भूल से भी मत भूलना नोटिस पीरियड पूरा करना, नहीं तो चुकाना होगा दोगुना टैक्‍स

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Last Updated:January 28, 2025, 11:40 ISTIncome Tax on Salary : प्राइवेट सेक्‍टर में नौकरी करते हैं तो नोटिस पीरियड के बारे में अच्‍छी तरह जानते होंगे. क्‍या आपको पता है कि अपनी कंपनी का नोटिस पीरियड सर्व नहीं करने पर आपको दोहरा इनकम टैक्‍स चुकाना पड़…और पढ़ेंनोटिस पीरियड सर्व नहीं करने पर दोहरा इनकम टैक्‍स लगता है. नई दिल्‍ली. नौकरी बदलना हमेशा उत्‍साहजनक रहता है. नई जगह, नया पैकेज और करियर में उछाल, आखिर किसे नहीं चाहिए. लेकिन, जितनी कोशिश आप नई नौकरी के लिए करते हैं, उसका कुछ हिस्‍सा नौकरी मिलने के बाद नोटिस पीरियड के लिए भी बचाकर रखना चाहिए. प्राइवेट सेक्‍टर में सभी कंपनियां अमूमन 1 महीने से लेकर 3 महीने का नोटिस पीरियड रखती हैं. अगर आपने यह नोटिस पीरियड पूरा नहीं किया और उसे किसी और तरीके से मैनेज करने की कोशिश तो समझ लीजिए इनकम टैक्‍स की दोहरी मार पड़ने वाली है.

कई बार ऐसा होता है कि आपकी नई कंपनी नोटिस पीरियड का इंतजार करने के लिए तैयार नहीं होती और वह पुरानी कंपनी की ओर से लगने वाली पेनाल्‍टी की भरपाई करने के लिए भी तैयार हो जाती है. ऐसे में लोगों को लगता है कि उनकी समस्‍या का समाधान हो गया और अब नोटिस पीरियड सर्व नहीं करने के बावजूद उन्‍हें कोई नुकसान नहीं होगा. लेकिन, यह मामला इतना आसान नहीं है. नई कंपनी की ओर से इसकी भरपाई करने के बावजूद कर्मचारी को नोटिस सर्व न करने की पूरी कीमत चुकानी होगी.

कैसे महंगा पड़ता है नोटिस पीरियडनोटिस पीरियड छोड़ने का मतलब सिर्फ सैलरी छोड़ना नहीं है. यह दोहरे टैक्सेशन का कारण भी बन सकता है. कर्मचारियों पर उनके पिछले नियोक्ता द्वारा काटी गई सैलरी और उनके नए नियोक्ता द्वारा दी गई भरपाई दोनों पर टैक्स लगता है. यह एक टैक्स जाल है जो कई लोगों को चौंका देता है. इसका मतलब हुआ कि भले ही आपको नोटिस पीरियड के दौरान मिलने वाली सैलरी का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन टैक्‍स आपसे दोगुना वसूला जाएगा, जो हजारों रुपये हो सकता है.

आसान भाषा में ऐसे समझेंमान लीजिए एक कर्मचारी की सैलरी 50 हजार रुपये महीने है और उन्‍हें इस्‍तीफा देकर दूसरी कंपनी ज्‍वाइन करनी है. इस्तीफा देने पर उन्हें दो महीने का नोटिस पीरियड पूरा करना होता है, लेकिन वे इसे छोड़ देते हैं. इस पर उनका पुराना नियोक्‍ता 1 लाख रुपये की वूसली करता है, जो नोटिस पीरियड रिकवरी के रूप में जाना जाता है. कर्मचारी को इसका नुकसान नहीं उठाना पड़ रहा, क्‍योंकि उनकी नई कंपनी 1 लाख रुपये का भुगतान करके उन्‍हें जल्‍द से जल्‍द ज्‍वाइन कराना चाहती है. यहां तक तो सब ठीक है, लेकिन कर्मचारी को झटका तब लगता है, जब उसे पता चलता है कि पुरानी कंपनी ने उस पर पूरे 12 महीने की सैलरी का टैक्‍स लगाया है, जबकि 2 महीने की सैलरी उसे देने के बजाय, वसूल ली है. इतना ही नहीं, नई कंपनी भी उस कर्मचारी पर उन 2 महीने की सैलरी पर टैक्‍स लगाती है, जो उसे नोटिस पीरियड सर्व करने के बदले में दी गई थी. इस 12 महीने की सैलरी के बजाय 14 महीने की सैलरी पर टैक्‍स चुकाना पड़ता है.

एक्‍सपर्ट का कहना हैइनकम टैक्‍स एक्‍सपर्ट का कहना है कि इस मामले में अगर नियोक्ता कर्मचारी की सैलरी से बिना सेवा किए गए नोटिस के लिए राशि काटता है, तो पूरी ग्रॉस सैलरी (कटौती से पहले) को टैक्सेबल इनकम माना जाता है. इसका मतलब है कि कर्मचारी उस आय पर टैक्स चुकाता है जो उसने कभी प्राप्त नहीं की. दूसरी ओर, अगर नया नियोक्ता कर्मचारी को नोटिस पीरियड की भरपाई करता है, तो यह भुगतान कर्मचारी की टैक्सेबल इनकम में जोड़ा जाता है. इस समस्या की जड़ आयकर अधिनियम में है, जो सैलरी इनकम में ‘देय या प्राप्त’ आधार पर टैक्स की गणना करता है. इनकम टैक्‍स एक्‍ट की धारा 15 के अनुसार, कर्मचारियों की पूरी सैलरी पर टैक्स लगता है, चाहे उन्होंने इसे वास्तव में प्राप्त किया हो या नहीं. बिजनेस में बैड लोन या अप्राप्त आय के लिए कटौती का दावा कर सकते हैं, जबकि कर्मचारियों के पास ऐसी कोई सुविधा नहीं है.

आखिर क्‍यों बना है ऐसा कानूनइनकम टैक्‍स की धारा 15 तब टैक्स लगाती है जब सैलरी देय हो जाती है. यह ढांचा नोटिस पीरियड रिकवरी के मामलों में कर्मचारियों के लिए कोई स्पष्ट राहत नहीं देता. अधिनियम सैलरी इनकम से तीन कटौतियों की अनुमति देता है. स्टैंडर्ड डिडक्शन, एंटरटेनमेंट अलाउंस के लिए कटौती और प्रोफेशनल टैक्स के लिए कटौती. यह कर्मचारियों को उनकी कभी प्राप्त न की गई सैलरी के लिए समायोजन की अनुमति नहीं देता. इस विसंगति को दूर करना केंद्रीय बजट 2025 में प्राथमिकता होनी चाहिए. इसमें बदलाव हो ताकि कर्मचारी धारा 16 के तहत नोटिस पीरियड रिकवरी के लिए कटौती का दावा कर सकें. इसे लागू करने के लिए नियोक्ताओं को फॉर्म 16 में वसूली गई राशियों को अलग से रिपोर्ट करना होगा.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :January 28, 2025, 11:40 ISThomebusinessभूल से भी मत भूलना नोटिस पीरियड पूरा करना, नहीं तो चुकाना होगा दोगुना टैक्‍स

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