नई दिल्ली. भारत में FY24 के दौरान लोगों ने सबसे ज्यादा खर्च शराब, तंबाकू और स्वास्थ्य सेवाओं पर किया. सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, इन दोनों कैटेगरीज में खर्च में बीते 12 वर्षों की सबसे तेज बढ़त देखने को मिली है. आंकड़ों के अनुसार, FY24 में भारतीय परिवारों द्वारा शराब और तंबाकू पर किया गया खर्च 15.7 फीसदी बढ़ा. यह FY12 के बाद की सबसे तेज वृद्धि है, जबकि FY23 में यह बढ़त सिर्फ 1.6 फीसदी थी. ऐसा माना जा रहा है कि कोविड महामारी के बाद लोग सामान्य जीवनशैली की ओर लौटे हैं और इसी वजह से इन वस्तुओं पर खर्च में उछाल आया है.
इसी तरह स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च में भी जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई. FY24 में यह खर्च 17.4 फीसदी बढ़ा, जबकि FY23 में यह वृद्धि 7.2 फीसदी थी. यह स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च की FY17 से शुरू हुई नई सीरीज़ में अब तक की सबसे बड़ी वार्षिक बढ़त है. इसमें दवाएं, अस्पताल और डॉक्टर विजिट शामिल हैं.
खाने पर खर्च घटा, रेस्तरां और होटल्स पर खर्च बरकरार
दूसरी ओर, खाने और गैर-शराबीय पेय पदार्थों पर खर्च में केवल 0.5 फीसदी की मामूली बढ़त दर्ज की गई. वहीं, FY24 में कपड़े और जूतों पर खर्च में गिरावट देखने को मिली. विशेषज्ञों का मानना है कि यह इस बात का संकेत है कि आय स्तर में सुधार हुआ है, क्योंकि जब लोगों की आमदनी बढ़ती है, तो वे भोजन पर कम और अन्य डिस्क्रेशनरी खर्चों पर ज़्यादा पैसा खर्च करते हैं.
रेस्तरां और होटल्स पर खर्च FY24 में 18.1 फीसदी बढ़ा, हालांकि यह FY23 की 68.7 फीसदी की तेज़ वृद्धि की तुलना में काफी कम है. फिर भी यह तीसरा साल रहा जब इस कैटेगरी में डबल डिजिट ग्रोथ दर्ज हुई.
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यह रहा आपके दिए गए डेटा पर आधारित एक साफ-सुथरी और स्पष्ट टेबल, जिसमें FY 2022-23 और FY 2023-24 के दौरान विभिन्न कैटेगरीज में खर्च की सालाना वृद्धि दर (प्रतिशत में) दिखाई गई है:
खर्च की श्रेणी2022-23 (%)2023-24 (%)खाने और गैर-शराबीय पेय पदार्थ4.90.5शराब, तंबाकू और नशीले पदार्थ1.615.7कपड़े और जूते−1.4−7.1आवास, पानी, बिजली, गैस और अन्य ईंधन4.23.9घरेलू साज-सज्जा, उपकरण व रखरखाव13.31.8स्वास्थ्य7.217.4परिवहन11.79.4संचार17.16.0मनोरंजन और संस्कृति12.7−4.1शिक्षा10.910.4रेस्तरां और होटल्स68.718.1विविध वस्तुएं और सेवाएं6.49.9कुल खर्च (ओवरऑल)7.95.6
मनोरंजन पर गिरावट, कुल उपभोग खर्च धीमा
मनोरंजन और सांस्कृतिक आयोजनों पर खर्च में 4.1 फीसदी की गिरावट देखी गई. कुल मिलाकर FY24 में रियल टर्म्स में घरेलू उपभोग खर्च सिर्फ 5.6 फीसदी बढ़ा, जबकि FY23 में यह 7.7 फीसदी था. 2023-24 के Household Consumption Expenditure Survey में यह भी सामने आया कि ग्रामीण क्षेत्रों में खाने पर खर्च का अनुपात एक दशक में पहली बार 50% से नीचे आ गया है.
आने वाले समय में खर्च में और उछाल की उम्मीद
सरकार के प्रारंभिक आंकड़ों के मुताबिक, FY25 में घरेलू उपभोग खर्च 7.6 फीसदी बढ़ने का अनुमान है. सरकार 30 मई को FY25 के प्रोविजनल आंकड़े जारी करेगी. इस साल महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों ने भी खर्च को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है. करीब 60 करोड़ लोगों ने इस आयोजन में हिस्सा लिया, जिससे सेवाओं और व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिला है.
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