Last Updated:June 02, 2025, 14:16 ISTManufacturing Growth : मई में देश का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई तीन महीने के निचले स्तर पर आ गया है. एचएसबीसी इंडिया की ओर से जारी आंकड़ों में महंगाई और ग्लोबल मार्केट की कम डिमांड की वजह से यह गिरावट दिख रही ह…और पढ़ेंविनिर्माण की दर महंगाई की वजह से धीमी हो गई है. हाइलाइट्समई में मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ 57.6 पर आ गई.महंगाई, कमजोर मांग और भू-राजनीतिक परिस्थितियां मुख्य वजह.अप्रैल में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 58.2 थी.नई दिल्ली. ग्लोबल मार्केट में चल रहे उठापटक का असर भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर भी दिख रहा है. सोमवार को जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि मई का मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ तीन के निचले स्तर पर चला गया है. इसकी सबसे बड़ी तीन वजहें रही हैं, जिसमें से महंगाई भी एक है. एचएसबीसी इंडिया की ओर से जारी विनिर्माण पीएमआई के आंकड़े देखें तो पता चलता है कि अप्रैल के मुकाबले इसमें बड़ी गिरावट दिख है.
आंकड़ों के अनुसार, भारत के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर मई में तीन महीने के निचले स्तर 57.6 पर आ गई. मुद्रास्फीति दबाव, कमजोर मांग और भू-राजनीतिक परिस्थितियां इसकी मुख्य वजह रहीं. मासिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि मौसमी रूप से समायोजित ‘एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक’ (पीएमआई) मई में घटकर 57.6 हो गया जो अप्रैल में 58.2 था. यह फरवरी के बाद से परिचालन स्थितियों में सबसे कमजोर सुधार को दर्शाता है. पीएमआई के तहत 50 से ऊपर सूचकांक होने का मतलब उत्पादन गतिविधियों में विस्तार है, जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा संकुचन को दर्शाता है.
कारोबारी गतिविधियां फिर भी तेजसर्वेक्षण में कहा गया है कि मई के आंकड़ों से भारत के विनिर्माण उद्योग में कारोबारी स्थितियों में एक और मजबूत सुधार का संकेत मिला है, लेकिन विस्तार की दर तीन महीनों में सबसे कम रही है. निगरानी कंपनियों ने वृद्धि को स्वस्थ घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय मांग के साथ-साथ सफल मार्केटिंग से भी जोड़ा है. हालांकि, सर्वेक्षण में शामिल कंपनियों के अनुसार लागत दबाव, भयंकर प्रतिस्पर्धा और भारत-पाकिस्तान संघर्ष ने इस उछाल को सीमित कर दिया है.
नए ऑर्डर में दिखी गिरावटएचएसबीसी के मुख्य भारतीय अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा है कि भारत के मई के विनिर्माण पीएमआई ने इस क्षेत्र में मजबूत वृद्धि के एक और महीने का संकेत दिया. हालांकि, उत्पादन एवं नए ऑर्डर में विस्तार की दर पिछले महीने की तुलना में कम रही. रोजगार वृद्धि में तेजी से नए शिखर पर पहुंचना निश्चित रूप से एक सकारात्मक विकास है.
रोजगार में दिखी तेजीनौकरियों के मोर्चे पर कंपनियों ने मई में अतिरिक्त कर्मचारियों को काम पर रखा जिससे नौकरी सृजन की दर एक नए रिकॉर्ड पर पहुंच गई. सर्वेक्षण में शामिल 12 फीसदी कंपनियों ने कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी की है. कीमतों के मोर्चे पर अधिक सामग्री लागत के अलावा कंपनियों ने माल ढुलाई एवं श्रम पर भी अधिक खर्च की सूचना दी. बढ़ते ऑपरेशनल खर्च और मजबूत मांग के समर्थन के परिणामस्वरूप कंपनियों ने मई में अपनी बिक्री कीमतों में वृद्धि की है.
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कच्चे माल की लागत बढ़ रहीभंडारी ने कहा कि कच्चे माल की लागत बढ़ रही है, लेकिन विनिर्माता उत्पादन कीमतें बढ़ाकर लाभ मुनाफे पर दबाव कम करने में सक्षम प्रतीत होते हैं. सर्वेक्षण में कहा गया है कि कारोबारी परिदृश्य के संबंध में भारतीय विनिर्माता अगले 12 महीनों में उत्पादन में वृद्धि के प्रति पूरी तरह आश्वस्त हैं. एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल ने करीब 400 विनिर्माताओं के एक समूह में खरीद प्रबंधकों को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया है.
Pramod Kumar Tiwariप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि…और पढ़ेंप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि… और पढ़ेंभारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें OXBIG NEWS NETWORK India पर देखेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessमई में मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ तीन महीने में सबसे कम, क्यों आई बड़ी गिरावट
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