दिवाली वाले हफ्ते में कैसा होगा मार्केट का मूड, गिरेगा या चढ़ेगा शेयर बाजार? जानिए एक्सपर्ट्स की राय

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नई दिल्ली. शेयर बाजार में कोहराम मचा हुआ है. शेयर बाजार (Stock Market) के लिए बीता हफ्ता बेहद खराब साबित हुए हैं. वहीं,  28 अक्टूबर से शुरू हो रहे कारोबारी हफ्ते में बाजार केवल 4 दिन ही खुलेंगे. एनालिस्ट्स के मुताबिक, शेयर बाजारों की दिशा अगले हफ्ते के दौरान विदेशी निवेशकों की गतिविधियों, ग्लोबल ट्रेंड और कंपनियों के तिमाही नतीजों से तय होगी. मंथली डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट के निपटान की वजह से बाजार में कुछ और गिरावट देखने को मिल सकती है.

फॉरेन फंड की भारी निकासी और कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजे अच्छे नहीं रहने की वजह से पिछले हफ्ते बाजार में बड़ी गिरावट आई थी. एक एक्सपर्ट ने कहा कि अगले महीने की शुरुआत में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले निवेशकों के सतर्क रहने से निकट अवधि में बाजार में कमजोरी का रुख जारी रह सकता है.

1 नवंबर को एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग
दिवाली के मौके पर शुक्रवार (1 नवंबर) को शेयर बाजार बंद रहेंगे, लेकिन शाम को एक घंटे के लिए विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग होगा. बीएसई और एनएसई 1 नवंबर को दिवाली के अवसर पर एक घंटे का विशेष ‘मुहूर्त कारोबार’ आयोजित करेंगे, जो नए संवत 2081 की शुरुआत का प्रतीक है.

शॉर्ट टर्म में बाजार में गिरावट रहेगी जारी
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि शॉर्ट टर्म में बाजार में गिरावट जारी रहेगी. इस रुख में बदलाव एफआईआई की बिकवाली की रफ्तार कम होने और अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों के नतीजों पर निर्भर करेगा.’’

बाजार में उतार-चढ़ाव रहने की उम्मीद
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि. के रिसर्च हेड संतोष मीणा ने कहा, ‘‘आगे चलकर एफआईआई का फ्लोज बाजार की दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जबकि अक्टूबर के फ्यूचर एंड ऑप्शन निपटान की वजह से बाजार में उतार-चढ़ाव रहने की उम्मीद है. अभी दूसरी तिमाही के नतीजों का सेशन चल रहा है. ऐसे में आगामी तिमाही नतीजे बाजार को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. ग्लोबल मोर्चे पर जियोपॉलिटिकल इवेंट, विशेष रूप से ईरान-इजराइल टेंशन और कच्चे तेल की कीमतों पर इसका असर बाजार की दिशा के लिए अहम रहेगा.’’

इन डेटा पर रहेगी नजर
मीणा ने कहा, ‘‘अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले दुनियाभर के बाजार सतर्क और इंतजार करो का रुख अपना सकते हैं. अहम डेटा मसलन अमेरिका के रोजगार के डेटा, जीडीपी के डेटा, चीन का पीएमआई मैन्युफैक्चरिंग डेटा बाजार के लिए अहम इंडिकेटर होंगे. अमेरिका का मुख्य पीसीई प्राइस इंडेक्स 31 अक्टूबर को जारी होगा, जिसके आधार पर अमेरिकी केंद्रीय बैंक महंगाई का आकलन करता है. इसके अलावा बैंक ऑफ जापान भी 31 अक्टूबर को अपने ब्याज दर पर फैसला की घोषणा करने वाला है.’’

बिकवाली का सिलसिला बदलने की उम्मीद नहीं
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘अक्टूबर की शुरुआत में शुरू हुई एफपीआई की बिकवाली का सिलसिला जारी है और अभी इस रुख के पलटने का कोई संकेत नहीं है. चीन द्वारा प्रोत्साहन उपायों की घोषणा के बाद एफपीआई की बिकवाली शुरू हुई है. इसके अलावा चीन के शेयरों का वैल्यूएशन भी कम है. भारत में शेयरों के हायर वैल्यूएशन की वजह से एफपीआई बिकवाल बने हुए हैं.’’

Tags: Share market, Stock market

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