Last Updated:February 19, 2025, 15:14 ISTRevenue from Kumbh Mela : यूपी के सीएम ने हाल में दावा किया कि महाकुंभ से सरकार को 3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का रेवेन्यू मिल सकता है. यह राजस्व सिर्फ 7.5 हजार करोड़ रुपये के निवेश पर आएगा. इस बात की पुष्टि…और पढ़ेंमहाकुंभ 2025 से सरकार को 3 लाख करोड़ मिलने का अनुमान है. हाइलाइट्समहाकुंभ से यूपी सरकार को 3 लाख करोड़ का राजस्व मिला.7,500 करोड़ रुपये के निवेश पर हुआ 3 लाख करोड़ का व्यापार.60 करोड़ श्रद्धालुओं के आने से हुआ बड़ा आर्थिक लाभ.नई दिल्ली. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने पिछले दिनों दावा किया था कि प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान सरकार को करीब 3 लाख करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा. उनके इस दावे के बाद कई विपक्षी नेताओं ने तंज कसना शुरू कर दिया और इसे बेबुनियाद बताया. लेकिन, अब व्यापार संगठन कैट ने भी सरकार के इन दावों की पुष्टि कर दी है. संगठन ने साफ बताया कि कैसे सरकार को इतना बड़ा राजस्व जुटाने में मदद मिली.
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल के अनुसार, प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित महाकुंभ 2025 के दौरान 45 दिनों में लगभग 60 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, जिससे 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के माल और सेवाओं का व्यापार होने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि विश्व के इस सबसे बड़े मानव समागम ने यह स्थापित कर दिया है कि आस्था में अर्थव्यवस्था का भी समावेश होता है और भारत में सनातन अर्थव्यवस्था की जड़ें काफ़ी मजबूत हैं, जो देश की मुख्य अर्थव्यवस्था का प्रमुख हिस्सा भी है.
पहले कितना था अनुमानखंडेलवाल ने बताया कि महाकुंभ शुरू होने से पूर्व 40 करोड़ लोगों के आगमन के आने की संभावना थी, जिससे 2 लाख करोड़ रुपये के व्यापार होने का अनुमान लगाया गया था. लेकिन, अब 26 फरवरी तक लगभग 60 करोड़ लोगों के महाकुंभ में आने के कयास लगाए जा रहे, जो लगभग तीन लाख करोड़ रुपये तक राजस्व पैदा कर सकता है. यूपी सरकार का दावा है कि अभी तक महाकुंभ में 53 करोड़ से ज्यादा शृद्धालु स्नान कर चुके हैं.
कहां से हुई है इतनी कमाईकैट के अनुसार, महाकुंभ के दौरान आर्थिक गतिविधियों में काफी तेजी रही है. इससे अतिथि सत्कार एवं आवास, खाद्य एवं पेय पदार्थ, परिवहन एवं लॉजिस्टिक्स, धार्मिक वस्त्र, पूजा सामग्री एवं हस्तशिल्प सहित अन्य वस्तुएं, कपड़ा, परिधान एवं अन्य उपभोक्ता वस्तुएं, स्वास्थ्य सेवाएं एवं वेलनेस सेक्टर, धार्मिक दान एवं अन्य धार्मिक आयोजन, मीडिया, विज्ञापन एवं मनोरंजन, बुनियादी ढांचा विकास एवं नागरिक सेवाएं, टेलीकॉम, मोबाइल, एआई तकनीक, सीसीटीवी कैमरा और अन्य तकनीकी उपकरणों के जरिये बड़ा व्यापार हो रहा है और बड़ी संख्या में लोगों को भी रोजगार मिला है.
150 किलोमीटर तक बरसा है पैसाकैट महासचिव के अनुसार, प्रयागराज के अलावा 150 किमी के दायरे में स्थित अन्य शहरों और गांवों में भी महाकुंभ के कारण बड़ा कारोबार हुआ और खूब पैसा बरसा. इसके अलावा अयोध्या में श्री राम मंदिर, वाराणसी में भगवान भोलेनाथ तथा आसपास के शहरों में भी लोग बड़ी संख्या में अन्य देवी देवताओं के दर्शन करने पहुंचे और इन शहरों को भी खूब कमाने का मौका मिला.
सरकार ने कितना पैसा खर्च कियामुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने बताया था कि महाकुंभ की तैयारियों के लिए सरकार ने प्रयागराज में करीब 7,500 करोड़ रुपये का निवेश किया था. ये पैसे 14 नए फ्लाईओवर बनाने, 6 अंडरपास और 200 से ज्यादा सड़कों को चौड़ा करने पर खर्च किए गए. इसके अलावा नए कॉरिडोर बनाने, रेलवे स्टेशन का विस्तार करने और एयरपोर्ट पर नया टर्मिनल बनाने में पैसा खर्च किया गया. इसके अलावा 1,500 करोड़ रुपये कुंभ मेले की व्यवस्था पर खर्च किया गया.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :February 19, 2025, 15:14 ISThomebusinessयूपी सरकार ने महाकुंभ से कैसे कमाया 3 लाख करोड़? व्यापार संगठन ने बताया हिसाब
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