Last Updated:May 18, 2025, 14:55 ISTभारत ने बांग्लादेश से रेडीमेड कपड़े, प्रोसेस्ड फूड और प्लास्टिक उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध लगाया है. यह कदम भारतीय एमएसएमई को राहत देने के लिए उठाया गया है.हाइलाइट्सभारत ने बांग्लादेश से आयात पर प्रतिबंध लगाया.प्रतिबंध से भारतीय एमएसएमई को राहत मिलेगी.बांग्लादेश के 77 करोड़ डॉलर के निर्यात पर असर.नई दिल्ली. भारत सरकार ने बांग्लादेश से आने वाले कई उत्पादों के आयात पर नया प्रतिबंध लगाकर एक बड़ा कदम उठाया है. इसमें रेडीमेड कपड़े, प्रोसेस्ड फूड और प्लास्टिक से बनी चीजें शामिल हैं. अब ये सामान सिर्फ दो समुद्री बंदरगाहों – न्हावा शेवा (मुंबई) और कोलकाता – से ही भारत में आ सकेंगे. इसके अलावा पूर्वोत्तर राज्यों जैसे असम, त्रिपुरा, मेघालय और मिजोरम के लैंड कस्टम स्टेशन और इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट से इन सामानों की एंट्री पूरी तरह बंद कर दी गई है.
इस फैसले का सीधा असर बांग्लादेश के 77 करोड़ डॉलर (₹6500 करोड़) के निर्यात पर पड़ेगा, जो भारत के साथ उसके कुल द्विपक्षीय व्यापार का लगभग 42 प्रतिशत हिस्सा है. सिर्फ रेडीमेड कपड़ों की बात करें तो करीब 61.8 करोड़ डॉलर के वस्त्र अब सिर्फ दो बंदरगाहों से होकर ही भारत में आ सकेंगे, जिससे बांग्लादेश के लिए भारत का यह मुख्य व्यापार रास्ता काफी सीमित हो गया है.
क्या होगा फायदा?
इस कदम का मकसद भारत के घरेलू रेडीमेड गारमेंट उद्योग, खासकर एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों) को राहत देना है, जो लंबे समय से बांग्लादेशी प्रतिस्पर्धा से जूझ रहे थे. ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के मुताबिक, बांग्लादेश को चीन से बिना टैक्स सस्ते कपड़े मिलते हैं और उसे निर्यात पर सब्सिडी भी मिलती है, जिससे वह भारत के बाजार में 10–15% सस्ते दामों पर कपड़े बेचता है. GTRI के फाउंडर अजय श्रीवास्तव ने कहा कि यह फैसला भारतीय एमएसएमई को प्रतिस्पर्धा में टिकने में मदद करेगा.
परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (AEPC) के उपाध्यक्ष ए. शक्तिवेल ने भी इस फैसले का समर्थन किया है. उनका कहना है कि घरेलू निर्यातकों की लंबे समय से मांग थी कि ऐसे प्रतिबंध लगाए जाएं ताकि भारतीय उद्योग को नुकसान न हो. उन्होंने इसे सरकार का सही और सकारात्मक कदम बताया.
यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब बांग्लादेश के प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस ने भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों को लेकर विवादास्पद बयान दिए थे और चीन की मदद से सिलीगुड़ी कॉरिडोर के पास लालमोनिरहाट में एयरबेस बनाने का प्रस्ताव सामने आया था. भारत इसे रणनीतिक दृष्टि से एक खतरे के रूप में देखता है क्योंकि सिलीगुड़ी कॉरिडोर ‘चिकन नेक’ कहा जाता है – यही भारत को उसके पूर्वोत्तर राज्यों से जोड़ता है. हालांकि, भारत ने यह भी साफ किया है कि यह प्रतिबंध नेपाल और भूटान की ओर जाने वाले बांग्लादेशी ट्रांजिट माल पर लागू नहीं होगा.
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बांग्लादेश से बातचीत रहे जारी
GTRI के अजय श्रीवास्तव का यह भी कहना है कि बांग्लादेश भले ही चीन के नज़दीक जा रहा हो, लेकिन भारत को बातचीत के दरवाजे बंद नहीं करने चाहिए. एक बड़े पड़ोसी और क्षेत्रीय ताकत होने के नाते भारत की ज़िम्मेदारी है कि वह धैर्य के साथ बातचीत जारी रखे और व्यापार को दबाव बनाने के हथियार के रूप में इस्तेमाल न करे. उनके मुताबिक, कूटनीति और आर्थिक सहयोग के जरिए आपसी विश्वास को फिर से मजबूत किया जा सकता है.
Jai Thakurजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे…और पढ़ेंजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे… और पढ़ेंभारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessबांग्लादेश से आयात रोकने भारत में किसे होगा सबसे ज्यादा फायदा?
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