Last Updated:January 25, 2025, 14:39 ISTIncome Tax in Budget 2025 : मिडिल क्लास की तरह एक्सपर्ट को भी आने वाले बजट में बड़ी टैक्स कटौती की उम्मीद है. बैंक बाजार के सीईओ का कहना है कि सरकार को 3 तरह की टैक्स छूट देनी चाहिए, ताकि देश की विकास दर क…और पढ़ेंबजट में इनकम टैक्स पर छूट दिए जाने के कयास हैं. नई दिल्ली. 1 फरवरी को पेश होने बजट को लेकर लोगों को तमाम उम्मीदें हैं. इसमें सबसे ज्यादा कयास इनकम टैक्स को लेकर लगाए जा रहे हैं. तमाम एक्सपर्ट का कहना है कि इस बार सरकार आम आदमी के हाथ में ज्यादा पैसे देने के लिए टैक्स में छूट दे सकती है. इसे लेकर अब बैंकबाजार के सीईओ आदिल शेट्टी ने भी अपना अनुमान लगाया है. उनका कहना है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को अपने केंद्रीय बजट 2025 में 30% कर स्लैब की सीमा को बढ़ाना चाहिए.
बैंकबाजार के अनुसार, बजट 2025 में तीन महत्वपूर्ण आयकर बदलाव लाने की जरूरत है. 30% आयकर सीमा को बढ़ाकर 18 लाख रुपये करना, कर स्लैब का पुनर्गठन करना और कुल कमाई पर 30% की स्टैंडर्ड कटौती को लागू करना. अगर सरकार इन तीनों पर अपना फैसला करती है तो इससे मिडिल क्लास को बड़ी राहत मिलेगी. साथ ही अर्थव्यवस्था की विकास दर बढ़ाने में भी मदद मिलेगी.
क्या है 30 फीसदी टैक्स स्लैब का मामलाआदिल शेट्टी का कहना है कि साल 2020 से ही 30% टैक्स स्लैब 15 लाख रुपये पर ही बना हुआ है, जबकि इस दौरान कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स 21% बढ़ चुका है. हमारा मानना है कि इस सीमा को बढ़ाकर 18 लाख रुपये कर दिया जाए, ताकि महंगाई को ध्यान में रखते हुए शहरी वेतनभोगी व्यक्तियों को राहत मिल सके. इस बदलाव को पूरा करने के लिए ज्यादा कमाई वालों पर अधिक टैक्स लगाया जा सकता है.
टैक्स छूट के साथ स्लैब में भी राहत मिलेआदिल शेट्टी ने केवल टैक्स-फ्री इनकम की सीमा बढ़ाने पर चिंता जताई. उन्होंने टैक्स-फ्री इनकम को 10 लाख रुपये तक बढ़ाने की मांग अच्छी है, लेकिन इससे उच्च आय वालों पर टैक्स का बोझ बढ़ जाएगा. टैक्स स्लैब में सुधार सभी आय स्तरों के लिए समान रूप से होना चाहिए. 2023-24 के आंकड़ों के अनुसार, केवल 2% करदाताओं ने 77% आयकर का योगदान दिया. लिहाजा इनकम टैक्स स्लैब को भी तर्कसंगत बनाना जरूरी है.
30 फीसदी स्टैंडर्ड डिडक्शन जरूरी हैमिडिल क्लास के बीच बीमा और लंबी अवधि की बचत में गिरावट को लेकर आदिल शेट्टी ने चिंता जताई. उन्होंने कहा कि नई कर व्यवस्था में कटौतियों की अनुपस्थिति के कारण आवश्यक वित्तीय सुरक्षा में रुचि कम हो गई है. जीवन बीमा का प्रसार घट रहा है और मजबूत इक्विटी प्रदर्शन के बावजूद ईएलएसएस में निवेश कम हो रहा है. कम वेतनभोगी लोग छोटी बचत योजनाओं में रुचि ले रहे हैं और एनपीएस में भी रुचि कम है. ये रुझान चिंताजनक है, खासकर आर्थिक मंदी, घटती घरेलू बचत और स्थिर आय के बीच. बचत और बीमा के लिए टैक्स कटौती जरूरी है. लिहाजा पूरी इनकम पर 30% का फ्लैट स्टैंडर्ड डिडक्शन देना चाहिए.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :January 25, 2025, 14:39 ISThomebusiness15 लाख की इनकम वालों को मिलेगी 3 लाख की टैक्स छूट! बजट में होगा बड़ा ऐलान
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