भारत का दो टूक जवाब- अमेरिकी डेयरी प्रोडक्‍ट के लिए नहीं खुलेगा हमारा बाजार

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Last Updated:April 21, 2025, 08:10 ISTIndia-America Trade Talk : टैरिफ वॉर के बीच अमेरिका और भारत ट्रेड डील के लिए बातचीत कर रहे हैं. इस दौरान अमेरिका ने अपने डेयरी प्रोडक्‍ट को भारतीय बाजार में एंट्री देने का दबाव डाला तो भारत ने दो टूक कह दिया कि…और पढ़ेंभारत ने अमेरिका के साथ डेयरी प्रोडक्‍ट पर डील से इनकार कर दिया है. हाइलाइट्सभारत ने अमेरिकी डेयरी प्रोडक्ट को बाजार में एंट्री देने से इनकार किया.अमेरिकी मवेशियों को मांसाहारी चारा देने के कारण भारत ने विरोध किया.भारत ने कुछ ड्राई फ्रूट्स और फलों पर शुल्‍क घटाने की अपील की.नई दिल्‍ली. टैरिफ के दबाव और अमेरिका के साथ व्‍यापार समझौते के बीच भारत ने डेयरी प्रोडक्‍ट को लेकर कोई समझौता नहीं करने का साफ संकेत दे दिया है. भारत ने दो टूक कहा है कि हमारे बाजार में अमेरिकी डेयरी प्रोडक्‍ट को एंट्री नहीं दी जा सकती है, क्‍योंकि वहां के जानवरों को मांसाहारी चारा दिया जाता है. भारत ने कहा कि जब तक अमेरिका अपने फीडिंग के तौर-तरीके नहीं बदलता और भारत से शाकाहारी प्रमाण पत्र नहीं लेता, उसके प्रोडक्‍ट को भारतीय बाजार में नहीं आने दिया जा सकता है.

मामले से जुड़े तीन अधिकारियों ने बताया कि दोनों देशों के बीच चल रही ट्रेड को लेकर बातचीत में अमेरिका भारत पर अपने डेयरी प्रोडक्‍ट के लिए बाजार खोलने का दबाव डाल रहा है. हालांकि, भारत ने अपनी मंशा साफ जाहिर कर दी है और कहा है कि जब अमेरिका में चारे के कल्‍चर में बदलाव नहीं आएगा, तब तक अमेरिकी डेयरी उत्पाद जैसे पनीर और मक्खन को भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसके अलावा भारत ने कुछ ड्राई फ्रूट्स और फलों पर शुल्‍क घटाने की भी अपील की है.

क्‍यों अमेरिकी डेयरी प्रोडक्‍ट का विरोधमामले से जुड़े अधिकारी का कहना है कि बातचीत के दौरान डेयरी उत्पादों के मामले में यह सवाल उठाया गया कि अमेरिका में पशु आहार के तौर-तरीके भारत से काफी अलग हैं. अमेरिका में मवेशियों को मांस आधारित प्रोटीन स्रोतों वाले आहार दिए जाते हैं, जो भारतीय बाजार के अनुकूल नहीं है. भारतीय मवेशी आहार की संरचना अच्छी तरह से जानी जाती है, जिसमें प्रोटीन मुख्य रूप से ऑयल केक जैसे स्रोत से प्रदान किया जाता है, जबकि पश्चिमी देशों में जानवरों की वसा मिलाकर खिलाया जाता है.

यह मुद्दा व्‍यापार से परेभारत ने अपनी चिंताओं के बारे में अमेरिका को बताया दिया है. उसका कहना है कि यह मुद्दा व्यापार से परे है और इसमें गहरी सामाजिक और सांस्कृतिक संवेदनाएं शामिल हैं. भारत के खाद्य सुरक्षा नियम इन संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए मवेशी के आहार में भी नॉनवेज चीजों को मिलाने से परहेज करते हैं. भारत ने बताया है कि जिन जानवरों से दूध और मांस जैसे उत्‍पाद मिलते हैं, उन्‍हें किसी अन्‍य जानवर से बने उत्‍पाद नहीं खिलाए जा सकते हैं.

क्‍यों परेशान है अमेरिकाभारत के साथ ट्रेड डील में अमेरिका इसलिए भारत पर अपने डेयरी प्रोडक्‍ट को लेकर दबाव डाल रहा है, क्‍योंकि चीन उसके प्रोडक्‍ट खरीदना लगभग बंद कर चुका है. चीन ने अमेरिकी डेयरी प्रोडक्‍ट पर भारी-भरकम टैरिफ भी लगा दिया है. लिहाजा अमेरिका अब भारतीय बाजार की तरफ देख रहा है. ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने बताया कि भारत वर्तमान में ट्रम्प प्रशासन के साथ सक्रिय एफटीए वार्ता में शामिल एकमात्र देश है.

किसका-कितना व्‍यापारअमेरिका के साथ ट्रेड डील करने के लिए भारतीय अधिकारियों का दल इसी हफ्ते रवाना होगा. अमेरिका और भारत इस डील के जरिये अपने द्विपक्षीय व्‍यापार को बढ़ाने की कोशिश करेंगे. बीते साल 2024 में अमेरिका ने करीब 2 अरब डॉलर के एग्री प्रोडक्‍ट भारत को निर्यात किए थे. वहीं, भारत ने अमेरिका को 5.5 अरब डॉलर से ज्‍यादा के एग्री प्रोडक्‍ट निर्यात किए हैं.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :April 21, 2025, 08:10 ISThomebusinessभारत का दो टूक जवाब- अमेरिकी डेयरी प्रोडक्‍ट के लिए नहीं खुलेगा हमारा बाजार

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