नई दिल्ली. भारत के प्रमुख स्टाफिंग समूह टीमलीज सर्विसेज ने रोजगार, रोजगार योग्यता और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में क्रांतिकारी बदलाव करते हुए वित्त वर्ष 23-24 के लिए अपनी जॉब्स और सैलरी इंक्रीमेंट पर रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में बताया गया है कि देश के किस शहर में सबसे ज्यादा इंक्रीमेंट किए गए हैं और किस मेट्रो सिटी में सबसे कम सैलरी बढ़ी है. टीमलीज ने नौकरियों में अलग-अलग भूमिकाओं पर अध्ययन किया है.
रिपोर्ट के अनुसार, बैंगलोर अब भी नौकरी के अवसरों और वेतन वृद्धि के लिए भारत में अव्वल है, जहां पिछले साल के मुकाबले वेतन में औतन 9.3% की वृद्धि हुई है. यह वृद्धि एक टेक्नोलॉजी और बिजनेस हब के रूप में शहर की लंबे समय से चली आ रही प्रतिष्ठा को रेखांकित करती है. बैंगलोर में औसत मासिक वेतन 29,500 रुपये है, जो इसे देश में सबसे अधिक वेतन देने वाला शहर बनाता है. इसके बाद चेन्नई और दिल्ली आते हैं, जहां क्रमशः 7.5% और 7.3% वेतन वृद्धि दर्ज की गई है. चेन्नई में औसत मासिक वेतन 24,500 रुपये और दिल्ली में 27,800 रुपये हो गया है.
मुंबई ने भी बनाई जगहमुंबई और अहमदाबाद में भी वेतन में अच्छी बढ़ोतरी हुई है और इसने प्रमुख जॉब हब्स के तौर पर उनके महत्व की पुष्टि की है. मुंबई में औसत वेतन 25,100 रुपये है, जबकि पुणे में 24,700 रुपये है. यह दोनों महानगरों में प्रतिस्पर्धी वेतन स्तर बनाए रखता है. इन शहरों में वेतन वृद्धि 4% से 10% तक हुई है, जिसमें औसत मासिक वेतन 21,300 रुपये और 29,500 रुपये के बीच है.
किस सेक्टर ने बढ़ाई ज्यादा सैलरीउद्योग की बात करें तो रिटेल में 8.4% की दर से उल्लेखनीय वेतन वृद्धि दर्ज हुई है और यह टॉप परफॉर्मर के तौर पर उभरा है. इस रुझान के बाद कंज्यूमर ड्यूरेबल्स (5.2%) और बीएफएसआई (5.1%) आते हैं और यह दोनों ही क्षेत्र पेशेवरों के लिए मजबूत विकास के अवसर प्रदान कर रहे हैं. दूसरी ओर, लॉजिस्टिक्स, एफएमसीजी, हेल्थकेयर और फार्मा, और कंस्ट्रक्शन व रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों ने मध्यम वेतन वृद्धि दिखाई है. साथ ही कुशल पेशेवरों के लिए स्थिर वृद्धि दर्ज की है. सर्वाधिक वेतन देने वाले उद्योगों में टेलीकॉम (29,200 रुपये), मैन्युफैक्चरिंग, इंजीनियरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर (28,200 रुपये), हेल्थकेयर और फार्मा (27,600 रुपये) तथा कंस्ट्रक्शन और रियल एस्टेट (27,000 रुपये) शामिल हैं.
रेगुलर और अस्थायी दोनों कर्मचारियों का वेतन समानरिपोर्ट के अनुसार स्थायी और अस्थायी भूमिकाओं के लिए वेतन में समानता भी दिख रही है. विशेष रूप से कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, कंस्ट्रक्शन और रियल एस्टेट के साथ ही एग्रीकल्चर और एग्रोकेमिकल्स जैसे क्षेत्रों में इन क्षेत्रों में वेतन भिन्नता कम है. कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में केवल 6.3%, कंस्ट्रक्शन और रियल एस्टेट में 7.8%, एग्रीकल्चर और एग्रोकेमिकल्स में 7.9% और खुदरा में 8.1% का अंतर सामने आया है.
Tags: Business news, Employees salary, Salary hikeFIRST PUBLISHED : December 8, 2024, 22:31 IST
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