खतरे में नोएडा की पहचान! 50 साल में क्‍या से क्‍या बन गया शहर, कौन कर रहा कब्‍जा

Must Read

Last Updated:June 28, 2025, 18:00 ISTNoida @50 Years : आज से करीब 50 साल पहले नोएडा शहर को बसाने का काम जब शुरू हुआ था तो इसका मकसद उद्योगों को विकसित करना था. अब इस शहर की उद्योग वाली पहचान खतरे में है और अब यहां रिहायशी प्रोजेक्‍ट का विकास काफी …और पढ़ेंनोएडा को औद्योगिक विकास के लिए 1976 में बसाया गया था. हाइलाइट्सनोएडा की औद्योगिक पहचान खतरे में है.रिहायशी प्रोजेक्ट्स ने उद्योगों की जगह ले ली है.2031 मास्टर प्लान में बैलेंस बनाने की कोशिश.नई दिल्‍ली. नोएडा की पहचान खतरे में है, लेकिन क्‍यों. अगर बात समझ में नहीं आई तो शुरुआत इसके नाम से करते हैं. क्‍या आपको नोएडा का पूरा नाम पता है, Noida यानी न्‍यू ओखला इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी. इसका यह नाम ही शहर की असल पहचान और अस्तित्‍व है, जो अब खतरे में दिख रहा है. आखिर शहर को किस बात का और किससे खतरा है. कौन है जो इसके अस्तित्‍व को मिटाने पर आमादा है. इस पूरी कहानी और स्थिति को जानने के लिए शुरू से शुरुआत करते हैं.नोएडा शहर को साल 1976 में उत्‍तर प्रदेश इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट एक्‍ट के तहत बसाया गया था. इसका मकसद दिल्‍ली पर पड़ने पर उद्योगों के बोझ को कम करना था. यही वजह है कि नोएडा शहर को बसाकर वहां उद्योग लगाने के लिए जमीनें आवंटित की गईं. शुरुआत में तो यह सिर्फ औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए किया गया, लेकिन धीरे-धीरे 50 साल में यह पूरा मामला ही बदल चुका है. अब यह शहर उद्योगों के लिए नहीं रह गया है, तो सवाल ये है कि आखिर यहां किसका कब्‍जा हो गया.

शहर पर हो रहा किसका कब्‍जा
50 साल पहले उद्योगों के लिए बसाए गए इस शहर की जमीनों पर अब उद्योगों का कम और रिहायशी इलाकों का कब्‍जा अधिक हो गया है. दरअसल, इसकी शुरुआत तो साल 1990 से ही शुरू हो गई थी, जब यहां बिजली-पानी की अच्‍छी व्‍यवस्‍था होनी शुरू हुई थी. अच्‍छी कनेक्टिविटी और इन्‍फ्रा के विकास के साथ यहां रिहाइश बढ़ने लगी और दिल्‍ली पर बोझ भी कम होना शुरू हो गया. सैमसंग और मदरसन जैसी कंपनियों की यूनिट लगने के बाद यहां लोगों ने बसना भी शुरू कर दिया. अब तक शहर में 400 एकड़ से ज्‍यादा जमीनों पर IKEA, Dixon Technologies और Adani Group की कंपनियां लगाई जा चुकी हैं.

क्‍यों खतरे में है नोएडा का अस्तित्‍वनोएडा के अस्तित्‍व पर रिहायशी बिल्डिगों का कब्‍जा हो रहा है. आलम ये है कि आज नोएडा की कुल जमीनों में से 18.37 फीसदी पर इंडस्ट्रियल यूनिट हैं, जबकि 37.45 फीसदी जमीन पर आवासीय प्रोजेक्‍ट का कब्‍जा हो चुका है. राजधानी दिल्‍ली के महंगे होने की वजह से मध्‍य वर्ग के ज्‍यादातर लोग अब नोएडा में बसना चाहते हैं. फैक्‍ट्र्री वर्कर्स से लेकर मल्‍टीनेशनल कंपनियों में काम करने वाले तक, सभी के लिए नोएडा में अपना घर खरीदने का विकल्‍प मौजूद है.

अब बैलेंस बनाने की कोशिशनोएडा शहर के अस्तित्‍व पर बढ़ते इस खतरे को देखते हुए इसके मास्‍टर प्‍लान में बैलेंस बनाने की कोशिश की जा रही है. नोएडा के 2031 मास्‍टर प्‍लान में रिहायशी इलाकों के साथ इंडस्ट्रियल और कॉमर्शियल इलाकों के विकास को भी शामिल किया गया है. शहर के आगे के प्‍लान में इंडस्ट्रियल विकास के लिए जमीनों की कमी इसके अस्तित्‍व पर खतरा पैदा कर सकता है, जो असल में उसके उद्योगों को लेकर है.Pramod Kumar Tiwariप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि…और पढ़ेंप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि… और पढ़ेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessखतरे में नोएडा की पहचान! 50 साल में क्‍या से क्‍या बन गया शहर, अब किसका कब्‍जा

stock market, share market, market update, trading news, trade news, nifty update,bank nifty, oxbig news, oxbig news network, hindi news, hindi news, business news, oxbig hindi news

English News

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest Article

- Advertisement -