना और टाइमलाइन की चुनौतीअमेरिका और भारत दोनों ने 2030 तक आपसी व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है—जिसे ‘Mission 500’ कहा जा रहा है. फिलहाल 2024-25 में दोनों देशों के बीच व्यापार 131 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है. लेकिन अगर BTA को जल्द न सुलझाया गया, तो ना सिर्फ यह मिशन धीमा पड़ सकता है, बल्कि भारत को अमेरिकी टैरिफ का भी सामना करना पड़ सकता है.
आगे क्या?मई के आखिर से सेक्टर-स्तरीय इन-पर्सन मीटिंग्स शुरू होने जा रही हैं. लेकिन जिस तरह की जटिलताएं सामने आ रही हैं, उन्हें देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि डील इस साल पूरी हो पाएगी. अमेरिका की ओर से कहा गया है कि बातचीत सही दिशा में आगे बढ़ रही है, लेकिन भारत के लिए यह सिर्फ एक व्यापारिक मसला नहीं—बल्कि किसानों और घरेलू उद्योगों से जुड़ी बड़ी रणनीति भी है.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :April 30, 2025, 16:09 ISThomebusinessकहीं कम न पड़ जाएं 90 दिन, नहीं बन पा रही भारत-अमेरिका के बीच बात!
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