Last Updated:May 18, 2025, 14:13 ISTभारत ने वित्त वर्ष 2024-25 में 24.14 अरब डॉलर के स्मार्टफोन निर्यात किए, जो पिछले साल से 55% अधिक है. PLI स्कीम और Make in India पहल से Apple, Samsung ने भारत में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाई.हाइलाइट्सभारत ने 2024-25 में 24.14 अरब डॉलर के स्मार्टफोन निर्यात किए.PLI स्कीम और Make in India पहल से मैन्युफैक्चरिंग बढ़ी.अमेरिका बना भारत के स्मार्टफोन एक्सपोर्ट का सबसे बड़ा बाजार.नई दिल्ली. वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने स्मार्टफोन निर्यात के क्षेत्र में एक नया रिकॉर्ड कायम किया है. इस साल भारत ने कुल 24.14 अरब डॉलर के स्मार्टफोन एक्सपोर्ट किए, जो पिछले वित्त वर्ष (2023-24) के 15.57 अरब डॉलर की तुलना में करीब 55% अधिक है. यह उपलब्धि सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि यह दर्शाती है कि भारत अब पारंपरिक उत्पादों जैसे पेट्रोलियम और हीरों को पीछे छोड़ते हुए टेक्नोलॉजी आधारित निर्यात का केंद्र बनता जा रहा है.
स्मार्टफोन एक्सपोर्ट में आई इस जबरदस्त बढ़ोतरी के पीछे सबसे बड़ा कारण केंद्र सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम है, जिसे 2020 में लॉन्च किया गया था. इस स्कीम के तहत कंपनियों को भारत में बने प्रोडक्ट्स की बढ़ती बिक्री पर इंसेंटिव दिया जाता है. इसके चलते Apple, Samsung जैसी बड़ी विदेशी कंपनियों और उनके सप्लाई चेन पार्टनर्स ने भारत में अपने मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को मजबूती से स्थापित किया. साथ ही Make in India जैसी पहल और बिजनेस फ्रेंडली नीतियों ने इस सेक्टर को और भी बल दिया.
कहां गया सबसे ज्यादा फोन
इस साल अमेरिका भारत के स्मार्टफोन एक्सपोर्ट का सबसे बड़ा बाजार बना, जहां से 10.6 अरब डॉलर का निर्यात हुआ. जापान, नीदरलैंड, इटली और चेक गणराज्य जैसे विकसित देशों में भी भारतीय स्मार्टफोन की मांग तेजी से बढ़ी है. भारत में बने iPhone, जो Foxconn, Tata Electronics और Pegatron जैसी कंपनियों के जरिए तैयार होते हैं, अब भारत के कुल स्मार्टफोन एक्सपोर्ट का लगभग 70% हिस्सा बनाते हैं. बाकी का हिस्सा Samsung और Lava, Micromax जैसी घरेलू कंपनियों का है.
इस निर्यात वृद्धि का असर देश की अर्थव्यवस्था और रोजगार पर भी साफ दिख रहा है. तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में स्मार्टफोन निर्माण इकाइयों ने लाखों लोगों को रोजगार दिया है. Foxconn की चेन्नई यूनिट और Tata की होसूर फैक्ट्री इसके उदाहरण हैं. यह सब भारत के समावेशी विकास (inclusive growth) की दिशा में एक बड़ा कदम है.
पेट्रोलियम-हीरा पीछे छूटा
अब जब भारत ने हीरा और पेट्रोलियम जैसे पारंपरिक उत्पादों को पीछे छोड़ स्मार्टफोन को नंबर 1 एक्सपोर्ट आइटम बना दिया है, तो यह देश की अर्थव्यवस्था में तकनीकी बदलाव (technological transformation) का संकेत भी है. हालांकि, चुनौतियां अभी भी बाकी हैं. जैसे कि सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले जैसी जरूरी चीजों का आयात करना पड़ता है. लेकिन सरकार इस दिशा में आत्मनिर्भर भारत (self-reliant India) के तहत काम कर रही है.
सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक भारत 300 अरब डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट करे, जिसमें स्मार्टफोन की अहम भूमिका रहेगी. अगर ये रफ्तार बनी रही, तो भारत जल्द ही वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का एक बड़ा केंद्र बन जाएगा.
Jai Thakurजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे…और पढ़ेंजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे… और पढ़ेंभारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessविदेशियों को खूब भाया मेड इन इंडिया प्रोडक्ट, हुआ सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट
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