खूब हुई दबाने की कोशिश, फिर भी निकल गया आगे भारत! चीन से मिलाया कंधा

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Last Updated:March 15, 2025, 22:11 ISTभारत ने वैश्विक व्यापार में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया, खासकर सेवा क्षेत्र की मजबूती से. 2024 में दुनिया का कुल व्यापार 33 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंचा. भारत और चीन ने वैश्विक औसत से ज्यादा वृद्धि दर्ज की. 2025 म…और पढ़ेंभारत के ट्रेड में सबसे बड़ा योगदान सर्विस का है.हाइलाइट्सभारत ने वैश्विक व्यापार में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया.सेवा क्षेत्र की मजबूती से 2024 में व्यापार 33 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंचा.भारत और चीन ने वैश्विक औसत से ज्यादा वृद्धि दर्ज की.नई दिल्ली. वैश्विक व्यापार में भारत ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है, खासकर सेवा क्षेत्र की मजबूती के चलते. संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास (UNCTAD) की लेटेस्ट ग्लोबल ट्रेड अपडेट रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में दुनिया का कुल व्यापार 33 ट्रिलियन डॉलर के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया, जिसमें 3.7% की वृद्धि दर्ज की गई. हालांकि, 2025 के लिए व्यापार पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में वैश्विक व्यापार में आई कुल वृद्धि का 60% हिस्सा सेवा क्षेत्र ने दिया. सालभर में सेवा क्षेत्र की ग्रोथ 9% रही, जिससे 700 अरब डॉलर का इजाफा हुआ. वहीं, वस्तुओं (goods) का व्यापार केवल 2% बढ़ा और 500 अरब डॉलर की बढ़त दर्ज की. क्षेत्रीय स्तर पर देखा जाए तो यूरोप और सेंट्रल एशिया को छोड़कर अधिकांश क्षेत्रों में व्यापारिक वृद्धि देखने को मिली.

व्यापार वृद्धि में सुस्ती के संकेत2024 की दूसरी छमाही में वैश्विक व्यापार की रफ्तार धीमी पड़ गई. चौथी तिमाही में वस्तुओं का व्यापार 0.5% से भी कम बढ़ा, जबकि सेवाओं में केवल 1% की बढ़त हुई. 2025 की शुरुआत में व्यापार स्थिर बना हुआ है, लेकिन भू-आर्थिक तनाव (geoeconomic tensions), संरक्षणवादी नीतियां (protectionist policies) और व्यापार विवाद (trade disputes) आगे चलकर बाधा बन सकते हैं.

भारत और चीन ने दिखाया दमविकसित अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले उभरती अर्थव्यवस्थाओं ने बेहतर प्रदर्शन किया. भारत और चीन ने वैश्विक औसत से ज्यादा वृद्धि दर्ज की. रिपोर्ट के अनुसार, भारत और दक्षिण एशिया में आयात-निर्यात 4% बढ़ा, जबकि दक्षिण-दक्षिण व्यापार (South-South trade) में 5% सालाना और 4% तिमाही ग्रोथ देखने को मिली. दूसरी ओर, रूस, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में व्यापार सुस्त रहा.

अमेरिका-चीन व्यापार घाटा बढ़ारिपोर्ट के अनुसार, 2024 में वैश्विक व्यापार असंतुलन (trade imbalance) बढ़ा. अमेरिका का चीन के साथ व्यापार घाटा चौथी तिमाही में 14 अरब डॉलर बढ़कर -355 अरब डॉलर हो गया, जबकि यूरोपीय यूनियन (EU) के साथ इसका घाटा -241 अरब डॉलर तक पहुंच गया. चीन ने मजबूत निर्यात प्रदर्शन किया, जिससे उसका व्यापार अधिशेष (trade surplus) 2022 के बाद के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गया.

2025 में व्यापार के सामने बड़ी चुनौतियांरिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि 2025 में वैश्विक व्यापार के विखंडन (global fragmentation) को रोकना सबसे बड़ी चुनौती होगी. देशों के बीच अलग-अलग व्यापारिक ब्लॉक बनने से लॉन्ग-टर्म ग्रोथ प्रभावित हो सकती है. हालांकि, रिपोर्ट ने यह भी संकेत दिया कि व्यापार मुद्रास्फीति (trade inflation) लगभग शून्य के करीब आ गई है, जिससे व्यापारिक लागत स्थिर बनी रह सकती है.

भारत के लिए क्या मायने रखता है?भारत के लिए यह रिपोर्ट सकारात्मक संकेत देती है, क्योंकि सेवा क्षेत्र के बढ़ते प्रभाव और आयात-निर्यात में स्थिरता से देश की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है. हालांकि, 2025 में संभावित व्यापारिक अस्थिरता से निपटने के लिए नीति-निर्माताओं को सतर्क रहना होगा.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :March 15, 2025, 22:11 ISThomebusinessखूब हुई दबाने की कोशिश, फिर भी निकल गया आगे भारत! चीन से मिलाया कंधा

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