Last Updated:June 30, 2025, 17:52 ISTभारत सरकार अब खदानों में खनन के बाद निकलने वाले वेस्ट से दुर्लभ खनिज (Rare Earth Elements) निकालने की योजना पर तेजी से काम कर रही है. राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल्स मिशन (NCMM) के तहत कोयला, पेट्रोलियम और अन्य खनन …और पढ़ेंअब हर कोयला खदान के कचरे की जांच होगी. हाइलाइट्सभारत की कोयला और पेट्रोलियम खदानों से अब निकलेंगे रेयर अर्थ मिनरल्स.अगस्त से सिंगरेनी कोलियरीज की दो खदानों से REEs का उत्पादन शुरू होगा.सभी खदानों को अब अपने खनिज कचरे की जांच करनी होगी.नई दिल्ली. भारत अपनी खदानों से कीमती खनिज निकालने की कोशिश में जुट गया है. सरकार के मुताबिक, कोयला खदानों में अब खनन के दौरान निकलने वाले कचरे (जैसे मिट्टी और बेकार पत्थर) से दुर्लभ खनिज (Rare Earth Elements या REEs) निकालने की जांच तेज हो रही है. यह काम न सिर्फ कोयला खदानों में, बल्कि पेट्रोलियम क्षेत्र और अन्य खनिज-समृद्ध इलाकों में भी होगा. यह कदम राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन (NCMM) का हिस्सा है, जिसका मकसद भारत को इन खनिजों में आत्मनिर्भर बनाना है. ये दुर्लभ खनिज भारी उद्योगों, रोबोटिक्स, बैटरी, और सैन्य उपकरणों में इस्तेमाल होते हैं.सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (SCCL) के चेयरमैन एन. बालराम ने बताया कि सथुपल्ली और रामगुंडम की खदानों में 15 टन मिट्टी से 1 किलो स्कैंडियम और स्ट्रॉन्शियम जैसे कीमती खनिज मिले हैं. अगस्त से इन खदानों से इनका उत्पादन शुरू होगा. स्कैंडियम का इस्तेमाल विमान के पुर्जों, ईंधन सेल और खेल के सामान में होता है, जबकि स्ट्रॉन्शियम मिश्र धातुओं, चुम्बकों, दवाइयों और पुराने टीवी ट्यूब में काम आता है.
चीन दिखा रहा था धौंस
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि चीन का इन खनिजों के निर्यात पर रोक लगाना दुनिया के लिए एक चेतावनी है. चीन दुनिया के 60% दुर्लभ खनिज पैदा करता है और 90% की प्रोसेसिंग करता है. चीन ने पिछले महीने इसके निर्यात पर अंकुश लगा दिया था. जिसकी वजह से पूरी दुनिया में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के निर्माण पर सवालिया निशान खड़े हो गए थे. लेकिन अब भारत ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, ब्राजील और चिली जैसे देशों से इन खनिजों की आपूर्ति के रास्ते तलाश रहा है. भारत के पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा 6.9 मिलियन टन का REE भंडार है, जबकि चीन के पास 44 मिलियन टन है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में दुनिया के एक-तिहाई रेत खनिज भंडार हैं, जिनसे ये कीमती खनिज निकाले जा सकते हैं.
अब हर खदान की होगी जांच
सरकार अब सभी खदानों में कचरे की जांच को अनिवार्य कर रही है. इसमें खनन के बाद बचे मलबे, टेलिंग्स और कचरे की टेस्टिंग होगी. पहले ऐसा नहीं होता था, जिससे कई कीमती खनिज बेकार चले जाते थे. साथ ही, अब छोटी खदानों को भी इन खनिजों की मौजूदगी बतानी होगी और उन्हें निकालना होगा. पहले क्वार्ट्ज, फेल्सपार और अभ्रक (माइका) जैसी चीजें सिर्फ निर्माण, कांच और सिरेमिक के लिए इस्तेमाल होती थीं, लेकिन अब इनसे जुड़े दुर्लभ खनिजों को निकालने पर ध्यान दिया जा रहा है. इस महीने की शुरुआत में कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कई मंत्रालयों के साथ बैठक की, जिसमें इन खनिजों की आपूर्ति और प्रोसेसिंग को मजबूत करने की योजना बनी. सरकार रीसाइक्लिंग और सर्कुलर इकोनॉमी के जरिए भी इन खनिजों की उपलब्धता बढ़ाने की कोशिश कर रही है.Jai Thakurजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे…और पढ़ेंजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे… और पढ़ेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessभारत में कचरे में मिल गई वो चीज! चीन जिसके दम पर कर रहा था दादागिरी
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