गरीबों की ओर झुका हुआ है जीएसटी? क्या सच में मिलता है इसका फायदा?

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Last Updated:July 13, 2025, 11:00 ISTNIPFP की रिपोर्ट के अनुसार GST सिस्टम गरीबों पर कम और अमीरों पर ज्यादा बोझ डालता है. वरिष्ठ अर्थशास्त्री अजीत रानाडे ने इस निष्कर्ष पर सवाल उठाए हैं. GST काउंसिल स्लैब में बदलाव पर विचार कर रही है.एक रिपोर्ट में जीएसटी को प्रगतिशील बताया गया है. हाइलाइट्सGST गरीबों पर कम और अमीरों पर ज्यादा बोझ डालता है.अर्थशास्त्री अजीत रानाडे ने NIPFP रिपोर्ट पर सवाल उठाए.GST काउंसिल स्लैब में बदलाव पर विचार कर रही है.नई दिल्ली. भारत का वस्तु एवं सेवा कर (GST) सिस्टम गरीबों और अमीरों पर किस तरह असर डालता है, इस पर एक नई बहस छिड़ गई है. नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (NIPFP) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का GST सिस्टम ‘थोड़ा प्रगतिशील’ (moderately progressive) है, यानी यह गरीबों पर कम और अमीरों पर ज्यादा बोझ डालता है. लेकिन इस निष्कर्ष पर वरिष्ठ अर्थशास्त्री अजीत रानाडे ने सवाल उठाए हैं और इसे “हैरान करने वाला” बताया है.

NIPFP के प्रोफेसर सच्चिदानंद मुखर्जी की रिपोर्ट, NSSO के 2022–23 के घरेलू उपभोग सर्वे (HCES) पर आधारित है, जिसमें 2.6 लाख ग्रामीण-शहरी परिवारों और 390 वस्तुओं के खपत आंकड़े शामिल हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि GST लागू होने के बाद उपभोग की असमानता घटी है, जिससे यह कहा जा सकता है कि GST का redistributive effect (पुनर्वितरण प्रभाव) सकारात्मक है.

रिपोर्ट के मुताबिक:

ग्रामीण भारत में GST का बोझ:

नीचे के 50% लोगों पर – 31%

मध्य 30% पर – 31%

टॉप 20% पर – 37%

शहरी भारत में:

नीचे के 50% – 29%

मध्य 30% – 30%

टॉप 20% – 41%

इस आधार पर रिपोर्ट कहती है कि GST व्यवस्था थोड़ी प्रगतिशील हो सकती है.

अजीत रानाडे ने क्या कहा?

वरिष्ठ अर्थशास्त्री अजीत रानाडे ने इस निष्कर्ष पर LinkedIn पर प्रतिक्रिया दी और लिखा कि अगर GST पूरी तरह एक समान दर और हर वस्तु पर लागू होती, तो यह प्रगतिशील नहीं हो सकती थी. उन्होंने कहा, “गरीब अपनी आमदनी का ज्यादा हिस्सा खर्च करते हैं, इसलिए कंजम्पशन टैक्स का बोझ उनके लिए ज्यादा होता है.” रानाडे ने यह भी जोड़ा कि भारत में GST अभी सिर्फ 50% GDP को कवर करता है और इसमें 0% से लेकर 28% तक की कई स्लैब हैं. इन कारणों से ही शायद रिपोर्ट को GST थोड़ा प्रगतिशील लगा है, लेकिन उन्होंने इसे “गैर-स्वाभाविक निष्कर्ष” बताया.

GST स्लैब में बदलाव की तैयारी

इसी बीच खबर है कि GST काउंसिल मौजूदा टैक्स स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव करने पर विचार कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, 5%, 12%, 18% और 28% के मौजूदा स्लैब को मिलाकर तीन स्लैब का नया सिस्टम लाया जा सकता है, जैसे 5%-14%-24% या 8%-16%-24%. अगर ऐसा होता है तो मोबाइल फोन जैसी आम चीजों पर टैक्स बढ़ सकता है.Jai Thakurजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे…और पढ़ेंजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे… और पढ़ेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessगरीबों की ओर झुका हुआ है जीएसटी? क्या सच में मिलता है इसका फायदा?

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