Last Updated:January 15, 2025, 22:27 ISTपीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने उम्मीद जताई है कि 2026 तक भारत जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है.भारत 2026 तक चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था होगा
नई दिल्ली. इंडस्ट्री बॉडी पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री यानी पीएचडीसीसीआई (PHDCCI) ने बुधवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट इस वित्त वर्ष में 6.8 फीसदी और अगले वित्त वर्ष में 7.7 फीसदी रहने की उम्मीद है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 2026 तक भारत जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है.
पीएचडीसीसीआई के प्रेसिडेंट हेमंत जैन ने कहा कि पिछले 3 सालों में भारतीय अर्थव्यवस्था ने मजबूती से प्रगति की है और 2026 तक जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना है. पीएचडीसीसीआई ने अपने बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में देश का जीडीपी 6.8 फीसदी और वित्त वर्ष 2025-26 में 7.7 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है.
महंगाई की दर 4.5 फीसदी रहने की संभावनापीएचडीसीसीआई ने यह भी कहा कि इस वित्त वर्ष में महंगाई की दर 4.5 फीसदी रहने की संभावना है. उन्होंने कृषि, फूड प्रोसेसिंग, फिनटेक, सेमीकंडक्टर, रिन्यूएबल एनर्जी, हेल्थ और इंश्योरेंस जैसे संभावनाशील क्षेत्रों पर फोकस करने की सलाह दी है.
RBI कर सकता है दरों में कटौतीइंडस्ट्री बॉडी ने अगले वित्त वर्ष (2025-26) के बजट के संदर्भ में सुझाव दिया कि आयकर की उच्चतम दर केवल 40 लाख रुपये से अधिक आय वाले व्यक्तियों पर लागू होनी चाहिए और इनकम टैक्स छूट सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि लोगों के हाथों में अधिक खर्च योग्य आय रखकर खपत को बढ़ावा देना जरूरी है. पीएचडीसीसीआई ने उम्मीद जताई है कि रिजर्व बैंक अगले महीने अपनी मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत ब्याज दर में 0.25 फीसदी की कटौती करेगा, जिससे खुदरा महंगाई में कमी आने की संभावना है.
खुदरा महंगाई घटने की उम्मीदपीएचडीसीसीआई के उप महासचिव एस पी शर्मा ने कहा, ‘अगली समीक्षा में 0.25 फीसदी की कटौती होनी चाहिए. अब खुदरा महंगाई कम हो रही है, लेकिन कुछ खाद्य पदार्थों की कीमतें अभी भी अधिक हैं. इसके बावजूद हमें उम्मीद है कि आने वाली तिमाहियों में खुदरा महंगाई घटकर 4 से 2.5 फीसदी के बीच आ जाएगी.’
शर्मा ने कहा कि इंडस्ट्री बॉडी ने बजट में इनकम टैक्स की अधिकतम दर के लिए आय सीमा को 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये किए जाने का सुझाव दिया है. उन्होंने कहा, ‘आज 15 लाख रुपये एक मध्यम आय है और हम इस पर उच्चतम टैक्स रेट लगा रहे हैं. इस तरह की मध्यम आय पर कोई उच्चतम दर नहीं होनी चाहिए और अगर हम उपभोग अर्थव्यवस्था हैं तो उच्चतम दर भी 25 फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए.’ इसके अलावा, पीएचडीसीसीआई ने स्वामित्व या साझेदारी और एलएलपी के तहत संचालित संस्थाओं पर कर की दर को 33 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी करने की मांग की है.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :January 15, 2025, 22:24 ISThomebusinessअगले साल जापान को पीछे छोड़ देगी भारत की इकोनॉमी, बनेगी चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था
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