शैंपू, कंडीशनर बाल ही नहीं देश की अर्थव्यवस्था को भी देंगे मजबूती, आंकड़े दे रहे गवाही

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नई दिल्ली. भारत और दक्षिण एशिया में सदियों से बालों की देखभाल का मतलब सिर पर तेल लगाना और अच्छी तरह से शैंपू करना था. लेकिन अब हेयर केयर उद्योग इससे आगे बढ़ गया है और इसमें सीरम, कंडीशनर, मास्क, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और स्पेशल ब्यूटी ट्रीटमेंट जैसे उत्पाद भी शामिल हो गए हैं. मार्केट रिसर्च फर्म मोर्डोर इंटेलिजेंस के अनुसार, भारत में हेयर केयर बाजार का आकार 2024 में $5.85 अरब (लगभग ₹48,825 करोड़) था, जो कि 2029 तक 8.80% की दर से बढ़कर $8.93 अरब (लगभग ₹74,450 करोड़) तक पहुंचने की उम्मीद है. यह बढ़ोतरी विशेषकर ब्यूटी प्रोडक्ट्स की ओर रुचि और त्वचा की देखभाल के साथ बालों की देखभाल पर बढ़ते ध्यान के कारण है.

मॉक्सी की संस्थापक निकिता खन्ना के अनुसार, “पिछले कुछ वर्षों में हेयर केयर और स्किन केयर ग्रॉसरी से ब्यूटी श्रेणी में स्थानांतरित हो गए हैं.” वहीं, प्लम के सीईओ शंकर प्रसाद ने इसे ‘बालों का स्किनिफिकेशन’ कहा, जो कि हेयर केयर में एससीएमएस (शैंपू, कंडीशनर, मास्क, सीरम) जैसे नए कॉम्बिनेशन का चलन दर्शाता है.

एफई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डायसन जैसी ब्रांड ने भी हेयर केयर उत्पादों में कदम रखा है. इसके अलावा, हेयर स्ट्रेटनर और कर्लिंग आइरन जैसे हेयर टेक प्रोडक्ट्स की मांग भी बढ़ रही है. टेकसाई रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2022 में ब्यूटी डिवाइसेस का बाजार लगभग $0.39 अरब (लगभग ₹3,255 करोड़) था, जो कि 2028 तक $0.91 अरब (लगभग ₹7,595 करोड़) तक पहुंच सकता है.

मिंटल सर्वे के मुताबिक, 35% भारतीय उपभोक्ता बालों की देखभाल में अधिक समय दे रहे हैं, जबकि 44% उपभोक्ता व्यक्तिगत उत्पादों में रुचि दिखा रहे हैं जो उनके बालों के प्रकार के अनुसार हों. इस बदलाव का एक प्रमुख कारण यह है कि हेयर केयर ब्रांड्स बालों के सौंदर्य और स्वास्थ्य के बीच की खाई को कम करने पर ध्यान दे रहे हैं. अब वे ऐसे उत्पाद बना रहे हैं जो न केवल बालों के झड़ने या डैंड्रफ जैसी समस्याओं को कम करते हैं बल्कि अस्थायी हेयर डाई और सीरम जैसे सौंदर्य उत्पाद भी पेश कर रहे हैं. वॉव स्किन साइंस की चीफ मार्केटिंग ऑफिसर वांडा फेराओ ने कहा कि “ग्रूमिंग प्रोडक्ट्स जो थेराप्यूटिक लाभ भी देते हैं, सभी आयु वर्ग के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं.”

साथ ही, कई ब्रांड्स अब बालों की ग्रोथ और न्यूट्रीशन के लिए होलिस्टिक समाधान प्रदान करने की ओर भी बढ़ रहे हैं. रेणौरा वेलनेस के सह-संस्थापक निशांत गुप्ता के अनुसार, “लोग अब अपने व्यस्त जीवन के चलते कम समय में अच्छे परिणाम पाने के लिए आधुनिक और आसान समाधान चाहते हैं.” भारत का हेयर केयर उद्योग 5% से 10% की दर से लगातार वृद्धि कर रहा है और नए उत्पादों तथा बढ़ते उपभोक्ता रुझानों के कारण इसमें और वृद्धि की संभावना है.
Tags: Business newsFIRST PUBLISHED : November 3, 2024, 20:22 IST

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