Last Updated:June 27, 2025, 09:05 ISTIndia US Trade Deal : डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से ट्रेड डील जल्द होने का दावा किया है. हालांकि, भारत समझौते को लेकर जल्दबाजी में नहीं है. वह बराबर पर ही समझौता करने पर अड़ा है. दोनों देशों के बीच इस मसले पर बातचीत कहां तक पहुंची है, इसकी कोई जानकारी ट्रंप ने नहीं दी है. हाइलाइट्सडोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि भारत के साथ ट्रेड डील जल्द होने वाली है.अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि वे हर देश के साथ व्यापार समझौता नहीं करेंगे.भारत ने साफ कर दिया है कि वह जल्दबाजी में समझौता नहीं करेगा.नई दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया हे कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता होने वाला है और यह चीन की तरह ही एक बहुत बड़ी डील होगी. यूएस चीन के साथ ट्रेड डील कर चुका है. 26 जून को वाशिंगटन डीसी में एक कार्यक्रम में ट्रंप ने कि अमेरिका ने ने अभी चीन के साथ एक समझौता किया है. भारत के साथ भी एक बहुत बड़ा समझौता होने जा रहा है. हालांकि, उन्होंने इस समझौते में क्या कुछ और होगा और दोनों देशों के बीच इस मसले पर बातचीत कहां तक पहुंची है, इसकी कोई जानकारी नहीं दी. वहीं, भारत अमेरिका को स्पष्ट कर चुका है कि वह समझौता तभी करेगा जब डील दोनों ही देशों के लिए फायदेमंद होगी.ट्रंप ने कहा “हम भारत के दरवाजे खोलने जा रहे हैं. चीन के साथ भी हम ऐसा कर रहे हैं. ये वे चीजें हैं जो पहले कभी संभव नहीं थीं.” भारत आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में हो रहे बदलावों के बीच अमेरिका अपनी रणनीतिक व्यापार साझेदारियों को नए सिरे से परिभाषित कर रहा है. ट्रंप ने कहा कि अमेरिका हर देश के साथ व्यापार समझौता नहीं करेगा. उन्होंने कहा, “कुछ देशों को हम केवल एक पत्र भेजेंगे और कहेंगे धन्यवाद, लेकिन अब आपको 25, 35 या 45 प्रतिशत शुल्क देना होगा.”
वाणिज्य सचिव भी जता चुके उम्मीद
ट्रंप के बयान से पहले इसी महीने अमेरिका के वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटनिक ने भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी मंच (USISPF) में कहा था कि दोनों देशों ने कई मुद्दों पर “साझा दृष्टिकोण” हासिल कर लिया है और एक संतुलित व्यापार समझौता जल्द ही हो सकता है. भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 10 जून को एक प्रेस वार्ता में कहा था कि हम एक ऐसा व्यापार समझौता करने की दिशा में काम कर रहे हैं जो भारत और अमेरिका दोनों के लिए लाभकारी हो. उन्होंने स्पष्ट किया था कि समझौता निष्पक्ष और संतुलित होगा.
कहां फंसा है पेंच
अमेरिका जहां यह समझौता जल्द से जल्द करने के मूड में है, वहीं भारत किसी तरह की हड़बड़ी में नहीं है और साफ कर दिया है कि वह अपने हितों से समझौता नहीं करेगा. 26% टैरिफ के संभावित खतरे के बावजूद भारत किसी भी हालत में झुकने के मूड में नहीं है. टैरिफ के लिए ट्रंप द्वारा रखी गई डेडलाइन 9 जुलाई को समाप्त हो जाएगी.
भारत “विन-विन” (win-win) स्थिति बनाना है, जिससे डील से दोनों देशों को लाभ हो. अमेरिका भारत से खाद्य और कृषि जैसे क्षेत्र खोलने की मांग कर रहा है. लेकिन, भारत ऐसा करने के लिए राजी नहीं है. अमेरिका चाहता है कि यह अंतरिम समझौता केवल कृषि तक सीमित न हो, बल्कि इसमें सरकारी खरीद, बौद्धिक संपदा अधिकार, सीमा शुल्क और डिजिटल व्यापार जैसे अहम विषय भी शामिल किए जाएं.Location :New Delhi,New Delhi,Delhihomebusinessभारत-अमेरिका में बन गई है बात या यूं ही लंबी-लंबी फेंक रहे हैं ट्रंप
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