‘अब कहीं से भी हो सकता है एक्सपोर्ट, खास जगह बैठने की नहीं जरूरत’

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Last Updated:June 24, 2025, 19:12 ISTवित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि भारत ने 2024-25 में 825 अरब डॉलर का रिकॉर्ड निर्यात किया है, जो वैश्विक औसत से अधिक है.निर्मला सीतारमण ने Exim Bank Trade Conclave में यह बातें कही.हाइलाइट्सभारत ने 6.3% की ग्रोथ के साथ वैश्विक निर्यात में नया रिकॉर्ड बनाया है.अब हर जिला ‘डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट हब’ बन सकता है.फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स, फूड प्रोसेसिंग जैसे सेक्टर में भारी निर्यात बढ़ोतरीनई दिल्ली. भारत का निर्यात अब तेजी से बढ़ रहा है और सरकार की नई नीतियों के कारण हर जिला अब एक्सपोर्ट हब बनने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है. मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने Exim Bank Trade Conclave में बताया कि भारत ने वित्त वर्ष 2024-25 में 825 अरब डॉलर (लगभग 69 लाख करोड़ रुपये) का रिकॉर्ड निर्यात किया है, जो वैश्विक औसत 4% की तुलना में 6.3% की ग्रोथ दर्शाता है.उन्होंने कहा कि अब एक्सपोर्ट करने के लिए कंपनियों को स्पेशल इकनॉमिक जोन (SEZ) में बैठने की जरूरत नहीं है. सरकार की ‘मेक इन इंडिया’, ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP)’, ‘डिस्ट्रिक्ट ऐज एक्सपोर्ट हब (DEH)’ और PLI जैसी योजनाओं ने हर जिले को निर्यात से जोड़ने का रास्ता खोल दिया है.

PLI स्कीम से बढ़ा एक्सपोर्ट

सरकार की PLI स्कीम के तहत मोबाइल, फार्मा, प्रोसेस्ड फूड और टेलीकॉम जैसे क्षेत्रों में कुल 5.31 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निर्यात हुआ है. ये योजनाएं उद्योगों को उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करती हैं और उन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाती हैं.

अब हाई-टेक सामान का एक्सपोर्ट बढ़ा

सीतारमण ने बताया कि भारत अब सिर्फ कच्चा माल या खाद्यान्न नहीं, बल्कि हाई-टेक और इनोवेटिव प्रोडक्ट्स का निर्यात कर रहा है. मोबाइल फोन, वैक्सीन्स, पैकेज्ड फूड और 5G नेटवर्क उपकरण जैसे आधुनिक सामान दुनिया के कई हिस्सों में भेजे जा रहे हैं.

2013-14 के मुकाबले बड़ा उछाल

2013-14 में भारत का निर्यात करीब 359 अरब डॉलर था, जो अब बढ़कर 825 अरब डॉलर हो गया है — यानी करीब 466 अरब डॉलर की बढ़ोतरी. यह भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की मजबूती और वैश्विक मांग में बढ़ती हिस्सेदारी को दिखाता है.

हर जिले से एक्सपोर्ट की राह

सरकार की ODOP और DEH योजनाएं देश के हर जिले को ग्लोबल मार्केट से जोड़ने में अहम भूमिका निभा रही हैं. उदाहरण के लिए, बनारस की साड़ियां, लखनऊ की चिकनकारी, कोयंबटूर की मशीनरी, और सूरत का टेक्सटाइल — अब ये उत्पाद सीधे अंतरराष्ट्रीय बाजार में भेजे जा रहे हैं.

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आत्मनिर्भर भारत की ओर एक और कदम

सरकार का उद्देश्य भारत को मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात का ग्लोबल पावरहाउस बनाना है. पिछले कुछ महीनों में डिफेंस और ग्रीन एनर्जी सेक्टर में भी निर्यात के अच्छे संकेत दिखे हैं. भारत फोर्ज को CQB कार्बाइन का बड़ा ऑर्डर मिला है और अदाणी ग्रुप का कच्छ में बना ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट अब ग्लोबल बाज़ार के लिए तैयार है. सीतारमण ने कहा कि अब भारत ‘मेक इन इंडिया’ से आगे बढ़कर ‘एक्सपोर्ट फ्रॉम इंडिया’ की नई कहानी लिख रहा है, जहां हर जिला, हर कारीगर और हर उद्योग हिस्सा बन सकता है.Jai Thakurजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे…और पढ़ेंजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे… और पढ़ेंLocation :New Delhi,Delhihomebusiness’अब कहीं से भी हो सकता है एक्सपोर्ट, खास जगह बैठने की नहीं जरूरत’

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