1 टैक्स को हटाकर 2 सेस लगाने की तैयारी में सरकार? क्या है इसका मकसद

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Last Updated:June 19, 2025, 18:41 ISTभारत में जीएसटी व्यवस्था में बदलाव की तैयारी है, जिसमें मार्च 2026 के बाद हेल्थ सेस और क्लीन एनर्जी सेस लागू करने पर विचार हो रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि इससे कर ढांचा जटिल हो सकता है.कौन से होंगे ये 2 तरह के सेसहाइलाइट्ससरकार हेल्थ सेस और क्लीन एनर्जी सेस लागू करने पर विचार कर रही है.विशेषज्ञों का मानना है कि नए सेस से कर ढांचा जटिल हो सकता है.हेल्थ सेस और क्लीन एनर्जी सेस पर जीएसटी काउंसिल में चर्चा होगी.नई दिल्ली. भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था को एक बार फिर नया रूप देने की तैयारी चल रही है. केंद्र सरकार मार्च 2026 में खत्म होने जा रहे मौजूदा ‘मुआवजा सेस’ (Compensation Cess) के बाद दो नए सेस लागू करने पर विचार कर रही है – एक ‘हेल्थ सेस’ और दूसरा ‘क्लीन एनर्जी सेस’. सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस प्रस्ताव पर विचार करने के लिए गठित मंत्रियों के समूह (Group of Ministers – GoM) की अगली बैठक जल्द बुलाई जा सकती है. यह समूह केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी की अध्यक्षता में काम कर रहा है और संभावना है कि मानसून सत्र से पहले इस पर जीएसटी काउंसिल में चर्चा हो.हेल्थ सेस का उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अतिरिक्त फंड जुटाना बताया जा रहा है. वहीं, क्लीन एनर्जी सेस के जरिए सरकार हरित ऊर्जा (green energy) को बढ़ावा देने की कोशिश कर सकती है. डेलॉइट इंडिया के पार्टनर एमएस मणि (MS Mani) ने चेताया है कि इन नए सेसों का प्रस्ताव जीएसटी के मूल उद्देश्य के खिलाफ हो सकता है. उनका कहना है कि “जीएसटी की सबसे बड़ी खूबी यह थी कि इसने कई टैक्सों और सेसों को खत्म कर एक सिंगल टैक्स सिस्टम लागू किया था. अब दो और नए सेस लाकर हम उसी जटिलता की ओर लौट रहे हैं जिससे हम निकले थे.”

क्या है परेशानी

मणि ने कहा कि मौजूदा मुआवजा सेस केवल कुछ उत्पादों जैसे कार और तंबाकू पर ही लागू होता है, लेकिन अगर इसकी जगह हेल्थ सेस और क्लीन एनर्जी सेस लाए जाते हैं, तो यह जरूरी हो जाता है कि:

हेल्थ सेस किस चीज को फंड करेगा?

क्लीन एनर्जी सेस किन वाहनों पर लगेगा – सिर्फ इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड गाड़ियों पर भी?
जीएसटी का मकसद और अब की स्थिति

जब जीएसटी को 2017 में लागू किया गया था, तो इसका उद्देश्य था भारत की अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को सरल बनाना. मुआवज़ा सेस राज्यों को जीएसटी से हुए राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए अस्थायी रूप से लाया गया था, जिसकी अवधि बाद में कोविड महामारी के कारण बढ़ाकर मार्च 2026 तक कर दी गई. अब जब इसकी समाप्ति नजदीक है, सरकार नए स्रोतों की तलाश में है – लेकिन जानकार मानते हैं कि इससे कर ढांचा और जटिल हो सकता है.Jai Thakurजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे…और पढ़ेंजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे… और पढ़ेंLocation :New Delhi,Delhihomebusiness1 टैक्स को हटाकर 2 सेस लगाने की तैयारी में सरकार? क्या है इसका मकसद

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