नई दिल्ली. सेबी (SEBI) ने छह कंपनियों को आईपीओ (IPO) लाने की मंजूरी दे दी है, जिनमें एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज, डॉर्फ-केटल केमिकल्स, विक्रम सोलर, ए-वन स्टील्स इंडिया, शांति गोल्ड इंटरनेशनल और श्रीजी शिपिंग ग्लोबल लिमिटेड शामिल हैं. ये सभी कंपनियां मिलकर शेयर बाजार से 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम जुटाने की तैयारी में हैं. इनके शेयर बीएसई और एनएसई दोनों स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्ट होंगे.
एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज, जो एचडीएफसी बैंक की कंपनी है, अपने आईपीओ से 2,500 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी करेगी और साथ ही एचडीएफसी बैंक 10,000 करोड़ रुपये के शेयर बिक्री के लिए पेश करेगा. यह कंपनी RBI के उस निर्देश के चलते बाजार में आ रही है, जिसमें कहा गया था कि बड़े नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल संस्थानों को 2025 तक खुद को लिस्ट कराना होगा.
वहीं डॉर्फ-केटल केमिकल्स का आईपीओ 5,000 करोड़ रुपये का होगा, जिसमें 1,500 करोड़ रुपये के ताजा शेयर और 3,500 करोड़ की बिक्री पेशकश शामिल है. यह कंपनी खासतौर पर ऑयल एंड गैस, रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल इंडस्ट्री को रसायन सप्लाई करती है. विक्रम सोलर का फोकस सोलर सेल और मॉड्यूल उत्पादन पर है. यह कंपनी 1,500 करोड़ के नए शेयर और 1.74 करोड़ इक्विटी शेयरों की बिक्री के जरिये फंड जुटाएगी.
ए-वन स्टील्स इंडिया 600 करोड़ रुपये के नए शेयर और 50 करोड़ के शेयरों की बिक्री के जरिये बाजार से पैसा जुटाएगी. शांति गोल्ड इंटरनेशनल 1.8 करोड़ नए शेयर जारी करेगी, जबकि श्रीजी शिपिंग ग्लोबल 2 करोड़ नए शेयर लाएगी. ये दोनों कंपनियां अपने विस्तार और ऋण चुकौती के लिए फंड का इस्तेमाल करेंगी.
इस साल अब तक आईपीओ मार्केट में जबरदस्त हलचल देखने को मिली है. जनवरी से मई 2025 के बीच करीब 35 से ज्यादा कंपनियों ने पब्लिक ऑफरिंग्स के जरिए बाजार में कदम रखा है, जिनमें कुछ बड़े नाम जैसे रॉयल इंफ्रा, मोबिक्विक, फैशन ब्रांड वी-मार्ट और स्टीलमैन टेलीकॉम जैसे नाम शामिल हैं. इनमें से कई कंपनियों को निवेशकों से अच्छा रिस्पॉन्स मिला, वहीं कुछ की लिस्टिंग कमजोर रही.
आईपीओ से जुटाई गई राशि का उपयोग कंपनियां आमतौर पर अपने विस्तार, ऋण चुकाने या नई परियोजनाओं में निवेश के लिए करती हैं. बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि FY25 की पहली छमाही में आईपीओ बाजार और भी ज्यादा सक्रिय रहेगा, क्योंकि कई कंपनियां बाजार की मौजूदा अनुकूल स्थिति का फायदा उठाना चाहती हैं.
इन ताजा मंजूरियों के बाद अब निवेशकों के पास नए क्षेत्रों में निवेश करने का मौका होगा, जिसमें फाइनेंस, रसायन, अक्षय ऊर्जा, मेटल्स और शिपिंग जैसे सेक्टर शामिल हैं. हालांकि, किसी भी आईपीओ में निवेश से पहले निवेशकों को कंपनी का डीआरएचपी (ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस) जरूर पढ़ना चाहिए और यह देखना चाहिए कि उस कंपनी की फंडामेंटल स्थिति और बाजार में प्रतिस्पर्धा कैसी है.
अगर बाजार की मौजूदा गति बनी रही, तो 2025 के अंत तक भारत का आईपीओ बाजार एक नया रिकॉर्ड बना सकता है. वित्त वर्ष 2024-25 में कई यूनिकॉर्न कंपनियों और बड़ी निजी कंपनियों के भी आईपीओ आने की उम्मीद है, जिससे बाजार में पूंजी प्रवाह और तेज हो सकता है.
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