Last Updated:March 05, 2025, 17:07 ISTNew Income Tax Rule : इनकम टैक्स का नया कानून कर अधिकारियों को लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट और ईमेल तक खंगालने की ताकत देता है. इस कानून के तहत अब टैक्स अधिकारी बिटक्वॉइन के निवेश को तलाशने के लिए डिजिटल एक्…और पढ़ेंइनकम टैक्स विभाग डिजिटल अकाउंट का एक्सेस ले सकेगा. हाइलाइट्सइनकम टैक्स विभाग सोशल मीडिया और ईमेल की जांच करेगा.क्रिप्टो निवेश की जानकारी जुटाने के लिए नया कानून.टैक्स चोरी रोकने के लिए डिजिटल एक्सेस की अनुमति.नई दिल्ली. इनकम टैक्स विभाग आपकी पाई-पाई पर नजर रखने के लिए अब सोशल मीडिया और ईमेल तक पहुंच बनाएगा. विभाग की मंशा हर तरह के निवेश और संपत्ति तक पहुंच बनाने की है. इनकम टैक्स बिल 2025 में टैक्सपेयर्स तक इस पहुंच को बनाने के लिए अधिकारियों को कई अधिकार दिए गए हैं. विभाग का मानना है कि कई बार करदाता कुछ निवेश या खर्च की जानकारी नहीं देते, जबकि उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर इससे जुड़ी जानकारियां रहती हैं.
दरअसल, आयकर विधेयक, 2025 में एक प्रस्ताव है जो अधिकारियों को ईमेल और व्हाट्सएप चैट जैसी इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड तक पहुंचने की अनुमति देता है. इसका मकसद क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से जुड़ी जानकारियां जुटाना है. 1961 के आई-टी एक्ट को बदलने वाले बिल में डिजिटल क्षेत्र में मौजूदा तलाशी और जब्ती प्रावधानों का विस्तार किया गया है, जिससे अधिकारियों को यह अधिकार मिलेगा कि वे वर्चुअल संपत्तियों की जांच कर सकें. अगर उन्हें लगता है कि करदाता ने टैक्सेबल इनकम या निवेश को छुपाया है.
क्रिप्टो पर वसूलते हैं मोटा टैक्सविशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रस्ताव टैक्स चोरों को डिजिटल अर्थव्यवस्था में खामियों का फायदा उठाने से रोकेगा, खासकर जब भारत में क्रिप्टो ट्रेडिंग तेजी से बढ़ रही है. अभी क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर 30 फीसदी की दर से टैक्स लगाया जाता है, जिसमें 1 फीसदी स्रोत पर कर कटौती (TDS) शामिल है. यही कारण है कि कई निवेशक टैक्स बचाने के लिए क्रिप्टो में किए गए निवेश की जानकारी विभाग से छुपा जाते हैं.
जुटा सकेंगे टैक्स चोरी के सबूतप्रस्तावित कानून के तहत, संयुक्त आयुक्त से ऊपर के अधिकारी जरूरत पड़ने पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और डिजिटल प्लेटफार्मों के एक्सेस कंट्रोल को ओवरराइड कर सकते हैं. इसमें क्लाउड स्टोरेज, एन्क्रिप्टेड कम्युनिकेशन चैनल और डिजिटल एसेट एक्सचेंज तक पहुंच शामिल है, ताकि टैक्स चोरी के सबूत जुटाए जा सकें. इस कदम से कराधान शक्तियों को तकनीकी प्रगति के साथ जोड़ा जा सकेगा, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि क्रिप्टोकरेंसी जैसी वर्चुअल डिजिटल संपत्तियां निगरानी से बच न सकें.
आपके कंप्यूटर का एक्सेस भीबिल की धारा 247, जो अधिकृत अधिकारियों को कंप्यूटर सिस्टम या वर्चुअल डिजिटल स्पेस के एक्सेस कोड को ओवरराइड करके पहुंच प्राप्त करने की अनुमति देती है. यह पहले से मौजूद प्रावधान का सरल भाषा में पुनरावृत्ति मात्र है. इस कानून के तहत कर अधिकारियों को कोई अतिरिक्त शक्ति नहीं दी गई है. अभी आईटी अधिनियम की धारा 132 अधिकृत अधिकारियों को किसी भी व्यक्ति जिसके पास पुस्तकों, खातों या अन्य दस्तावेजों के रूप में इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड हैं, ऐसे दस्तावेजों का निरीक्षण करने और उन्हें जब्त करने की अनुमति देती है. इसके तहत डेस्कटॉप, मोबाइल, लैपटॉप, हार्ड डिस्क ड्राइव, स्टोरेज सर्वर, सॉफ्टवेयर एज ए सर्विस (SaaS) क्लाउड्स, एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ERP) सिस्टम और ईमेल, व्हाट्सएप, टेलीग्राम और क्रिप्टोकरेंसी जैसी वर्चुअल डिजिटल संपत्तियों तक भी पहुंच सकते हैं.
तेजी से बढ़ रहा क्रिप्टो में निवेशरॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग में भारी वृद्धि देखी जा रही है, खासकर छोटे शहरों में. देश के चार सबसे बड़े एक्सचेंजों पर बिटकॉइन, एथेरियम, डॉजकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी के ट्रेडिंग वॉल्यूम दिसंबर तिमाही में तिमाही-दर-तिमाही दो गुना से अधिक बढ़कर 1.9 अरब डॉलर हो गए. भारत का क्रिप्टो बाजार 2024 में 2.5 अरब डॉलर से बढ़कर 2035 में 15 अरब डॉलर से अधिक होने की उम्मीद है.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :March 05, 2025, 17:07 ISThomebusinessफेसबुक, इंस्टाग्राम पर होगी इनकम टैक्स की नजर, ईमेल और बैंक खाता सब खंगालेगा
stock market, share market, market update, trading news, trade news, nifty update,bank nifty, oxbig news, oxbig news network, hindi news, hindi news, business news, oxbig hindi news
English News