जमीन के नीचे कहां है क्रूड ऑयल, कैसे लगता है इसका पता, क्‍या है पूरा प्रोसेस

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Last Updated:March 27, 2025, 14:33 ISTHow to Find Crude Oil : यूपी के बलिया जिले में कच्‍चे तेल का भंडार मिला है, लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर तेल कंपनियां जमीन से इतनी गहराई में तेल कैसे खोज निकालती हैं. क्‍या है इसका तरीका और कैसे पूरा होता है क…और पढ़ेंकच्‍चे तेल की खोज में सैटेलाइट की बड़ी भूमिका है. हाइलाइट्सयूपी के बलिया में कच्चे तेल का भंडार मिला है.सैटेलाइट और जीपीएस से जमीन के नीचे तेल का पता चलता है.तेल की पुष्टि के लिए विस्फोट कर भूकंप जैसी स्थिति बनाई जाती है.नई दिल्‍ली. कच्‍चा तेल यानी क्रूड ऑयल या काला सोना, जो भी कहिये आज की दुनिया में सबसे ज्‍यादा जरूरी चीजों में से एक है. आपकी बाइक-कार से लेकर प्‍लेन और विशालकाय समुद्री जहाज तक इसी एक चीज से चलते हैं. जिस देश के बाद क्रूड का जितना बड़ा भंडार, पैसे कमाने का उतना बड़ा मौका. अब सऊदी और कुवैत जैसे देशों को ही देख लीजिए, जहां ढंग से खेती करने की भी जमीन नहीं है. लेकिन, हजारों मील फैले रेत के नीचे है काले सोने का विशाल भंडार जो इन देशों को अरबों-खरबों की पूंजी देता है. लेकिन, सवाल ये है कि आखिर जमीन की इतनी गहराई में क्रूड ऑयल खोजा कैसे जाता है और कैसे इसका पता चलता है कि यहां कच्‍चे तेल का भंडार है.

हाल में यूपी के बलिया जिले से खबर आई है कि यहां तेल का विशाल भंडार होने का अनुमान है. इसकी भनक लगते ही ओएनजीसी ने यहां के खेतों की खुदाई शुरू कर दी है और कयास लगाए जा रहे कि जमीन से करीब 5 किलोमीटर नीचे तेज का विशाल भंडार है. यहां तक तो बात समझ में आती है, असल सवाल ये है कि आखिर किसी जगह पर जमीन के इतना नीचे तेल है, इसका पता चलता कैसे है और इसकी पुष्टि कैसे की जाती है.

कैसे मिलती है क्रूड की खबरकिसी जमीन के नीचे क्रूड है, इसकी सबसे पहले जानकारी होती है सैटेलाइट और जीपीएस के जरिये. इन विशेष तरह की सैटेलाइट्स में जमीन के कई किलोमीटर नीचे तक तस्‍वीरें लेने की क्षमता होती है. इन तस्‍वीरों से पता चलता है कि जमीन के नीचे तरल रूप में मौजूद चीज पानी है या फिर तेल. एक बार सैटेलाइट और जीपीएस की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद उस जगह पर तेल की पुष्टि का काम शुरू हो जाता है.

पुष्टि के लिए करते हैं विस्‍फोटसैटेलाइट और जीपीएस यह बता देते हैं कि जगह पर जमीन के नीचे तेल की संभावना है. अब इस तेल की पुष्टि का काम विस्‍फोट के जरिये किया जाता है. खोजकर्ता इस संभावित जगह पर जमीन के नीचे धमाका करते हैं, जिससे भूकंप जैसी स्थिति पैदा होती है. इस धमाके से धरती की सतह पर कंपन उत्‍पन्‍न होता है, जो प्रतिध्‍वनि पैदा करता है. यह प्रतिध्‍वनि एक और उपकरण कंपन पैड से गुजरती है, जो बताती है कि तरंगे किसी ठोस से टकराकर वापस आई हैं या फिर तेल जैसे किसी तरल पदार्थ से टकराकर. इस तरह, तेल होने की पुष्टि की जाती है.

फिर शुरू होता है खुदाई का कामएक बार तेल की पुष्टि हो जाने के बाद उस जगह से क्रूड निकालने के लिए खुदाई शुरू हो जाती है. अगर यह जमीन के नीचे है तो फिर कुआं बनाकर और पाइप डालकर ड्रिलिंग मशीन से खुदाई होती है और क्रूड ऑयल निकालकर उसे रिफाइन किया जाता है, जिससे पेट्रोल, डीजल, इंजन ऑयल सहित तमाम कई प्रोडक्‍ट बनाया जाता है. तो, इस तरह पूरा होता है काले सोने की खोज और उसे प्राप्‍त करने का प्रोसेस.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :March 27, 2025, 14:30 ISThomebusinessजमीन के नीचे कहां है क्रूड ऑयल, कैसे लगता है इसका पता, क्‍या है पूरा प्रोसेस

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