नई दिल्ली. ट्रेन की तरह फ्लाइट में यात्रा करने वालों को भी अनिवार्य रूप से बीमा लेना पड़ता है. विदेशी यात्रियों या अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए यह नियम और भी सख्त है. चूंकि, एयर इंडिया का विमान लंदन जा रहा था, लिहाजा यह एक अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट थी, भले ही इसमें ज्यादातर यात्री भारतीय थे. ऐसे में सवाल उठता है कि प्लेन क्रैश में जान गंवाने वाले यात्रियों को कितना बीमा मिल सकता है. अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए यात्रियों के इंश्योरेंस का क्या नियम है.अंतरराष्ट्रीय विमान दुर्घटना में यात्रियों को मिलने वाला मुआवजा मुख्य रूप से मॉन्ट्रियल कन्वेंशन 1999 (Montreal Convention) के तहत निर्धारित होता है, जिसे भारत सहित 130 से अधिक देशों ने अपनाया है. यह कन्वेंशन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में दुर्घटना, मृत्यु, चोट या सामान के नुकसान के लिए मुआवजे और क्षतिपूर्ति को निर्धारित करने के लिए बनाया गया था. एयर इंडिया जैसी एयरलाइंस, जो इस कन्वेंशन का पालन करती हैं, इसके नियमों के अनुसार मुआवजा प्रदान करती हैं.
कितनी होगी बीमा की रकम
मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के तहत एयरलाइन की जिम्मेदारी है कि वह लगभग 1.5 लाख अमेरिकी डॉलर या 12.5 करोड़ रुपये (अक्टूबर 2023 दरों के आधार पर) का बीमा हर यात्री के लिए सुनिश्चित करे. यह राशि हादसे में जान गंवाने वाले यात्रियों को या शारीरिक रूप अक्षम यात्रियों को दिया जाता है. बशर्ते दुर्घटना के लिए एयरलाइन की लापरवाही सिद्ध न हो. अगर लापरवाही सिद्ध होती है, तो मुआवजा असीमित हो सकता है, जो पीड़ित की आयु, कमाई और आश्रितों की स्थिति पर निर्भर करता है.
…तो बढ़ सकता है मुआवजाअगर यात्री की जान एयरलाइंस की किसी गलती या चूक की वजह से गई है तो बीमा और मुआवजे की राशि और बढ़ सकती है. जैसे अगर किसी यात्री की मृत्यु होती है और वह अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला था, तो कोर्ट में उच्च मुआवजा (कई करोड़ रुपये तक) का दावा किया जा सकता है.
हादसे में जिंदा बचे यात्रियों को क्या मिलेगा
अगर विमान हादसे में यात्री जिंदा बच गया है, लेकिन उसके सामान का नुकसान हुआ है तो प्रति यात्री लगभग 1.4 लाख रुपये का मुआवजा मिल सकता है, जिसमें चेक-इन और केबिन बैग के सामान शामिल हैं. अगर यात्री के पास कोई विशेष मूल्यवान वस्तु है तो यात्री को पहले से घोषणा करनी होती है, अन्यथा मुआवजा सीमित रहता है. अगर उसने एयरलाइंस को इसकी जानकारी दी है, तो नुकसान होने पर उसकी भरपाई का दावा किया जा सकता है.
एयर इंडिया कैसे देती है बीमा कवरेजएयर इंडिया अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए टाटा एआईजी के साथ यात्रा बीमा प्रदान करती है, जिसमें दुर्घटना मुआवजा शामिल हो सकता है. बीमा पॉलिसी के आधार पर मृत्यु की दशा में 41 लाख से लेकर 8.3 करोड़ रुपये तक का कवरेज दिया जाता है. इसका प्रीमियम 40.82 रुपये प्रति दिन से शुरू होता है, जो कवरेज और यात्रा अवधि के आधार पर बढ़ सकता है.
कैसे मिलेगा परिजनों को मुआवजामुआवजे के लिए यात्री या उनके आश्रितों को एयरलाइन (जैसे एयर इंडिया) या बीमा प्रदाता (टाटा एआईजी) के पास दावा दायर करना होता है. इसके लिए आवश्यक दस्तावेज जैसे बोर्डिंग पास, पासपोर्ट, चिकित्सा प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र और दुर्घटना की FIR कॉपी लगानी होती है. यह बात ध्यान रखने वाली है कि इसका दावा हादसे के 2 साल के भीतर कर दिया जाना चाहिए. यदि एयरलाइन या बीमा कंपनी कम मुआवजा देती है, तो यात्री मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के तहत सक्षम अदालत (जैसे भारत में उपभोक्ता अदालत या सिविल कोर्ट) में अपील कर सकते हैं.
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