नई दिल्ली. भारत ने रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए बीते एक दशक में तीन गुना वृद्धि दर्ज की है. मार्च 2014 में जहां देश की ग्रीन एनर्जी क्षमता सिर्फ 75.52 गीगावॉट (GW) थी, वहीं अब यह बढ़कर 232 GW तक पहुंच गई है, जिसमें बड़े हाइड्रो पावर प्लांट्स भी शामिल हैं. यह उपलब्धि भारत को दुनिया के अग्रणी रिन्यूएबल एनर्जी वाले राष्ट्रों में शामिल कर चुकी है.
सोलर पावर के क्षेत्र में भारत ने जिस गति से प्रगति की है, वह अभूतपूर्व है. 2014 में सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता मात्र 2.82 GW थी, जो अब बढ़कर 108 GW के पार पहुंच चुकी है. यही नहीं, ग्रिड से जुड़ी सोलर पावर यूनिट्स का टैरिफ 80% तक घट गया है — अब यह ₹10.95 प्रति यूनिट तक आ गया है, जो नीमच के 170MW प्रोजेक्ट में देखा गया.
पवन ऊर्जा और बायो एनर्जी में भी तेजी
भारत की पवन ऊर्जा क्षमता भी 2014 के 21 GW से बढ़कर अब 51 GW तक पहुंच चुकी है. बायो पावर की क्षमता 42% बढ़कर 8.1 GW से 11.5 GW हो गई है. इसके अलावा, कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG) क्षेत्र में भी क्रांति आई है — जहां 2014 में सिर्फ 1 प्रोजेक्ट (8 TPD) था, वहीं 2024 में यह आंकड़ा 150 प्रोजेक्ट्स और 1,211 TPD उत्पादन तक पहुंच चुका है.
सौर मैन्युफैक्चरिंग में भारत बना ग्लोबल लीडर
2014 तक भारत में सोलर मॉड्यूल उत्पादन महज 2 GW था और सोलर सेल व वेफर का उत्पादन लगभग नगण्य था. लेकिन अब तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है.
2024 में सोलर मॉड्यूल निर्माण क्षमता 90 GW तक पहुंच चुकी है.
सोलर सेल उत्पादन 25 GW और वेफर निर्माण 2 GW पर है.
भारत का लक्ष्य है कि 2030 तक 150 GW मॉड्यूल, 100 GW सेल, और 40 GW वेफर का उत्पादन हो.
भारत अब 3.2 GW की फुली इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्षमता के साथ, 2030 तक इसे 24 GW तक ले जाने की योजना बना चुका है.
पीएम सूर्या घर योजना और नई ऊंचाई
प्रधानमंत्री की ‘सूर्या घर मुफ्त बिजली योजना’ ने भी गांव-गांव तक सोलर पावर पहुंचाने का काम किया है. अब तक करीब 13.3 लाख घरों को लाभ मिला है और पिछले 10 महीनों में ही 12 लाख इंस्टॉलेशन पूरे किए गए हैं.
लक्ष्य: 2030 तक 500 GW
भारत का अगला बड़ा कदम है 2030 तक 500 GW की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करना. इसके लिए अगले 5 से 6 वर्षों तक हर साल लगभग 50 GW की नई ग्रीन एनर्जी जोड़नी होगी. इसके तहत SECI, NTPC, NHPC और SJVN जैसी बड़ी एजेंसियों ने 2024–25 के लिए 44 GW के टेंडर जारी किए हैं.
अब दुनिया में तीसरे नंबर पर
2024 में भारत ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की—अब भारत विंड और सोलर एनर्जी से बिजली पैदा करने में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन चुका है, जिसने जर्मनी को पीछे छोड़ दिया है. भारत की ग्रीन एनर्जी जर्नी अब सिर्फ आंकड़ों की कहानी नहीं रह गई है, यह एक पर्यावरणीय क्रांति और आर्थिक सशक्तिकरण का मिशन बन चुकी है. बढ़ती घरेलू उत्पादन क्षमता, घटते टैरिफ, और गांव-गांव तक पहुंचते सोलर पैनल्स इस बात का प्रमाण हैं कि भारत अब नवीकरणीय ऊर्जा का सिर्फ उपभोक्ता नहीं, बल्कि निर्माता और निर्यातक बनने की ओर बढ़ चुका है.
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