नई दिल्ली. भारत और पाकिस्तान के बीच अटारी-वाघा सीमा के माध्यम से होने वाला व्यापार एक बार फिर से ठप हो गया है. 23 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए अटारी-वाघा सीमा को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है. इसके साथ ही, भारत ने सिंधु जल संधि को भी निलंबित कर दिया है और सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए हैं. विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि इस कदम का उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश देना है.
भारत ने पाकिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अटारी में अपना पहला भूमि बंदरगाह (Land Port) विकसित किया है, जो अमृतसर शहर से लगभग 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह अटारी-वाघा मार्ग भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार के लिए एकमात्र अनुमत स्थल मार्ग (land route) है, जिससे यह चेक-पॉइंट अत्यंत महत्वपूर्ण बन जाता है. अटारी भूमि बंदरगाह भारत में अफगानिस्तान से माल आयात करने के लिए भी एक अहम पोर्ट के रूप में कार्य करता है. 120 एकड़ में फैला यह लैंड पोर्ट सीधे नेशनल हाईवे-1 से जुड़ा हुआ है.
इस रास्ते होने वाला व्यापारभारत और पाकिस्तान के बीच अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए होने वाला व्यापार बीते वर्षों में कई उतार-चढ़ावों से गुजरा है. वर्ष 2017-18 और 2018-19 में जहां व्यापार लगभग 4100-4300 करोड़ रुपये के बीच बना हुआ था, वहीं इसके बाद के वर्षों में व्यापार में गिरावट आई. 2019-20 में यह घटकर 2772 करोड़ और 2020-21 में 2639 करोड़ रुपये पर आ गया. 2022-23 में व्यापार और भी गिरकर 2257.55 करोड़ रुपये रह गया था. लेकिन 2023-24 में इसमें तेज उछाल देखने को मिला है और यह बढ़कर 3886 करोड़ रुपये पर आ गया.
माल और यात्री आवाजाही में क्या रहा ट्रेंड?माल आवाजाही (Cargo Movement) की बात करें तो 2017-18 और 2018-19 में 48-49 हज़ार ट्रक बॉर्डर पार करते थे. लेकिन 2019-20 से इसमें तेज़ गिरावट आई और यह आंकड़ा 2020-21 में मात्र 5,250 रह गया. इसके बाद मामूली सुधार हुआ और 2023-24 में 6,871 ट्रकों की आवाजाही दर्ज की गई, जो 2022-23 के 3,827 ट्रकों से लगभग 80% ज्यादा है.
पैसेंजर मूवमेंट2017-18 से 2019-20 तक यात्री संख्या लगभग 78,000 से 80,000 के बीच थी. लेकिन कोविड-19 और राजनीतिक संबंधों के ठंडेपन के चलते यह आंकड़ा 2020-21 में केवल 6,177 तक सिमट गया. इसके बाद थोड़ा सुधार हुआ और 2023-24 में यात्री संख्या फिर से 71,563 तक पहुंच गई है.
क्या आयात क्या निर्यातभारत में इस रास्ते सोयाबीन, मुर्गियों का दाना, सब्जियां, लाल मिर्च, प्लास्टिक दाना और प्लास्टिक यार्न निर्यात किया जाता है. वहीं, ड्राई फ्रू्ट्स, ड्राई डेट्स, जिप्सनम, सीमेंट, ग्लास, रॉक सॉल्ट और हर्ब्स वहां से आयात की जाती हैं.
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