सरकार हटाएगी गूगल टैक्‍स, क्‍या यह कदम भारत को बचा लेगा ट्रंप के टैरिफ वार से

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Last Updated:March 25, 2025, 10:06 ISTकेंद्र सरकार ने अप्रैल से 6% डिजिटल टैक्स हटाने का प्रस्ताव दिया है, जिससे गूगल, मेटा और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को राहत मिलेगी. यह कदम भारत-अमेरिका व्यापार समझौते के तहत उठाया गया है.डोनाल्‍ड ट्रंप ने धमकी दी थी कि अगर कोई देश अमेरिका की टेक कंपनियों पर डिजिटल टैक्स लगाएगा तो वह 2 अप्रैल से उन पर जवाबी शुल्क लगाएंगे.नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने ऑनलाइन विज्ञापनों पर लगाए गए 6% इक्विलाइजेशन शुल्क (Equalisation Levy) या डिजिटल टैक्स को अप्रैल से समाप्त करने का प्रस्ताव दिया है. इसे गूगल टैक्‍स भी कहा जाता है. इस फैसले से गूगल, मेटा और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर विज्ञापन देने वाले व्यवसायों को बड़ी राहत मिलेगी. यह कदम भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चर्चा और 2 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा बराबरी वाला शुल्क लगाए जाने से पहले उठाया गया है.  जानकारों का कहना है कि यह कदम भारत के व्यापारिक रुख को लचीला दिखाने का प्रयास है और अमेरिकी विरोध को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. गूगल टैक्‍स हटाने से भारत अमेरिका के टैरिफ वार से बच पाएगा या नहीं, यह कहना अभी मुश्किल है.

डोनाल्‍ड ट्रंप ने धमकी दी थी कि अगर कोई देश अमेरिका की टेक कंपनियों पर डिजिटल टैक्स लगाएगा तो वह 2 अप्रैल से उन पर जवाबी शुल्क लगाएंगे. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में वित्त विधेयक में 59 संशोधन पेश किए. यह प्रावधान उन्हीं संशोधनों में शामिल है. वित्त अधिनियम 2016 में विदेशी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर विज्ञापनों पर यह लेवी लगाई गई थी. 2020 में इस लेवी का दायरा बढ़ाया गया और इसे 2% की दर से सभी ई-कॉमर्स कंपनियों पर लागू किया गया.

क्‍या अमेरिका के दबाव में नरम पड़ा भारतटाइम्‍स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी टैरिफ के संभावित खतरे को देखते हुए भारत सरकार ऑनलाइन विज्ञापन पर 6% समानीकरण शुल्क हटाने जा रही है. परामर्श फर्म एकेएम ग्‍लोबल के टैक्स पार्टनर अमित माहेश्वरी का कहना है कि यह कदम भारत के व्यापारिक रुख को लचीला दिखाने का प्रयास है और अमेरिकी विरोध को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.

डेलॉयट इंडिया के टैक्स विशेषज्ञ सुमित सिंगानिया ने इस फैसले को अंतरराष्ट्रीय कर प्रणाली को सरल बनाने की दिशा में एक सही कदम बताया. उन्होंने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में कई देशों ने डिजिटल अर्थव्यवस्था से जुड़े कर नियमों को लागू किया था, लेकिन अब OECD की ‘टू-पिलर’ कर प्रणाली के तहत एक समान कर नीति की ओर बढ़ना जरूरी है. इस संदर्भ में भारत का यह फैसला करदाताओं को अधिक स्पष्टता और स्थिरता देगा.”

विदेशी निवेश और कर प्रणाली में बड़े बदलाव की तैयारीसरकार ने विदेशी निवेश को कर राहत देने के लिए भी संशोधन प्रस्तावित किए हैं और आयकर (I-T) रिटर्न की समीक्षा से जुड़े नियमों में बदलाव के लिए संसद की मंजूरी मांगी है. सबसे अहम बदलाव ‘कुल आय’ (Total Income) की जगह ‘कुल अघोषित आय’ (Total Undisclosed Income) शब्द के इस्तेमाल का प्रस्ताव है.

अमित माहेश्‍वरी का कहना है कि वित्त अधिनियम 2024 में सर्च और सीजर (Search & Seizure) मामलों के लिए ब्लॉक असेसमेंट की प्रक्रिया लागू की गई थी, लेकिन ‘कुल आय’ शब्द के इस्तेमाल से करदाताओं में यह चिंता थी कि उनकी घोषित आय भी पेनल्टी के दायरे में आ सकती है. अब ‘कुल अघोषित आय’ शब्द जोड़कर सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि केवल अघोषित संपत्ति और आय पर ही जुर्माना लगाया जाएगा.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :March 25, 2025, 10:06 ISThomebusinessसरकार हटाएगी गूगल टैक्‍स, क्‍या यह कदम भारत को बचा लेगा ट्रंप के टैरिफ वार से

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