नई दिल्ली. भारत सरकार ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में साफ कहा कि तुर्की की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी Celebi Aviation की सुरक्षा मंजूरी को बिना किसी पूर्व सूचना के रद्द करना पूरी तरह वैध और कानूनी अधिकार के तहत किया गया फैसला है. सरकार ने कहा कि ऐसा इसलिए किया जा सकता है क्योंकि ये एक राष्ट्रीय सुरक्षा से मामला है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत में कहा कि इस तरह के मामलों में न तो कारण बताना ज़रूरी है और न ही सुनवाई देना संभव होता है.
सरकार ने यह भी कहा कि Celebi जैसी कंपनियों को एयरपोर्ट्स पर VIP मूवमेंट, रनवे, फ्लाइट डाटा और पैसेंजर इन्फॉर्मेशन तक पहुंच होती है, इसलिए उनका संचालन पूरी तरह सुरक्षा मंजूरी पर निर्भर करता है. कोर्ट को कुछ अहम जानकारियां सीलबंद लिफाफे में सौंपी गईं और मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी.
Celebi ने अदालत में क्या कहा?
Celebi ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सरकार के फैसले को “मनमाना” बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की. कंपनी का कहना है कि बिना कोई नोटिस दिए यह कार्रवाई की गई और “राष्ट्रीय सुरक्षा” का हवाला अस्पष्ट और अस्थिर है. इसके अलावा, कंपनी ने कहा कि इस फैसले से 3,791 नौकरियां और निवेशकों का भरोसा दोनों प्रभावित हुए हैं.
सरकार की कार्रवाई की टाइमलाइन
15 मई 2025 को भारत सरकार के अधीन BCAS (Bureau of Civil Aviation Security) ने Celebi का सुरक्षा क्लियरेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया. इस फैसले पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय की मुहर थी. इससे Celebi की भारत में ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो सेवाएं पूरी तरह बंद हो गईं. विशेष रूप से मुंबई एयरपोर्ट पर जहां यह कंपनी 70% संचालन संभालती थी.
Celebi का भारत में ऑपरेशन
1958 में बनी तुर्की की यह कंपनी आज 6 देशों के 70 एयरपोर्ट्स पर काम करती है. भारत में यह पिछले 15 वर्षों से सक्रिय है और दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, अहमदाबाद, गोवा, कोचीन और कन्नूर जैसे 9 एयरपोर्ट्स पर सेवाएं देती है. भारत में कंपनी के दो मुख्य यूनिट्स हैं — Celebi Airport Services India और Celebi Delhi Cargo Terminal Management (DIAL के साथ जॉइंट वेंचर). कुल मिलाकर इसके पास 7,800 से 10,000 तक कर्मचारी हैं.
बैन के पीछे की जियोपॉलिटिकल टेंशन
Celebi पर कार्रवाई के पीछे सिर्फ कंपनी का प्रोफाइल नहीं, बल्कि हालिया भारत-पाकिस्तान संघर्ष और उसमें तुर्की की भूमिका भी अहम कारण रही. 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिक मारे गए, जिसके बाद भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत PoK और पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया. इसके जवाब में पाकिस्तान ने तुर्की से मिले BAYKAR ड्रोन और मिलिट्री सपोर्ट का इस्तेमाल किया. तुर्की ने भारत की कार्रवाई की आलोचना की, जिससे भारत में गुस्सा और भड़का. Shiv Sena जैसी पार्टियों ने Celebi के ठेके खत्म करने की मांग की और आम जनता में तुर्की उत्पादों का बहिष्कार शुरू हुआ.
भारत-तुर्की रिश्तों पर असर
ताजा विवाद ने भारत और तुर्की के रिश्तों में और तनाव ला दिया है. एक तरफ भारत ने 2023 में तुर्की में आए भूकंप के समय मदद भेजी थी, वहीं अब तुर्की का पाकिस्तान के साथ खड़ा होना और डिफेंस सहयोग बढ़ाना भारत को चुभ रहा है.
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